देहरादून: सड़क सुरक्षा को लेकर देहरादून के पुलिस लाइन में सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम- 2020 आयोजित किया गया. जहां सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यातायात नियमों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी बताया. इसके साथ ही उन्होंने परिजनों को नाबालिगों को वाहन ना देने की बात कही. वहीं ठीक इसके उलट उत्तराखंड खेल महाकुंभ के समापन कार्यक्रम में खेल मंत्री नाबालिग खिलाड़ियों को स्कूटी बांटते नजर आये.
उत्तराखंड पुलिस सड़क सुरक्षा को लेकर आये दिन कोई न कोई कार्यक्रम चलाती रहती है. जिससे प्रदेश की जनता को सड़क सुरक्षा संबंधित जानकारियों के बारे में जागरुक किया जा सके. इसी क्रम में शनिवार को देहरादून के पुलिस लाइन में सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रम- 2020 को संबोधित करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यातायात नियमों का पालन करना हम सभी की जिम्मेदारी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि परिजनों को नाबालिग बच्चों को वाहन देने से बचना चाहिए. साथ ही सीएम ने कहा बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन नही चलाना चाहिए.
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वहीं देहरादून के परेड ग्राउंड में उत्तराखंड खेल महाकुम्भ के समापन कार्यक्रम में खेल मंत्री नाबालिग खिलाड़ियों को स्कूटी बांटते दिखे. प्रदेश में 25 नवंबर को खेल महाकुंभ की शुरुआत हुई थी. जिसमें प्रदेश स्तर पर 100 मीटर जीतने वाले अंडर-19 खिलाड़ियों को पुरुस्कार वितरित किये गये. अंडर-19 में 100 मीटर रेस में अच्छा प्रदर्शन करने वाले 20 बच्चों को चुना गया. जिसमें प्रथम और द्वितीय खिलाड़ी को कार और बाकी को स्कूटी से सम्मानित किया गया.
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ऐसे में सवाल ये उठता है कि एक ओर तो प्रदेश के सीएम नाबालिगों को वाहन न देने की वकालत कर रहे हैं वहीं प्रदेश के खेल मंत्री उसके ठीक उलट उन्हें स्कूटी दे रहे हैं. हालांकि इससे उनका उत्साहवर्धन जरूर होगा मगर सड़क सुरक्षा के लिहाज से देखा जाए तो ये अपने आप में कई सवाल खड़े करता है.
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जानकारी के लिए जब ईटीवी भारत की टीम ने विजेता खिलाड़ियों से बात किया तो पाया कि कुछ खिलाड़ियों को छोड़ बाकी सभी नाबालिग थे. यही नहीं उनमें से अधिकतर को स्कूटी चलानी भी नहीं आती है. ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि खुद सरकार नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. वहीं जब इस बारे में खेल मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चों को मोटिवेट करने के लिए कार और स्कूटी दी गयी है.