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बीजेपी नेता संजय कुमार के मोबाइल में क्या है राज, आखिर कब सामने आएगी एफएसएल रिपोर्ट? - देहरादून मीटू केस

इस मामले में देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि आरोप लगाने वाली महिला के पुलिस 161 व कोर्ट 164 वाले बयानों के आधार पर पुलिस जांच कर रही है. साथ ही पीड़िता के साथ हुए घटनाक्रम से संबंधित स्थलों से सभी तथ्यों को जुटाने में लगी है.

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Published : Feb 7, 2019, 7:37 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित Metoo मामले में फंसे भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई कछुए की गति से भी धीमी चल रही है, जबकि दूसरी तरफ पुलिस पीड़ित महिला के 161 बयान व कोर्ट में CRPC 164 कलमबंद के बयान दर्ज किया जा चुका है. वहीं पीड़िता द्वारा बताए गए उत्पीड़न वाले स्थानों पर जाकर सभी तरह की जांच पड़ताल कर भी हो चुकी है, बावजूद पुलिस अब तक आरोपी बीजेपी नेता पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी है.

पढ़ें- हाईटेक हुई पुलिस, अब मोबाइल में होगी अपराधियों की डिटेल

मामले के महीनों गुजर जाने के बाद जिस तरह से आरोपी बीजेपी नेता के खिलाफ छेड़छाड़ व 376 बलात्कार की धारा जुड़ने के बाद पुलिस आरोपी नेता संजय कुमार से बमुश्किल प्रारंभिक पूछताछ करने के बाद भले ही मोबाइल को जांच के लिए एफएसएल लैब भेज दिया हो, लेकिन पुलिस इस मामले में साफ तौर से बैकफुट पर नजर आ रही है.

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जानकारी देती एसएसपी निवेदिता कुकरेती
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उधर, इस मामले में देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि आरोप लगाने वाली महिला के पुलिस 161 व कोर्ट 164 वाले बयानों के आधार पर पुलिस जांच कर रही है. साथ ही पीड़िता के साथ हुए घटनाक्रम से संबंधित स्थलों से सभी तथ्यों को जुटाने में लगी है. एसएसपी का कहना है कि दोनों पक्षों की ओर से दिए गए बयानों को क्रॉस चेक किया जा रहा है.
वहीं, आरोपी बीजेपी नेता संजय कुमार से आगे पूछताछ व कार्रवाई के सवाल पर एसएसपी का कहना है कि आरोपी नेता से पहली पूछताछ के दौरान कुछ ब्योरा मांगा गया है. उसके आने के बाद ही आगे की पूछताछ की जाएगी.

बहरहाल, सत्ता के दबाव में पुलिस किस तरह काम करती है, ये इस केस में साफ तौर पर देखा गया है. अब अंदेशा जताया जा रहा है कि आरोपी बीजेपी नेता के खिलाफ चल रही जांच जिस तरह से धीमी पड़ती जा रही है, उससे एक बात तो साफ है कि आने वाले दिनों में ये मामला कहीं रफादफा न हो जाए.

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देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित Metoo मामले में फंसे भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई कछुए की गति से भी धीमी चल रही है, जबकि दूसरी तरफ पुलिस पीड़ित महिला के 161 बयान व कोर्ट में CRPC 164 कलमबंद के बयान दर्ज किया जा चुका है. वहीं पीड़िता द्वारा बताए गए उत्पीड़न वाले स्थानों पर जाकर सभी तरह की जांच पड़ताल कर भी हो चुकी है, बावजूद पुलिस अब तक आरोपी बीजेपी नेता पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी है.

पढ़ें- हाईटेक हुई पुलिस, अब मोबाइल में होगी अपराधियों की डिटेल

मामले के महीनों गुजर जाने के बाद जिस तरह से आरोपी बीजेपी नेता के खिलाफ छेड़छाड़ व 376 बलात्कार की धारा जुड़ने के बाद पुलिस आरोपी नेता संजय कुमार से बमुश्किल प्रारंभिक पूछताछ करने के बाद भले ही मोबाइल को जांच के लिए एफएसएल लैब भेज दिया हो, लेकिन पुलिस इस मामले में साफ तौर से बैकफुट पर नजर आ रही है.

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जानकारी देती एसएसपी निवेदिता कुकरेती
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उधर, इस मामले में देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि आरोप लगाने वाली महिला के पुलिस 161 व कोर्ट 164 वाले बयानों के आधार पर पुलिस जांच कर रही है. साथ ही पीड़िता के साथ हुए घटनाक्रम से संबंधित स्थलों से सभी तथ्यों को जुटाने में लगी है. एसएसपी का कहना है कि दोनों पक्षों की ओर से दिए गए बयानों को क्रॉस चेक किया जा रहा है.
वहीं, आरोपी बीजेपी नेता संजय कुमार से आगे पूछताछ व कार्रवाई के सवाल पर एसएसपी का कहना है कि आरोपी नेता से पहली पूछताछ के दौरान कुछ ब्योरा मांगा गया है. उसके आने के बाद ही आगे की पूछताछ की जाएगी.

बहरहाल, सत्ता के दबाव में पुलिस किस तरह काम करती है, ये इस केस में साफ तौर पर देखा गया है. अब अंदेशा जताया जा रहा है कि आरोपी बीजेपी नेता के खिलाफ चल रही जांच जिस तरह से धीमी पड़ती जा रही है, उससे एक बात तो साफ है कि आने वाले दिनों में ये मामला कहीं रफादफा न हो जाए.

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Mee too मामलें पर राजनैतिक दबाव के चलते पुलिस कार्रवाई कछुए की गति से भी कमज़ोर

उत्तराखंड के चर्चित मी-टू मामलें में फंसे भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कछुए की गति से भी कम चल रही है जबकि दूसरी तरफ पुलिस पीड़ित महिला के 161 बयान व कोर्ट में CRPC 164 कलमबंद के बयान दर्ज करने के बाद पीड़िता द्वारा बताए गए उत्पीड़न वाले स्थानों में जाकर सभी तरह की जांच पड़ताल कर चुकी है।उसके बावजूद भी पुलिस राजनीतिक दबाव के चलते दुष्कर्म आरोपी बीजेपी नेता संजय कुमार से सही तरह से पूछताछ कर अब तक प्रभावी कारवाई नहीं कर सकी है।  ऐसे में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि एक आम आदमी और हाई प्रोफाइल राजनीतिक व्यक्तित्व के लिए कानून के दोहरे मापदंड पुलिस अपनाती हैं।

जांच की आड़ में कार्रवाई में लेटलतीफी-

घटनाक्रम के महीनों गुजर जाने के बाद जिस तरह से आरोपी बीजेपी नेता के खिलाफ छेड़छाड़ व 376 बलात्कार की धारा जुड़ने के बाद पुलिस आरोपी नेता से बमुश्किल प्रारंभिक पूछताछ करने के बाद भले  संजय कुमार का मोबाइल को एफएसएल लेब में जांच के लिए भेजा गया हैं लेकिन पुलिस इस मामले में भी साफ तौर से बैकफुट पर नजर आती दिख रही है।

 जांच में पुलिस का खानापूर्ति वाला जवाब-


उधर इस मामले की कार्रवाई में खानापूर्ति वाले बयान  देने के साथ ही देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है आरोप लगाने वाली महिला के पुलिस 161 व कोर्ट 164 वाले बयानों के आधार पर पुलिस जांच कर रही है साथ ही पीड़िता के साथ हुए घटनाक्रम स्थलों से सभी तरह के तथ्य जुटाने में लगी है। एसएसपी का कहना हैं दोनों पक्षों की ओर से दिए गए बयानों को क्रॉस चेक किया जा रहा हैं।
वही आरोपी बीजेपी नेता संजय कुमार से आगे पूछताछ व कार्रवाई सवाल पर एसएसपी का कहना हैं कि आरोपी नेता ने पहली पूछताछ के दौरान कुछ ब्यौरा मांगा गया हैं उसके आने के उपरांत ही आगे की पूछताछ की जाएगी।

बाईट-निवेदिता कुकरेती,एसएसपी ,देहरादून

धीमी जांच की आंच से मामला रफादफा की ओर !

बहराल सत्ता के दबाव में पुलिस किस तरह काम करती हैं वह इस हाईप्रोफाइल नेता से जुड़े mee- too मामलें पर साफतौर पर देखने को अब तक मिला है! अंदेशा जताया जा रहा हैं कि आरोपी बीजेपी ने ख़िलाफ़ जिस तरह से धीमी पड़ी जांच की आंच देखने को मिल रही हैं, उससे आगामी दिनों में यह मामला रफादफा भी हो जाये तो हैरानी वाली बात नहीं होगी।
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