ETV Bharat / city

आपदा के दौरान गुत्तकाशी में प्रकाश पंत लगे रहे घायल यात्रियों के इलाज में, कही थी ये बड़ी बात

याद आता है वो दिन जब पूरे प्रदेश में खासकर केदारनाथ आपदा के बाद अफरा-तफरी मची हुई थी. तब प्रकाश पंत गूप्तकाशी में छोटे से एक लकड़ी की कूर्सी और एक छोटे से टेबल पर बैठ कर घायल यात्रियों का इलाज कर रहे थे.

प्रकाश पंत
author img

By

Published : Jun 5, 2019, 9:31 PM IST

देहरादूनः उतराखंड के कद्दावर नेता और वित्त मंत्री प्रकाश पंत का लंबी बीमारी के बाद आज अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया. इसके साथ ही एक अच्छे व्यक्तित्व का अंत हो गया. याद आता है वो दिन जब पूरे प्रदेश में खासकर केदारनाथ आपदा के बाद अफरा-तफरी मची हुई थी. तब प्रकाश पंत गूप्तकाशी में छोटे से एक लकड़ी की कूर्सी और एक छोटे से टेबल पर बैठ कर घायल यात्रियों का इलाज कर रहे थे. उन दिनों वे विधानसभा के सदस्य भी नहीं थे. हालांकि वे उतराखंड की दूसरी निर्वाचित सरकार (2007-12) में संसदीय मंत्री थे.

बिना किसी संकोच के उन्होंने कहा था जब वो दिन नहीं रहे तो ये दिन भी नही रहेंगे. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि राजनीति में आने से पहले वे फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत थे. जैसा कि हम जानते हैं कि तृतीय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेता मयुख माहर से हार का सामना करना पड़ा था.

तत्पश्चात भाजपा ने उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगूणा के खिलाफ सितारगंज विधानसभा उप चुनाव में उतारा था. लगातार दूसरी हार के बाद उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और अपने आप को अगले चुनाव की तैयारी में जूट गये. ऐसा माना जाने लगा था कि प्रकाश पंत अब वापस पिथौरागढ़ की ओर नहीं लौटेंगे. यहां तक की उनके धूर विरोधी रहे सुरेश जोशी ने अपनी जमीन तैयार करनी शूरू कर दी थी.

लेकिन पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में उनकी वरीयता को मानते हुए प्रकाश पंत को मयुख माहर के खिलाफ उतारा. अपने सरल स्वभाव के कारण पुनः चौथी विधानसभा का हिस्सा बने. पार्टी ने उनकी वरीयता को ध्यान को रखकर उन्हें प्रदेश का वित मंत्री का कार्यभार सौंपा.

देहरादूनः उतराखंड के कद्दावर नेता और वित्त मंत्री प्रकाश पंत का लंबी बीमारी के बाद आज अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया. इसके साथ ही एक अच्छे व्यक्तित्व का अंत हो गया. याद आता है वो दिन जब पूरे प्रदेश में खासकर केदारनाथ आपदा के बाद अफरा-तफरी मची हुई थी. तब प्रकाश पंत गूप्तकाशी में छोटे से एक लकड़ी की कूर्सी और एक छोटे से टेबल पर बैठ कर घायल यात्रियों का इलाज कर रहे थे. उन दिनों वे विधानसभा के सदस्य भी नहीं थे. हालांकि वे उतराखंड की दूसरी निर्वाचित सरकार (2007-12) में संसदीय मंत्री थे.

बिना किसी संकोच के उन्होंने कहा था जब वो दिन नहीं रहे तो ये दिन भी नही रहेंगे. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि राजनीति में आने से पहले वे फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत थे. जैसा कि हम जानते हैं कि तृतीय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेता मयुख माहर से हार का सामना करना पड़ा था.

तत्पश्चात भाजपा ने उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगूणा के खिलाफ सितारगंज विधानसभा उप चुनाव में उतारा था. लगातार दूसरी हार के बाद उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और अपने आप को अगले चुनाव की तैयारी में जूट गये. ऐसा माना जाने लगा था कि प्रकाश पंत अब वापस पिथौरागढ़ की ओर नहीं लौटेंगे. यहां तक की उनके धूर विरोधी रहे सुरेश जोशी ने अपनी जमीन तैयार करनी शूरू कर दी थी.

लेकिन पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में उनकी वरीयता को मानते हुए प्रकाश पंत को मयुख माहर के खिलाफ उतारा. अपने सरल स्वभाव के कारण पुनः चौथी विधानसभा का हिस्सा बने. पार्टी ने उनकी वरीयता को ध्यान को रखकर उन्हें प्रदेश का वित मंत्री का कार्यभार सौंपा.

Intro:Body:

आपदा के दौरान गुत्तकाशी में प्रकाश पंत लगे रहे घायल यात्रियों के इलाज में, कही थी ये बड़ी बात

देहरादूनः उतराखंड के कद्दावर नेता और वित्त मंत्री प्रकाश पंत का लंबी बीमारी के बाद आज अमेरिका के एक अस्पताल में  निधन हो गया. इसके साथ ही एक अच्छे व्यक्तित्व का अंत हो गया. याद आता है वो दिन जब पूरे प्रदेश में खासकर केदारनाथ आपदा के बाद अफरा-तफरी मची हुई थी. तब प्रकाश पंत गूप्तकाशी में छोटे से एक लकड़ी की कूर्सी और एक छोटे से टेबल पर बैठ कर घायल यात्रियों का इलाज कर रहे थे. उन दिनों वे विधानसभा के सदस्य भी नहीं थे. हालांकि वे उतराखंड की दूसरी निर्वाचित सरकार (2007-12) में संसदीय मंत्री थे.  

बिना किसी संकोच के उन्होंने कहा था जब वो दिन नहीं रहे तो ये दिन भी नही रहेंगे. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि राजनीति में आने से पहले वे फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत थे. जैसा कि हम जानते हैं कि तृतीय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेता मयुख माहर से हार का सामना करना पड़ा था. 

तत्पश्चात भाजपा ने उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगूणा के खिलाफ सितारगंज विधानसभा उप चुनाव में उतारा था. लगातार दूसरी हार के बाद उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और अपने आप को अगले चुनाव की तैयारी में जूट गये. ऐसा माना जाने लगा था कि प्रकाश पंत अब वापस पिथौरागढ़ की ओर नहीं लौटेंगे. यहां तक की उनके धूर विरोधी रहे सुरेश जोशी ने अपनी जमीन तैयार करनी शूरू कर दी थी. 

लेकिन पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में उनकी वरीयता को मानते हुए प्रकाश पंत को मयुख माहर के खिलाफ उतारा.  अपने सरल स्वभाव के कारण पुनः चौथी विधानसभा का हिस्सा बने. पार्टी ने उनकी वरीयता को ध्यान को रखकर उन्हें प्रदेश का वित मंत्री का कार्यभार सौंपा. 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.