ETV Bharat / city

पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी क्यों हैं प्रदेश सरकार से नाराज, जानिए क्या है जगूड़ी का 'दर्द'

author img

By

Published : Nov 4, 2019, 5:14 PM IST

Updated : Nov 4, 2019, 8:53 PM IST

साहित्य अकादमी अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि प्रदेश में साहित्यकारों और कवियों की लगातार अनदेखी की जा रही है. सरकार दिनों दिन कला प्रेमियों और साहित्यकारों को भूलती जा रही है.

पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने प्रदेश सरकार के प्रति जताई नाराजगी

देहरादून: प्रदेश के जाने-माने कवि और साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी सरकार के नकारात्मक रवैये से नाराज हैं. प्रदेश में साहित्यकारों और कवियों की हो रही अवहेलना से वे काफी हताश हैं. ईटीवी भारत से खास बात करते हुए पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के साहित्यकारों को लगातार भूलती जा रही है.

पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने प्रदेश सरकार के प्रति जताई नाराजगी

साहित्य अकादमी अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि प्रदेश में साहित्यकारों और कवियों की लगातार अनदेखी की जा रही है. सरकार दिनों दिन कला प्रेमियों और साहित्यकारों को भूलती जा रही है. लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि उन्हें अब तक साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान मिल चुके हैं, लेकिन कभी भी प्रदेश के किसी जनप्रतिनिधि ने उन्हें इसकी शुभकामनाएं देना तक जरूरी नहीं समझा.

पढ़ें-बैंकॉक में PM मोदी : जापान के प्रधानमंत्री से मिले पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि उन्हें मिलने वाले सम्मान से प्रदेश का नाम रोशन हुआ है, लेकिन राज्य सरकार का साहित्यकारों और कवियों के प्रति रवैया संस्कृति शून्यता को दर्शाता है.

पढ़ें-क्या पंचायत चुनाव के बाद पहाड़ चढ़ेंगे 300 शिक्षक? HRD मंत्री तक पहुंची सिफारिश

बता दें कि हाल ही में लीलाधर जगूड़ी को केके बिरला फाउंडेशन की ओर से वर्ष 2018 के लिए 28वें व्यास सम्मान से नवाजा गया है . लीलाधर जगूड़ी को साल 2013 में प्रकाशित उनकी किताब 'जितने लोग उतने प्रेम' के लिए व्यास सम्मान 2018 से नवाजा गया है. जिसमें उन्होंने प्रेम के अलग-अलग रूपों पर प्रकाश डाला है.

देहरादून: प्रदेश के जाने-माने कवि और साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी सरकार के नकारात्मक रवैये से नाराज हैं. प्रदेश में साहित्यकारों और कवियों की हो रही अवहेलना से वे काफी हताश हैं. ईटीवी भारत से खास बात करते हुए पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के साहित्यकारों को लगातार भूलती जा रही है.

पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने प्रदेश सरकार के प्रति जताई नाराजगी

साहित्य अकादमी अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि प्रदेश में साहित्यकारों और कवियों की लगातार अनदेखी की जा रही है. सरकार दिनों दिन कला प्रेमियों और साहित्यकारों को भूलती जा रही है. लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि उन्हें अब तक साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान मिल चुके हैं, लेकिन कभी भी प्रदेश के किसी जनप्रतिनिधि ने उन्हें इसकी शुभकामनाएं देना तक जरूरी नहीं समझा.

पढ़ें-बैंकॉक में PM मोदी : जापान के प्रधानमंत्री से मिले पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि उन्हें मिलने वाले सम्मान से प्रदेश का नाम रोशन हुआ है, लेकिन राज्य सरकार का साहित्यकारों और कवियों के प्रति रवैया संस्कृति शून्यता को दर्शाता है.

पढ़ें-क्या पंचायत चुनाव के बाद पहाड़ चढ़ेंगे 300 शिक्षक? HRD मंत्री तक पहुंची सिफारिश

बता दें कि हाल ही में लीलाधर जगूड़ी को केके बिरला फाउंडेशन की ओर से वर्ष 2018 के लिए 28वें व्यास सम्मान से नवाजा गया है . लीलाधर जगूड़ी को साल 2013 में प्रकाशित उनकी किताब 'जितने लोग उतने प्रेम' के लिए व्यास सम्मान 2018 से नवाजा गया है. जिसमें उन्होंने प्रेम के अलग-अलग रूपों पर प्रकाश डाला है.

Intro:Desk Visuals and byte Send from FTP

FTP Folder- uk_deh_01_padmashree_leeladhar_jagudi_pkg_7201636

देहरादून- प्रदेश के जाने-माने कवि और साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी को हाल ही में केके बिरला फाउंडेशन की ओर से वर्ष 2018 के लिए 28वें व्यास सम्मान से नवाजा गया है । लेकिन कई राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से सम्मानित होने के बावजूद राज्य सरकार के साहित्यकारों और कवियों के प्रति नकारात्मक रवैए को देखते हुए आज वह काफी हताश हैं ।

ईटीवी भारत से बात करते हुए पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने हिंदी की उत्कृष्ट साहित्य कृति के लिए हालही में मिले व्यास सम्मान के लिए खुशी तो जरूर जाहिर की । लेकिन वह अपना दर्द बयां करने से भी खुद को नही रोक पाए ।

ईटीवी भारत से बात करते हुए साहित्य अकादमी अवार्ड और पद्मश्री समान से सम्मानित लीलाधर जगूड़ी का कहना था कि प्रदेश की सरकारी साहित्यकारों और कवियों को भूलती जा रहे हैं शायद यही कारण है कि उन्हें अब तक साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर के कई सम्मान मिल चुके हैं । लेकिन कभी भी प्रदेश के किसी जनप्रतिनिधि ने उन्हें इसकी शुभकामनाएं देना तक जरूरी नहीं समझा।

उनका मानना है कि यह सम्मान उन्हें जरूर मिला है। लेकिन कहीं न कहीं इस सम्मान के माध्यम से पूरे प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन हुआ है । लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार का साहित्यकारों यह रवैया संस्कृति शून्यता को दर्शाता है।




Body:ईटीवी भारत से बात करते हुए साहित्य अकादमी अवार्ड और पद्मश्री समान से सम्मानित लीलाधर जगूड़ी का कहना था कि प्रदेश की सरकारी साहित्यकारों और कवियों को भूलती जा रहे हैं। शायद यही कारण है कि उन्हें अब तक साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर के कई सम्मान मिल चुके हैं । लेकिन कभी भी प्रदेश के किसी जनप्रतिनिधि ने उन्हें इसकी शुभकामनाएं देना तक जरूरी नहीं समझा।

गौरतलब है कि केके बिरला फाउंडेशन की ओर से लीलाधर जगूड़ी को साल 2013 में प्रकाशित उनकी किताब जितने लोग उतने प्रेम के लिए व्यास सम्मान 2018 से नवाजा गया है। जिसमें उन्होंने प्रेम के अलग-अलग रूपों पर प्रकाश डाला है।


Conclusion:
Last Updated : Nov 4, 2019, 8:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.