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पीएम मोदी की पहल पर यहां तीन करोड़ लीटर जल संचय करेगा वन महकमा

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Published : Jul 14, 2019, 4:13 PM IST

उत्तराखंड वन विभाग ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर एक अहम कदम उठाया है. जिससे इस बरसात में करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित किया जाएगा.

तीन करोड़ लीटर जल संचय करेगा वन महकमा

देहरादूनः देश और प्रदेश में बढ़ रहे जल संकट को देखते हुए वन विभाग ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर बड़ी पहल की है. जिससे इस बरसात में वन विभाग करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित करेगा.

तीन करोड़ लीटर जल संचय करेगा वन महकमा.

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देशवासियों से जल संरक्षण करने का संकल्प लेने का आह्वान कर चुके हैं. उन्होंने लोगों से मिलकर पानी संरक्षित करने के लिए घरों के आसपास या किसी सरकारी कैंपस में छोटे-छोटे कच्चे गढ्ढे बनाने की बात कही है. लिहाजा, इस दिशा में उत्तराखंड वन विभाग ने भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर एक अहम कदम उठाया है.

इसे भी पढ़ेः टिहरी: राष्ट्रीय लोक अदालत में 89 वादों का निस्तारण

जल संरक्षण प्रोजेक्ट पर काम कर रहे देहरादून के उप प्रभागीय वन अधिकारी केपी वर्मा ने बताया कि देहरादून के रायपुर के वन्य क्षेत्र में बड़ी तादाद में छोटे-छोटे तालाब बनाए गए हैं. जिससे रेन वाटर को बहने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. फिलहाल, वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए 50 कच्चे तालाब और करीब 350 हेक्टेयर में छोटे-छोटे गड्ढे बनाये गए हैं. जिससे एक बरसात सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित होगा.

उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट से हर बरसात के सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी बचाया जा सकेगा. साथ ही इन क्षेत्रों में हुई बारिश का करीब 90 फीसदी पानी संरक्षित होगा और ये वर्षा के जल ग्राउंड वाटर को भी सीधा रिचार्ज करेगा. इस प्रोजेक्ट से स्थानीय लोगों को भी राहत मिलेगी. क्योंकि, बरसात का पानी उनके क्षेत्र में भर जाता था.

देहरादूनः देश और प्रदेश में बढ़ रहे जल संकट को देखते हुए वन विभाग ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर बड़ी पहल की है. जिससे इस बरसात में वन विभाग करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित करेगा.

तीन करोड़ लीटर जल संचय करेगा वन महकमा.

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देशवासियों से जल संरक्षण करने का संकल्प लेने का आह्वान कर चुके हैं. उन्होंने लोगों से मिलकर पानी संरक्षित करने के लिए घरों के आसपास या किसी सरकारी कैंपस में छोटे-छोटे कच्चे गढ्ढे बनाने की बात कही है. लिहाजा, इस दिशा में उत्तराखंड वन विभाग ने भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर एक अहम कदम उठाया है.

इसे भी पढ़ेः टिहरी: राष्ट्रीय लोक अदालत में 89 वादों का निस्तारण

जल संरक्षण प्रोजेक्ट पर काम कर रहे देहरादून के उप प्रभागीय वन अधिकारी केपी वर्मा ने बताया कि देहरादून के रायपुर के वन्य क्षेत्र में बड़ी तादाद में छोटे-छोटे तालाब बनाए गए हैं. जिससे रेन वाटर को बहने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. फिलहाल, वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए 50 कच्चे तालाब और करीब 350 हेक्टेयर में छोटे-छोटे गड्ढे बनाये गए हैं. जिससे एक बरसात सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित होगा.

उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट से हर बरसात के सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी बचाया जा सकेगा. साथ ही इन क्षेत्रों में हुई बारिश का करीब 90 फीसदी पानी संरक्षित होगा और ये वर्षा के जल ग्राउंड वाटर को भी सीधा रिचार्ज करेगा. इस प्रोजेक्ट से स्थानीय लोगों को भी राहत मिलेगी. क्योंकि, बरसात का पानी उनके क्षेत्र में भर जाता था.

Intro:दुनिया के हर प्राणी के जीवन का आधार जल है। बावजूद इसके जल का दुरुपयोग भी किया जा रहा है।आलम ये है कि अगर अभी से ही जल को संरक्षित नहीं किया गया तो और पानी के उपयोग करने में कमी नही लायी गयी तो आने वाले समय मे सभी को जल संकट के बड़े दौर से गुजरना पड़ेगा। ऐसे में अभी से बारिश के जल को संरक्षित करने की जरूरत है। ताकि आने वाले पीढ़ियों को जल के संकट से जूझना न पड़े।उत्तराखंड वन विभाग ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर बड़ी पहल की है। जिससे एक बरसात की सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित होगा। Body:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देशवासियों से जल संरक्षण करने का संकल्प लेने का आह्वान कर चुके हैं। अब ये आवाज भी बुलंद होने लगी है कि सभी लोगों को मिलकर पानी संरक्षित करना चाहिए, इसके लिए घर या किसी सरकारी कैंपस में छोटे-छोटे कच्चे गढ्ढे बनाये क्योकि अगर छोटी जगहों पर अगर पानी संरक्षित होगा तो बहुत भारी मात्रा में जल संरक्षित होगा।राज्य सरकार और केंद्र सरकार के लिए कई पहल भी कर रही हैं। ऐसे में सिर्फ और सिर्फ जल संरक्षण की दिशा में आम जनमानस को एक दृढ़ संकल्प लेने की जरूरत है।उत्तराखंड वन विभाग ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर बड़ी पहल की है। जिससे एक बरसात की सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित होगा।Conclusion:जल संरक्षण प्रोजेक्ट पर काम कर रहे देहरादून के उप प्रभागीय वन अधिकारी के.पी वर्मा ने बताया कि देहरादून के रायपुर के वन्य क्षेत्र बड़ी तादात में छोटे-छोटे तालाब बनाए गए हैं। जिससे रेन वाटर को बहने से रोकने का प्रयास किया जा रहा हैं। इस प्रोजेक्ट से हर बरसात के सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी बचाया जा सकेगा। साथ ही इन क्षेत्रों में हुई बारिश का करीब 90 फीसदी पानी संरक्षित होगा और ये वर्षा का जल ग्राउंड वाटर को सीधा रिचार्ज करेगा। इस प्रोजेक्ट से आसपास रहने वाले लोगों को भी दिक्कतों से राहत मिलेगी। क्योंकि बरसात के समय ये सारा वर्षा का जल पास के क्षेत्र में भर जाता था। लेकिन अब ऐसा नही होगा। उप प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए कच्चे तालाब, और छोटे- छोटे गढ्ढे बनाये गए हैं। जो बरसात के समय में पानी को एकत्र करने और सोखने की क्षमता रखते हैं।ये कच्चे तालाब और गढ्ढे ज्यादा से ज्यादा पानी को सोखते हैं।अभी फिलहाल 50 कच्चे तालाब बनाये गए हैं, और करीब 350 हेक्टेयर में छोटे छोटे गढ्ढे बनाये गए है। जिससे एक बरसात सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित होगा।

बाईट -के.पी वर्मा, उप प्रभागीय वनाधिकारी, देहरादून
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