देहरादून: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब यूक्रेन से उत्तराखंडी छात्रों की वापसी का सिलसिला जारी है. यूक्रेन में पहली बार अपनी आंखों के सामने बमबारी और लड़ाई देखने के बाद सुरक्षित वापस लौटे छात्रों के चेहरे पर सुकून दिखाई दे रहा है. मगर इसके साथ ही उन्हें अपने भविष्य की भी चिंता सता रही है. यूक्रेन से लौटे छात्रों ने भारत सरकार से उनकी आधी-अधूरी छूटी मेडिकल की पढ़ाई को पूरा करवाने की व्यवस्था करने की मांग की है.
यूक्रेन से स्वदेश लौटे छात्रों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. जिसमें उनसे जाना कि किस प्रकार के हालात के बीच वह स्वदेश लौटे हैं. यूक्रेन से लौटे अभिनव चौहान सहित शिल्पा ने बताया कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो वहां हर तरफ डर का था. कुछ दिन तक किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. सभी अपनी आंखों के सामने हो रही फायरिंग और बमबारी देखकर डरे हुए थे. छात्रों ने कहा एक बार तो उन्हें लग रहा था कि वे कभी सुरक्षित वापस नहीं लौट पाएंगे, लेकिन जिस तरह से सरकार ने उनकी मदद की है उससे आज वे सभी सुरक्षित हैं. वापस लौटे सभी छात्रों ने सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद कहा है.
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छात्रों ने बताया जब वे चेर्नोबिल से पोलैंड के लिए निकले, तो उन्हें कई किमी. पैदल चलना पड़ा. उसके बाद वे पोलैंड बॉर्डर पहुंचे. जहां भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने उन्हें अच्छी सुविधाएं दी.
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छात्रों ने बताया जब वे पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचे, तब जाकर उन्हें कहीं सुकून मिला. उसके बाद भारतीय अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया. बाद में बारी-बारी से सभी छात्रों को स्वदेश पहुंचाया. भारत सरकार के मंत्रियों ने भी उनका हौसला बढ़ाया. उत्तराखंड लौटे सभी छात्रों ने भारत सरकार का धन्यवाद किया. अब छात्रों ने भारत सरकार से मांग की है कि उनकी आधी-अधूरी छूटी मेडिकल की पढ़ाई को पूरा करवाने के लिए उचित व्यवस्था की जाए. जिससे कि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके.