देहरादून: भारतीय पेट्रोलियम संस्थान और गति फाउंडेशन के बीच एक अहम समझौता हुआ है. जिसके तहत देहरादून की सुभाष रोड स्थित दृष्टि आई इंस्टीट्यूट में पहला प्लास्टिक बैंक बनाया गया है. इस बैंक में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान और गति फाउंडेशन को कचरा उपलब्ध करवाया जाएगा. जिससे भारतीय पेट्रोलियम संस्थान डीजल बनाएगा. दृष्टि आई इंस्टीट्यूट के निदेशक का मानना है कि शहर के सभी बड़े संस्थानों में इस तरह के प्लास्टिक बैंक स्थापित किये जाने हैं.
दृष्टि आई इंस्टीट्यूट में 90 कर्मचारी घर से निकलने वाला प्लास्टिक कूड़े को एकत्र करेंगे. जिसके बाद यहां जमा होने वाले प्लास्टिक कूड़े से भारतीय पेट्रोलियम संस्थान डीजल बनाएगा. दृष्टि आई इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ गौरव लूथरा ने कहा कि इस मामले को लेकर गति फाउंडेशन से कई समय से बात चल रही थी. जिसके तहत शहर में एक प्लास्टिक बैंक बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर ये प्रयोग सफल होता है तो इसका दायरा भी बढ़ाया जाएगा.
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डॉ गौरव लूथरा ने बताया कि इस बैंक को तीन चरणों में बांटा है. इसमें सबसे पहले अस्पताल के प्लास्टिक को आईआईपी को दिया जाएगा. दूसरे चरण में अस्पताल के स्टॉफ प्लास्टिक देने का काम करेगा. जिसके लिए हमने साइग्रेशन बनाया है. हमारा काम सिर्फ प्लास्टिक को इकट्ठा करना होगा बाकी का काम गति फाउंडेशन करेगा. गति फाउंडेशन का काम आईआईपी को प्लास्टिक ट्रांसपोर्ट करने का होगा.