देहरादूनः कोरोना काल में मरीजों के परिजनों से अस्पताल द्वारा की गई इलाज के नाम पर लूट के मामलों में देहरादून के समाज सेवी अभिनव थापर और उनके सहयोगियों ने अभियान चलाने का निर्णय लिया है. अभिनव थापर ने ऐसे पीड़ितों से बिल की कॉपी लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.
समाजसेवी अभिनव थापर का कहना है कि अभियान के तहत प्रदेश भर में ऐसे लोगों से बिल की कॉपी ली जाएगी और इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में भी लाया जाएगा. इसके लिए उत्तराखंड के सभी कोरोना पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9870807913 और ईमेल आईडी abhinavthaparuk@gmail.com जारी की गई है. इस पर कोई भी निवासी अपने-अपने दोस्त, रिश्तेदारों, जानकारों के हॉस्पिटल, दवाई के बिल, कोविड की रिपोर्ट, डिस्चार्ज समरी ईमेल कर सकते हैं.
अभिनव थापर ने कहा कि पिछले दिनों पूरे भारत में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा था और इसकी चपेट में अधिकांश लोग आए. इस संक्रमण से लोगों को जान माल की हानि के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी परेशानी झेलनी पड़ी. इस दौरान निजी अस्पतालों ने जमकर लूट मचाई.
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सुप्रीम कोर्ट का किया रुखः अभिनव थापर ने कहा कि कोरोना काल में केंद्र सरकार की ओर से जून 2020 में प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए चार्ज सुनिश्चित किया गया था. उसके बावजूद कई राज्यों के मरीजों से कई गुना रकम वसूली गई. इन सब के दृष्टिगत देश में कोरोना मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों द्वारा अत्यधिक खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाई. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के संयुक्त पीठ ने इस याचिका के संबंध में प्राइवेट अस्पतालों के अत्यधिक बिल चार्ज करने की अनियमितताओं, मरीजों का रिफंड जारी करने पर पूरे देश के लिए सुनिश्चित कर कहा था कि आदेश जारी करने के विषय में स्वास्थ्य मंत्रालय केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था.
अभियान चलाने जा रहे सदस्यों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार ने 2 सितंबर 2020 को जारी गाइडलाइन के अनुसार कोरोना मरीजों हेतु प्राइवेट अस्पतालों में चार्ज निर्धारित किए थे. लेकिन उसके बावजूद राज्य के कई अस्पतालों ने मरीजों से लाखों रुपए वसूल किए. ऐसे में उन्हें कोविड पीड़ितों के लिए अत्यधिक बिल प्रतिपूर्ति संघर्ष अभियान चलाना पड़ रहा है. इस अभियान को पूरे प्रदेश में चलाने का संकल्प लिया है.