देहरादून: उत्तराखंड में मंगलवार से राजनीति का अखाड़ा बना कांग्रेस उपाध्यक्ष अकील अहमद का बयान बीजेपी के नेताओं ने हाथों-हाथ लिया. हरीश रावत और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए बीजेपी ने कहा कि उत्तराखंड में अब मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनेगी. युवा बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने अकील अहमद के बयान को ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि हरीश रावत उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलेंगे.
एक यूजर ने ट्वीट किया कि जिन हार दा ने देवप्रयाग में संस्कृत यूनिवर्सिटी नहीं बनने दी अपने कार्यकाल में वो आज देवभूमि में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की बात कर रहे हैं- ये है @INCUttarakhand की उत्तराखण्डियत !
बीजेपी नेताओं के ट्वीट के बाद ईटीवी भारत ने इस खबर की जड़ में जाकर सच्चाई जानने का प्रयास किया. हमारी टीम सीधे इस वक्तव्य के सूत्रधार कांग्रेस उपाध्यक्ष अकील अहमद के पास पहुंची. हमने बिना लाग लपेट के अकील अहमद से पूछा कि क्या उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने की मांग की. क्या उन्हें मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने का वादा मिलने के बाद ही उन्होंने अपनी चुनाव लड़ने की दावेदारी वापस ली.
ईटीवी भारत के सवाल पर अकील अहमद ने अपना जवाब दिया. अकील अहमद ने कहा कि उन्होंने निर्दलीय रूप से पर्चा वापस लेने के दौरान ये मांग रखी है. हालांकि उन्होंने कांग्रेस की तरफ से सहमति नहीं मिलने की बात कही.
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अकील अहमद ने कहा कि राज्य में 18 प्रतिशत मुस्लिम हैं. उनके लिए यूनिवर्सिटी बननी चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा कि इस पर पार्टी ने सहमति नहीं जताई है. इसके बावजूद इस बयान पर विवाद गहराने लगा है. भाजपा को जहां बैठे बैठाए मुद्दा मिल गया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए अकील अहमद ने कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं कही. राज्य में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बननी चाहिए.
बीजेपी ने बनाया मुद्दा: बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष अकील अहमद के इस बयान को बड़ा मुद्दा बना लिया है. इसके बहाने बीजेपी नेता हरीश रावत पर निशाना साध रहे हैं. युवा बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने तो सीधे-सीधे कह दिया कि- अगर हरीश रावत मुख्यमंत्री बनते हैं तो वो उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलेंगे.
हरीश रावत खुद को बताते हैं सीएम उम्मीदवार: हरीश रावत को हालांकि कांग्रेस ने अभी सीएम पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. लेकिन हरीश रावत खुद को कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री मानकर चल रहे हैं. ऐसे में बीजेपी का ज्यादातर निशाना हरीश रावत पर ही होता है. कांग्रेस उपाध्यक्ष अकील अहमद के मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने की मांग पर भी बीजेपी हरीश रावत पर ही हमलावर है.
उत्तराखंड में हैं 13 फीसदी मुसलमान ? : उत्तराखंड में करीब 14 फीसदी मुस्लिम आबादी है. राज्य की विधानसभा के 70 सीटों पर चुनाव के तारीखों का ऐलान किया जा चुका है. प्रदेश के चार जिलों के 36 सीटों पर मुस्लिम मतदाता वोटिंग को प्रभावित करने की हैसियत रखते हैं.
इन चार जिलों में निर्णायक भूमिका में मुस्लिम मतदाता: उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं दोनों क्षेत्रों की बात करें तो यहां कुल चार ऐसे जिले हैं जहां मुस्लिम वोटर्स की अच्छी खासी आबादी है. गढ़वाल मंडल के हरिद्वार जिले में मुस्लिम मतदाताओं की लगभग 34 प्रतिशत आबादी है. इसी क्षेत्र के देहरादून में 13 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं की भागीदारी है. कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी लगभग 13 फीसदी है. उधमसिंह नगर में 23 फीसदी मुस्लिम मतदाता रहते हैं. इस तरह इन चार जिलों में मुस्लिम मतदाताओं का एकजुट वोट किसी भी दल और उम्मीदवार के भाग्य का फैसला करने के लिए निर्णायक माना जाता है.