देहरादून: बीजेपी के विधायक मंडल दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को ही मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया है. नए मुख्यमंत्री का 23 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है. बता दें कि उत्तराखंड में बीजेपी ने शानदार बहुमत तो हासिल कर लिया, लेकिन मुख्यमंत्री धामी को खटीमा से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इसे लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इसे दूर करने के लिए बीजेपी में शीर्ष स्तर पर मंथन चला.
हालांकि, चुनाव हारने के बावजूद पार्टी आलाकमान ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है. उन्हें कमान सौंपे जाने का फैसला लिया है. 23 मार्च को धामी प्रदेश के 12वें सीएम के रूप में शपथ लेंगे. वहीं, इस मौके पर देहरादून पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सर्वसम्मति से पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुना गया है. मैं उन्हें बधाई देता हूं, मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से प्रगति करेगा.
भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं: धामी भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. बीजेपी के युवा कार्यकर्ताओं पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे बीजेपी की एक रणनीति युवा वोटरों को साधने की भी हो सकती है. ये रणनीति 2024 के लोकसभा चुनाव में रंग दिखाएगी.
खटीमा से दो बार विधायक, तीसरी बार हारे: धामी ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक थे. लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
भगत सिंह कोश्यारी और राजनाथ के करीबी: धामी को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का करीबी माना जाता है. कोश्यारी अब सक्रिय राजनीति में नहीं हैं और फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. राजनाथ सिंह के भी धामी करीबी माने जाते हैं.
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पिथौरागढ़ में जन्म लेकिन खटीमा कर्मभूमि: धामी का जन्म पिथौरागढ़ के कनालीछीना में हुआ. उनके पिता सेना में सूबेदार थे. धामी भले ही पिथौरागढ़ के हों, लेकिन वह खटीमा को अपनी कर्मभूमि बताते हैं.
दूसरी बार विधायक से सीएम की कुर्सी तक: पुष्कर सिंह धामी 2012 में पहली बार खटीमा सीट से विधायक बने. उन्होंने तब कांग्रेस के देवेंद्र चंद को करीब 5 हजार वोटों से अंतर से हराया था. 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में धामी ने खटीमा से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 3 हजार से कम अंतर से हराया. 2022 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया. उत्तराखंड में भाजपा की बहुमत के साथ जीत हुई. प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी.
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा को 11 दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री मिल गया है. सोमवार दोपहर केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में सांसदों और विधायकों के बीच उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा की. बैठक के बाद सिंह ने सीएम के नाम का ऐलान किया है.
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए उत्तराखंड में 14 मार्च को प्रदेशभर में वोटिंग हुई थी. 10 मार्च को मतगणना के बाद भाजपा ने 47 सीटों जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था. जबकि, कांग्रेस को 19 और निर्दलीय एवं बसपा को दो-दो सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ा था.