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धूमधाम से मनाया जाएगा इगास बग्वाल पर्व, राज्य आंदोलनकारियों ने की सार्वजनिक छुट्टी की अपील

8 नवंबर को पूरे गढ़वाल में इगास का पर्व मनाया जाएगा. जिस कारण राज्य आंदोलनकारी मंच ने सरकार और शासन से मांग की है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रतीक पर प्रदेश सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की अपील की.

राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से की सार्वजनिक छुट्टी अपील
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Published : Nov 7, 2019, 10:51 PM IST

Updated : Nov 8, 2019, 12:12 PM IST

देहरादून: शुक्रवार को प्रदेश में संस्कृति और परंपरा का इगास बग्वाल पर्व मनाया जाएगा. जिसे लेकर इस साल लोगों में खासा उत्साह है. सोशल मीडिया पर इसे लेकर चलायी जा रही मुहिम ने इसे और भी खास बना दिया है. इसके अलावा राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के आह्वान के बाद चर्चित हस्तियों ने भी इगास को लेकर संदेश दिये हैं. वहीं, इस कड़ी में अब राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार से इगास के मौके पर सार्वजनिक अवकाश करने की अपील की है.

राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से की सार्वजनिक छुट्टी की अपील.


दरअसल, 8 नवंबर को पूरे गढ़वाल में इगास का पर्व मनाया जाएगा. जिस कारण राज्य आंदोलनकारी मंच ने सरकार और शासन से मांग की है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रतीक पर प्रदेश सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की अपील की. राज्य आंदोलनकारियों ने एलान किया है कि ढोल-दमाऊ की थाप पर झूमेलो कर दीपदान के साथ भेलौ जलाकर इगास मनाई जाएगी.

पढ़ें-सिक्कों की खन-खन से सभी हैं परेशान, आखिरकार क्यों कोई लेने को नहीं है तैयार?
राज्य आंदोलनकारियों के अलावा अखिल गढ़वाल सभा, सचिवालय संघ, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ ने मिलकर भी अपील करते हुए सरकार से अवकाश की अपील की. आंदोलकारियों ने कहा कि सरकार ने इससे पहले रैबार कार्यक्रम आयोजित किया था. अब अगर राज्य सरकार इस दिन पर अवकाश की घोषणा करती है तो रैबार कार्यक्रम का अर्थ सार्थक सिद्ध होगा.

पढ़ें-मानव श्रृंखला: प्लास्टिक के खिलाफ अभियान में प्लास्टिक का ही इस्तेमाल, सरकार की किरकिरी
उन्होंने कहा कि छुट्टी होने से लोग अपने गांवों में जाकर इस उत्सव को मना सकते हैं. स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का भी उद्देश्य है कि इस इगास में लोग अपने घर वापस आकर बग्वाल मनाये.

देहरादून: शुक्रवार को प्रदेश में संस्कृति और परंपरा का इगास बग्वाल पर्व मनाया जाएगा. जिसे लेकर इस साल लोगों में खासा उत्साह है. सोशल मीडिया पर इसे लेकर चलायी जा रही मुहिम ने इसे और भी खास बना दिया है. इसके अलावा राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के आह्वान के बाद चर्चित हस्तियों ने भी इगास को लेकर संदेश दिये हैं. वहीं, इस कड़ी में अब राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार से इगास के मौके पर सार्वजनिक अवकाश करने की अपील की है.

राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से की सार्वजनिक छुट्टी की अपील.


दरअसल, 8 नवंबर को पूरे गढ़वाल में इगास का पर्व मनाया जाएगा. जिस कारण राज्य आंदोलनकारी मंच ने सरकार और शासन से मांग की है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रतीक पर प्रदेश सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की अपील की. राज्य आंदोलनकारियों ने एलान किया है कि ढोल-दमाऊ की थाप पर झूमेलो कर दीपदान के साथ भेलौ जलाकर इगास मनाई जाएगी.

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राज्य आंदोलनकारियों के अलावा अखिल गढ़वाल सभा, सचिवालय संघ, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ ने मिलकर भी अपील करते हुए सरकार से अवकाश की अपील की. आंदोलकारियों ने कहा कि सरकार ने इससे पहले रैबार कार्यक्रम आयोजित किया था. अब अगर राज्य सरकार इस दिन पर अवकाश की घोषणा करती है तो रैबार कार्यक्रम का अर्थ सार्थक सिद्ध होगा.

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उन्होंने कहा कि छुट्टी होने से लोग अपने गांवों में जाकर इस उत्सव को मना सकते हैं. स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का भी उद्देश्य है कि इस इगास में लोग अपने घर वापस आकर बग्वाल मनाये.

Intro:उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रतीक और गढ़वाली दीपावली एक आस पर प्रदेश सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की राज्य आंदोलनकारियों ने अपील की है।


Body: राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि विकास के अवकाश को लेकर जिस तरह राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से अपील की है और राज्य आंदोलनकारियों के अलावा अखिल गढ़वाल सभा, सचिवालय संघ, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ ने मिलकर जॉइंट अपील सरकार से की थी कि इस बार एक इगास में अवकाश घोषित किया जाए। क्योंकि यह एक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। जब सरकार ने रैबार आयोजित किया लेकिन रैबार का अर्थ तभी सार्थक सिद्ध होगा जब इगास के दिन अवकाश घोषित किया जाता। क्योंकि इस दिन लोग अपने गंतव्य पर जा कर दीए जलाकर दीपावली मना कर वापस ड्यूटी पर चले जाएंगे स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का भी उद्देश्य है कि अपने घर आओ ऐसे में कोई अपने घर तभी आ सकता हैं जब उस दिन छुट्टी होगी।
बाइट प्रदीप कुकरेती राज्य आंदोलनकारी


Conclusion: दरअसल आगामी 8 नवंबर को पूरे गढ़वाल में ईगास का पर्व मनाया जा रहा है। राज्य आंदोलनकारी मंच ने सरकार और शासन से मांग की है कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रतीक और गढ़वाली दीपावली ईगास पर प्रदेश सरकार सार्वजनिक अवकाश घोषित करें। राज्य आंदोलनकारियों ने भी ऐलान किया है कि ढोल दमाऊ की थाप पर झूमेलो कर दीपदान के साथ भेलौ जलाकर ईगास धूमधाम से मनाई जाएगी।
Last Updated : Nov 8, 2019, 12:12 PM IST
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