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दून विश्वविद्यालय कुलपति मामले में सरकार को लगा झटका, जीरो टॉलरेंस पर खड़े हुए सवाल - Doon University Vice Chancellor

दून विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के विरुद्ध की गई है. याचिका में कहा गया कि तत्कालीन शिक्षा सचिव डॉ. रणवीर सिंह की पहल पर उन्हें वीसी के पद पर नियुक्ति मिली है. याचिका में यह भी कहा गया कि डॉ. नौटियाल के पास शिक्षण का दस वर्ष का अनुभव तक नहीं है, इसलिए वह वीसी पद के योग्य नहीं हैं.

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दून विश्वविद्यालय कुलपति मामले में सरकार को लगा झटका
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Published : Dec 12, 2019, 9:42 PM IST

देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट ने दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सीएस नौटियाल की नियुक्ति को गलत करार दिया है.न्यायालय ने सरकार को जल्द नई सर्च कमेटी गठित कर नियमों के तहत नए कुलपति की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के फैसले के बाद मौजूदा सरकार के जीरो टॉलरेंस पर सवाल खड़े होने लगे हैं. हाईकोर्ट के फैसले पर भाजपा के नेता सरकार का बचाव करते हुए अब कोर्ट के आदेशों का पालन करने की बात कर रहे हैं. नेताओं का कहना है कि जल्द ही इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

बता दें कि बीते सप्ताह नैनीताल हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षक यज्ञ भूषण शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दून यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर सीएस नौटियाल की नियुक्ति को निरस्त कर दिया था. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दून यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति को निरस्त करने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट का आदेश भी दून विश्वविद्यालय पहुंच चुका है.अब इस पर राजभवन से फैसला होना बाकी है.

दून विश्वविद्यालय कुलपति मामले में सरकार को लगा झटका

पढ़ें-राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला मा पुर्नविचार याचिका खारिज

भूषण शर्मा द्वारा याचिका में कहा गया था कि कुलपति की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के विरुद्ध की गई है. याचिका में कहा गया कि तत्कालीन शिक्षा सचिव डॉ. रणवीर सिंह की पहल पर उन्हें वीसी के पद पर नियुक्ति मिली है. याचिका में यह भी कहा गया कि डॉ. नौटियाल के पास शिक्षण का दस वर्ष का अनुभव तक नहीं है, इसलिए वह वीसी पद के योग्य नहीं हैं.

पढ़ें-देवभूमि मा भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त

वहीं हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा का कहना है कि नियुक्ति के समय संबंधित व्यक्ति द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी के पास गलत दस्तावेज उपलब्ध कराए गए थे. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर ये फैसला लिया है. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि जल्द ही इस मामले पर सरकार द्वारा भी स्क्रीनिग कमेटी के जरिये जांच की जाएगी. जिसके बाद इस नियुक्ति को लेकर सभी तथ्य सामने आ पाएंगे.

देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट ने दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सीएस नौटियाल की नियुक्ति को गलत करार दिया है.न्यायालय ने सरकार को जल्द नई सर्च कमेटी गठित कर नियमों के तहत नए कुलपति की नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के फैसले के बाद मौजूदा सरकार के जीरो टॉलरेंस पर सवाल खड़े होने लगे हैं. हाईकोर्ट के फैसले पर भाजपा के नेता सरकार का बचाव करते हुए अब कोर्ट के आदेशों का पालन करने की बात कर रहे हैं. नेताओं का कहना है कि जल्द ही इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

बता दें कि बीते सप्ताह नैनीताल हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षक यज्ञ भूषण शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दून यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर सीएस नौटियाल की नियुक्ति को निरस्त कर दिया था. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दून यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति को निरस्त करने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट का आदेश भी दून विश्वविद्यालय पहुंच चुका है.अब इस पर राजभवन से फैसला होना बाकी है.

दून विश्वविद्यालय कुलपति मामले में सरकार को लगा झटका

पढ़ें-राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामला मा पुर्नविचार याचिका खारिज

भूषण शर्मा द्वारा याचिका में कहा गया था कि कुलपति की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के विरुद्ध की गई है. याचिका में कहा गया कि तत्कालीन शिक्षा सचिव डॉ. रणवीर सिंह की पहल पर उन्हें वीसी के पद पर नियुक्ति मिली है. याचिका में यह भी कहा गया कि डॉ. नौटियाल के पास शिक्षण का दस वर्ष का अनुभव तक नहीं है, इसलिए वह वीसी पद के योग्य नहीं हैं.

पढ़ें-देवभूमि मा भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त

वहीं हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा का कहना है कि नियुक्ति के समय संबंधित व्यक्ति द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी के पास गलत दस्तावेज उपलब्ध कराए गए थे. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर ये फैसला लिया है. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि जल्द ही इस मामले पर सरकार द्वारा भी स्क्रीनिग कमेटी के जरिये जांच की जाएगी. जिसके बाद इस नियुक्ति को लेकर सभी तथ्य सामने आ पाएंगे.

Intro:एंकर- नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा दून विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को गलत बताते हुए दिए गए फैसले के बाद मौजूदा सरकार की जीरो टॉलरेंस पर सवाल खड़े होने लगे हैं। तो वहीं इस मामले पर भाजपा ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा और जल्दी इस मामले पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।


Body:वीओ- आपको बता दें कि बीते सप्ताह नैनीताल हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त शिक्षक यज्ञ भूषण शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दून यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर सीएस नौटियाल की नियुक्ति को निरस्त कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथ और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दून यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति को निरस्त करने के आदेश दिए थे।

हाईकोर्ट के आदेश विश्वविद्यालय में पहुंच चुके हैं और अब इस पर राजभवन से फैसला होना है। तो वहीं इस मामले पर भाजपा का कहना है कि नियुक्ति के समय संबंधित व्यक्ति द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी के पास गलत दस्तावेज उपलब्ध कराए गए थे जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर फैसला लिया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि जल्द ही इस मामले पर सरकार द्वारा भी स्क्रीनिग कमेटी के जरिये जांच की जाएगी जिसके बाद इस नियुक्ति को लेकर सभी तथ्य सामने आ पाएंगे और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

बाइट- देवेंद्र भसीन, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी


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