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देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रही मंदी, प्रदेश में भी गहराया संकट, देखिए खास रिपोर्ट

देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रही मंदी का असर प्रदेश के ऑटोमोबाइल मार्केट पर भी देखने को मिल रहा है. एआरटीओ देहरादून अरविंद पांडे का कहना है कि पूरे देश में मंदी की वजह से प्रदेश में भी मंदी का दौर चल रहा है.

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Published : Aug 15, 2019, 10:15 PM IST

ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रही मंदी.

देहरादून: देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले एक साल से मंदी के दौर से गुजर रहा है. जिसका असर प्रदेश के ऑटोमोबाइल मार्केट पर भी साफ देखा जा सकता है. सूबे की राजधानी देहरादून में ऑटोमोबाइल कंपनियों के शोरूम में पिछले कई महीनों से सन्नाटा पसरा हुआ है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रही मंदी को लेकर एआरटीओ देहरादून अरविंद पांडे का कहना है कि पूरे देश में मंदी की वजह से प्रदेश में भी मंदी का दौर चल रहा है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रही मंदी.

बता दें कि प्रदेश में पिछले वित्तीय वर्ष यानी साल 2018-19 में अप्रैल से जुलाई महीने के बीच लगभग 25,300 वाहनों का आरटीओ दफ्तर में रजिस्ट्रेशन कराया गया था. वहीं, इस वित्तीय वर्ष यानी कि साल 2019-20 के अप्रैल से लेकर जुलाई महीने के बीच अब तक महज 21,005 वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन कराया गया है.

पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया बड़ा ऐलान, अब 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' होगा

वहीं, एआरटीओ देहरादून अरविंद पांडे ने कहा कि राजधानी के ऑटोमोबाइल शोरूम में वाहनों की बिक्री में 25 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. जो कहीं न कहीं देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले लंबे समय से चल रही मंदी के असर को दर्शाता है.

देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रहे मंदी के दौर को लेकर वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार का मानना है कि मंदी के इस दौर की कई वजह हैं. सबसे बड़ी वजह निजी बैंकों का आर्थिक रूप से कमजोर होते चले जाना है. जिसकी वजह से आम लोगों को वाहन खरीदने के लिए लोन नहीं मिल रहा है और वाहनों की डिमांड घट रही है. सुशील ने कहा कि जीएसटी भी मंदी का एक बड़ा कारण हो सकता है.

फिलहाल 28 फीसदी जीएसटी वसूली जा रही है. ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापारी इसे घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में यदि जीएसटी रेट में कुछ कमी की जाए तो शायद ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से कुछ हद तक उभर पायेगा.

प्रदेश में साल 2018 के अप्रैल-जुलाई में पंजीकृत वाहनों की संख्या-

  • अप्रैल - 5,269
  • मई- 7,128
  • जून- 4897
  • जुलाई- 8006

प्रदेश में साल 2019 के अप्रैल-जुलाई में पंजीकृत वाहनों की संख्या-

  • अप्रैल- 5,624
  • मई- 5,200
  • जून- 4,882
  • जुलाई- 5,299

गौरतलब है कि सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने भी पहली बार ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी की बात को स्वीकारा है. अब तक देश भर में करीब साढ़े 3 लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी है और अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय मे 10 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे. इसके अलावा देशभर में इस साल जुलाई माह में पिछले साल की तुलना में चुपहिया वाहनों में 35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. साथ ही व्यवसायिक वाहनों की बिक्री में भी 37 फीसदी की कमी आई है.

देहरादून: देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले एक साल से मंदी के दौर से गुजर रहा है. जिसका असर प्रदेश के ऑटोमोबाइल मार्केट पर भी साफ देखा जा सकता है. सूबे की राजधानी देहरादून में ऑटोमोबाइल कंपनियों के शोरूम में पिछले कई महीनों से सन्नाटा पसरा हुआ है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रही मंदी को लेकर एआरटीओ देहरादून अरविंद पांडे का कहना है कि पूरे देश में मंदी की वजह से प्रदेश में भी मंदी का दौर चल रहा है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रही मंदी.

बता दें कि प्रदेश में पिछले वित्तीय वर्ष यानी साल 2018-19 में अप्रैल से जुलाई महीने के बीच लगभग 25,300 वाहनों का आरटीओ दफ्तर में रजिस्ट्रेशन कराया गया था. वहीं, इस वित्तीय वर्ष यानी कि साल 2019-20 के अप्रैल से लेकर जुलाई महीने के बीच अब तक महज 21,005 वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन कराया गया है.

पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया बड़ा ऐलान, अब 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' होगा

वहीं, एआरटीओ देहरादून अरविंद पांडे ने कहा कि राजधानी के ऑटोमोबाइल शोरूम में वाहनों की बिक्री में 25 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. जो कहीं न कहीं देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले लंबे समय से चल रही मंदी के असर को दर्शाता है.

देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रहे मंदी के दौर को लेकर वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार का मानना है कि मंदी के इस दौर की कई वजह हैं. सबसे बड़ी वजह निजी बैंकों का आर्थिक रूप से कमजोर होते चले जाना है. जिसकी वजह से आम लोगों को वाहन खरीदने के लिए लोन नहीं मिल रहा है और वाहनों की डिमांड घट रही है. सुशील ने कहा कि जीएसटी भी मंदी का एक बड़ा कारण हो सकता है.

फिलहाल 28 फीसदी जीएसटी वसूली जा रही है. ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापारी इसे घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में यदि जीएसटी रेट में कुछ कमी की जाए तो शायद ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से कुछ हद तक उभर पायेगा.

प्रदेश में साल 2018 के अप्रैल-जुलाई में पंजीकृत वाहनों की संख्या-

  • अप्रैल - 5,269
  • मई- 7,128
  • जून- 4897
  • जुलाई- 8006

प्रदेश में साल 2019 के अप्रैल-जुलाई में पंजीकृत वाहनों की संख्या-

  • अप्रैल- 5,624
  • मई- 5,200
  • जून- 4,882
  • जुलाई- 5,299

गौरतलब है कि सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने भी पहली बार ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी की बात को स्वीकारा है. अब तक देश भर में करीब साढ़े 3 लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी है और अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय मे 10 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे. इसके अलावा देशभर में इस साल जुलाई माह में पिछले साल की तुलना में चुपहिया वाहनों में 35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. साथ ही व्यवसायिक वाहनों की बिक्री में भी 37 फीसदी की कमी आई है.

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देहरादून- लगभग पिछले 1 साल से देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है। जिसका असर प्रदेश के ऑटोमोबाइल मार्केट पर भी साफ देखा जा सकता है ।

बात सूबे की राजधानी देहरादून की करें तो राजधानी देहरादून में मौजूद विभिन्न नामी ऑटोमोबाइल कंपनियों के शोरूम में पिछले कई महीनों से सन्नाटा पसरा हुआ है । जहां पिछले वित्तीय वर्ष यानी साल 2018-19 में अप्रैल से जुलाई माह के बीच लगभग 25,300 दो पहियाँ वाहनों और कार का RTO दफ्तर में रजिस्ट्रेशन कराया गया था । वहीं इस वित्तीय वर्ष यानी कि साल 2019-20 के अप्रैल से लेकर जुलाई माह के बीच अब तक महज 21,005 वाहनों का ही रजिस्ट्रेशन कराया गया हैं।

अप्रैल- जुलाई 2018 में RTO दफ्तर में रजिस्टर हुए वाहनों की संख्या-

साल 2018 वाहन

अप्रैल - 5,269
मई- 7,128
जून- 4897
जुलाई- 8006

साल 2019 वाहन

अप्रैल- 5,624
मई- 5,200
जून- 4,882
जुलाई- 5,299

वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए कि एआरटीओ देहरादून अरविंद पांडे का कहना था की राजधानी के ऑटोमोबाइल शोरूम में वाहनों की बिक्री में 25 फीसदी कमी साफ दर्ज की गई है जो कहीं न कहीं देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले लंबे समय से चल रही मंदी के असर को दर्शाता है ।



Body:गौरतलब है कि देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी का आलम कुछ यह है कि ऑटोमोबाइल मार्केट में हर तरह के वाहनों की बिक्री काफी घट चुकी है। पहली बार सियाम ( सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ) ने भी इस बात को स्वीकारा है कि मंदी के चलते ऑटो सेक्टर में अब तक देश भर में करीब साढ़े 3 लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं । वहीं यदि जल्द स्थिति में सुधार नही हुआ तो आने वाले समय मे 10 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जायेंगे ।






Conclusion:वहीं देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रहे मंदी के दौर को लेकर वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार का मानना है कि मंदी के इस दौर की कई वजह हैं । जो सबसे बड़ी वजह है वह है निजी बैंकों का आर्थिक रूप से कमजोर होते चले जाना । जिसकी वजह से आम लोगो को वाहन खरीदने के लिए लोन नही मिल रहा है और वाहनों की डिमांड घट रही है ।

वहीं ऑटो सेक्टर में मंदी का एक और बढ़ा कारण GST भी है। फ़िल्हाल 28 फीसदी जीएसटी वसूली जा रही है ।जिसेऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापारी घटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में यदि GST रेट में कुछ कमी की जाए तो शायद ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से कुछ हद तक उभर पायेगा ।

बता दें कि बीते 19 सालों में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में इतनी बड़ी गिरावट पहली बार दर्ज की गई है । देशभर में इस साल पिछले साल की तुलना में जुलाई माह में चुपहिया वाहनों 35 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है । इसके अलावा व्यवसायिक वाहनों की बिक्री में भी 37 फीसदी की कमी आई है।
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