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'मित्र पुलिस' की मेस में हफ्ते में एक दिन अनिवार्य किया गया 'पहाड़ी खाना', सर्कुलर जारी - Uttarakhand Police promoting hill products,

'मित्र पुलिस' की मेस में हफ्ते में एक दिन पहाड़ी उत्पादों से बने खाने को अनिवार्य कर दिया गया है. अब उत्तराखंड पुलिस के जवानों को पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा.

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'मित्र पुलिस' को मिलेगा 'पहाड़ी खाना
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Published : Feb 10, 2020, 11:09 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पुलिस विभाग ने एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. जिसके तहत प्रदेशभर के सभी पुलिस इकाइयों की मेस में उत्तराखंड का पारंपरिक व्यजंन परोसा जाएगा. हफ्ते में एक दिन पुलिसकर्मियों को पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा.

इसमें मंडुवा, झंगोरा, काले भट्ट, कंडाली जैसे कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर उत्पादों को पुलिसकर्मियों के मील में शामिल किया जाएगा. पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में प्रदेशभर के सभी पुलिस इकाइयों को सर्कुलर जारी कर दिया है.

'मित्र पुलिस' को मिलेगा 'पहाड़ी खाना

हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान द्वारा इस विषय में 15 जनवरी 2020 को पुलिस मुख्यालय में एक प्रस्ताव बनाकर दिया गया था, जिसमें उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन को सप्ताह में एक दिन पुलिस विभाग की मेस में शामिल करने का अनुरोध किया गया था. इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग ने पहाड़ी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ये बड़ा फैसला लिया है.

पढ़ें-कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में प्लास्टिक खाते दिखे तीन बाघ, पार्क प्रशासन में मचा हड़कंप

पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही पौष्टिक भोजन पुलिसकर्मियों को मिलेगा: DG
डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों की 13 पुलिस लाइनों की मेस के अलावा 6 पीएसी बटालियन में पहाड़ी भोजन को सप्ताह में एक दिन अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा राज्य भर के 158 थाने और 30 अन्य इकाइयों की कंपनियों में सप्ताह में एक बार पहाड़ी भोजन का स्वाद पुलिसकर्मियों को दिया जाएगा. उन्होंने बताया इसका उद्देश्य पहाड़ी संस्कृति से जुड़े उत्पादों को बढ़ावा देना है. अशोक कुमार ने कहा कुमाऊं और गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में पौष्टिकता से भरपूर उत्पाद होते हैं. जिनका फायदा पुलिसकर्मियों को मिलेगा.

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पुलिस विभाग ने एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. जिसके तहत प्रदेशभर के सभी पुलिस इकाइयों की मेस में उत्तराखंड का पारंपरिक व्यजंन परोसा जाएगा. हफ्ते में एक दिन पुलिसकर्मियों को पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा.

इसमें मंडुवा, झंगोरा, काले भट्ट, कंडाली जैसे कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर उत्पादों को पुलिसकर्मियों के मील में शामिल किया जाएगा. पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में प्रदेशभर के सभी पुलिस इकाइयों को सर्कुलर जारी कर दिया है.

'मित्र पुलिस' को मिलेगा 'पहाड़ी खाना

हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान द्वारा इस विषय में 15 जनवरी 2020 को पुलिस मुख्यालय में एक प्रस्ताव बनाकर दिया गया था, जिसमें उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन को सप्ताह में एक दिन पुलिस विभाग की मेस में शामिल करने का अनुरोध किया गया था. इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग ने पहाड़ी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ये बड़ा फैसला लिया है.

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पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही पौष्टिक भोजन पुलिसकर्मियों को मिलेगा: DG
डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों की 13 पुलिस लाइनों की मेस के अलावा 6 पीएसी बटालियन में पहाड़ी भोजन को सप्ताह में एक दिन अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा राज्य भर के 158 थाने और 30 अन्य इकाइयों की कंपनियों में सप्ताह में एक बार पहाड़ी भोजन का स्वाद पुलिसकर्मियों को दिया जाएगा. उन्होंने बताया इसका उद्देश्य पहाड़ी संस्कृति से जुड़े उत्पादों को बढ़ावा देना है. अशोक कुमार ने कहा कुमाऊं और गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में पौष्टिकता से भरपूर उत्पाद होते हैं. जिनका फायदा पुलिसकर्मियों को मिलेगा.

Intro:summary-उत्तराखंड पुलिस मेस में अब सप्ताह में एक मिलेगा पहाड़ी व्यजंनो का स्वाद..



उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के दृष्टिगत अब पुलिस विभाग द्वारा भी एक कदम आगे बढ़ाया गया है। प्रदेशभर के सभी पुलिस इकाइयों के मेस में सप्ताह में एक दिन उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन व व्यंजनों को पुलिसकर्मियों को परोसा जाएगा। मडवा, झंगोरा,काले भटट,कण्डारी जैसे कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर उत्पादों उत्पादों का स्वाद अब पुलिसकर्मियों को भी मिल सकेगा। पुलिस मुख्यालय द्वारा इस विषय में प्रदेशभर के सभी पुलिस इकाइयों में सर्कुलर जारी कर अपनी-अपनी अपनी मेसों में इसे लागू करने के दिशा निर्देश पारित हुए हैं।


Body:हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी द्वारा इस विषय में 15 जनवरी 2020 को पुलिस मुख्यालय में एक प्रस्ताव बनाकर दिया गया था जिसमें उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन कर भोज को सप्ताह में 1 दिन पुलिस विभाग की मैच में शामिल करने का अनुरोध किया गया था। इसी पहल के दृष्टिगत पुलिस विभाग ने पहाड़ी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के मद्देनजर प्रदेशभर के सभी पुलिस मैसों में सप्ताह में 1 दिन पहाड़ी उत्पादों से बने भोजन और व्यंजनों को परोसने का निर्णय लिया है।


Conclusion:पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही पोस्टिक भोजन पुलिसकर्मियों को मिलेगा: DG

वहीं पहाड़ी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के दृष्टिगत इस विषय में जानकारी देते हुए महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों में 13 पुलिस लाइनों की मेस के अलावा 6 पीएसी बटालियन में सबसे बड़ी मेस से पहाड़ी भोजन को सप्ताह में 1 दिन अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा राज्य भर में 158 थाने और 30 अन्य इकाइयों की कंपनियों में सप्ताह में एक बार पहाड़ी भोजन का स्वाद पुलिसकर्मी अब ले सकेंगे। इसका सबसे बड़ा उद्देश्य पहाड़ी संस्कृति से जुड़े विलुप्त होने की कगार पर पहाड़ी खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देना हैं। वही दूसरी तरफ कुमाऊं और गढ़वाल पर्वतीय क्षेत्रों में पौष्टिकता से भरपूर उत्पाद से बने भोजन से पुलिसकर्मियों के सेहत में लाभ होगा।


बाइट - अशोक कुमार महानिदेशक,उत्तराखंड
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