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चारधाम यात्राः केदार यात्रा में जमकर बरसा धन, 4 अरब से अधिक का हुआ कारोबार

वर्ष 2019 की केदारनाथ यात्रा से उत्तराखंड को बड़ा फायदा हुआ है. बदरी केदार मंदिर समिति और गढ़वाल मंडल विकास निगम को 26 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं. श्रद्धालुओं की संख्या के साथ-साथ इस बार कमाई के कई बड़े रिकॉर्ड केदारनाथ यात्रा में दर्ज किए गए हैं.

बाबा केदार
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Published : Oct 30, 2019, 12:00 PM IST

Updated : Oct 30, 2019, 8:09 PM IST

रुद्रप्रयाग/देहरादून: करोड़ों हिंदुओं के आस्था के प्रतीक बाबा केदार की यात्रा इस साल बेहद खास रही है. न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और छोटे-बड़े व्यवसायियों के लिए भी यात्रा कई रिकॉर्ड दर्ज कर गई. कारोबार में भी भारी उछाल हुआ है. बाबा केदार की यात्रा में इस बार जमकर धन की वर्षा हुई है.

केदार यात्रा में 4 अरब से अधिक का हुआ कारोबार.

दरअसल, यात्राकाल में 4 अरब से अधिक का कारोबार हुआ है जबकि केदारघाटी के बाजारों से लेकर पैदल मार्ग और धाम में हजारों लोगों को रोजगार मिला. इसका फायदा होटल व्यवसायियों से लेकर हेली कंपनियों, घोड़े खच्चर से लेकर गढ़वाली व्यंजन संचालक और महिला समूहों को हुआ है.

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बाबा केदार की यात्रा कई मायनों में अहम रही.

बता दें कि 9 मई 2019 को भगवान केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनाथ खोले गए थे. यात्रा की शुरुआत में ही हजारों की संख्या में यात्री केदार धाम पहुंचने लगे थे, जिससे केदारनाथ यात्रा में भारी रौनक देखने को मिली और व्यापारियों का रोजगार आसमान छूने लगा.

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कई भक्त दर्शन के लिए पहुंचे.

यात्रा की शुरुआत और कपाट बंद होने तक यात्रियों का आना जाना लगा रहा. बरसाती सीजन में भले ही यात्रा कम रही, मगर बरसात खत्म होने के बाद यात्रा ने उछाल मारी और सीजन में आंकड़ा 10 लाख के पार हो गया, जो इतिहास में श्रद्धालुओं की अबतक का सबसे अधिक संख्या है.

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कमाई के कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज किए गए.

यात्रा में इस वर्ष उमड़े आस्था के सैलाब ने कारोबार को पंख लगाने में अहम भूमिका निभाई.

  • पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों के संचालन से करीब 55 करोड़ का करोबार हुआ है, जिससे प्रशासन को भी 5 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है.
  • डंडी-कंडी और पालकी से 20 लाख से अधिक का कारोबार हुआ है.
  • केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष 9 हेली कंपनियों द्वारा 76 करोड़ का व्यवसाय किया गया.
  • श्री बदरी-केदार मंदिर समिति को भी 19 करोड़ और गढ़वाल मंडल विकास निगम ने 7 करोड़ की आय अर्जित की है.
  • रुद्रप्रयाग से लेकर केदारनाथ तक संचालित करीब एक हजार से अधिक होटल, लॉज व धर्मशालाओं ने इस यात्राकाल में 125 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है.
  • ढाबा व छोटे दुकानदारों द्वारा 4 लाख से 25 लाख तक आय अर्जित की गई है.
  • सोनप्रयाग में पहाड़ी किचन ने यात्राकाल में एक करोड़ की आय अर्जित की है.
  • गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चिरबासा से जंगलचट्टी के बीच 10 महिला समूहों द्वारा पहाड़ी भोजन व स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए गए थे. यात्राकाल में करीब 20 लाख रुपये की आय हुई है.
  • 142 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1612 महिलाओं द्वार यात्रा के लिए स्थानीय उत्पादों से प्रसाद तैयार करने का काम भी किया गया, जिससे एक करोड़ 22 लाख से अधिक की आय हुई है.

यह भी पढ़ेंः कपाट बंद होने के बाद अब 6 महीने बाबा केदार की पूजा की जिम्मेदारी देवताओं के कंधे पर

क्या कहते हैं जिलाधिकारी
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि इस यात्रा सीजन में हजारों लोगों को रोजगार मिला है तो महिलाओं की आर्थिकी भी मजबूत हुई है, साथ ही कारोबार भी बढ़ा है. घिल्डियाल ने बताया है कि इस बार की यात्रा बेहद सुखद और सुरक्षित रही. जिला प्रशासन के लिए यह बड़ी बात है कि लाखों श्रद्धालुओं को सकुशल दर्शन कराने के बाद घर भेजने तक में राज्य को भी राजस्व का बड़ा फायदा हुआ है. जिलाधिकारी की मानें तो इस बार की यात्रा ने राजस्व के मामले में सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

गौर हो कि बाबा केदार के कपाट खुलने के बाद से ही भक्तों के आने का सिलसिला लगातार जारी था. उसके बाद पीएम मोदी के आने से भी बाबा के धाम में भक्तों की संख्या बढ़ी. इस बार की यात्रा में लगभग 10 लाख भक्तों ने बाबा के दर्शन किए हैं. इस यात्रा से हर किसी को फायदा पहुंचा है. उम्मीद है आने वाले सालों में भक्तों की संख्या इसी तरह बढ़ेगी और राज्य को इसका लगातार फायदा मिलता रहेगा. वहीं बीते दिन भैयादूज पर्व (29 अक्टूबर) पर केदारनाथ धाम के कपाट 6 महीने शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं.

रुद्रप्रयाग/देहरादून: करोड़ों हिंदुओं के आस्था के प्रतीक बाबा केदार की यात्रा इस साल बेहद खास रही है. न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और छोटे-बड़े व्यवसायियों के लिए भी यात्रा कई रिकॉर्ड दर्ज कर गई. कारोबार में भी भारी उछाल हुआ है. बाबा केदार की यात्रा में इस बार जमकर धन की वर्षा हुई है.

केदार यात्रा में 4 अरब से अधिक का हुआ कारोबार.

दरअसल, यात्राकाल में 4 अरब से अधिक का कारोबार हुआ है जबकि केदारघाटी के बाजारों से लेकर पैदल मार्ग और धाम में हजारों लोगों को रोजगार मिला. इसका फायदा होटल व्यवसायियों से लेकर हेली कंपनियों, घोड़े खच्चर से लेकर गढ़वाली व्यंजन संचालक और महिला समूहों को हुआ है.

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बाबा केदार की यात्रा कई मायनों में अहम रही.

बता दें कि 9 मई 2019 को भगवान केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनाथ खोले गए थे. यात्रा की शुरुआत में ही हजारों की संख्या में यात्री केदार धाम पहुंचने लगे थे, जिससे केदारनाथ यात्रा में भारी रौनक देखने को मिली और व्यापारियों का रोजगार आसमान छूने लगा.

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कई भक्त दर्शन के लिए पहुंचे.

यात्रा की शुरुआत और कपाट बंद होने तक यात्रियों का आना जाना लगा रहा. बरसाती सीजन में भले ही यात्रा कम रही, मगर बरसात खत्म होने के बाद यात्रा ने उछाल मारी और सीजन में आंकड़ा 10 लाख के पार हो गया, जो इतिहास में श्रद्धालुओं की अबतक का सबसे अधिक संख्या है.

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कमाई के कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज किए गए.

यात्रा में इस वर्ष उमड़े आस्था के सैलाब ने कारोबार को पंख लगाने में अहम भूमिका निभाई.

  • पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों के संचालन से करीब 55 करोड़ का करोबार हुआ है, जिससे प्रशासन को भी 5 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है.
  • डंडी-कंडी और पालकी से 20 लाख से अधिक का कारोबार हुआ है.
  • केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष 9 हेली कंपनियों द्वारा 76 करोड़ का व्यवसाय किया गया.
  • श्री बदरी-केदार मंदिर समिति को भी 19 करोड़ और गढ़वाल मंडल विकास निगम ने 7 करोड़ की आय अर्जित की है.
  • रुद्रप्रयाग से लेकर केदारनाथ तक संचालित करीब एक हजार से अधिक होटल, लॉज व धर्मशालाओं ने इस यात्राकाल में 125 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है.
  • ढाबा व छोटे दुकानदारों द्वारा 4 लाख से 25 लाख तक आय अर्जित की गई है.
  • सोनप्रयाग में पहाड़ी किचन ने यात्राकाल में एक करोड़ की आय अर्जित की है.
  • गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चिरबासा से जंगलचट्टी के बीच 10 महिला समूहों द्वारा पहाड़ी भोजन व स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए गए थे. यात्राकाल में करीब 20 लाख रुपये की आय हुई है.
  • 142 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1612 महिलाओं द्वार यात्रा के लिए स्थानीय उत्पादों से प्रसाद तैयार करने का काम भी किया गया, जिससे एक करोड़ 22 लाख से अधिक की आय हुई है.

यह भी पढ़ेंः कपाट बंद होने के बाद अब 6 महीने बाबा केदार की पूजा की जिम्मेदारी देवताओं के कंधे पर

क्या कहते हैं जिलाधिकारी
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि इस यात्रा सीजन में हजारों लोगों को रोजगार मिला है तो महिलाओं की आर्थिकी भी मजबूत हुई है, साथ ही कारोबार भी बढ़ा है. घिल्डियाल ने बताया है कि इस बार की यात्रा बेहद सुखद और सुरक्षित रही. जिला प्रशासन के लिए यह बड़ी बात है कि लाखों श्रद्धालुओं को सकुशल दर्शन कराने के बाद घर भेजने तक में राज्य को भी राजस्व का बड़ा फायदा हुआ है. जिलाधिकारी की मानें तो इस बार की यात्रा ने राजस्व के मामले में सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

गौर हो कि बाबा केदार के कपाट खुलने के बाद से ही भक्तों के आने का सिलसिला लगातार जारी था. उसके बाद पीएम मोदी के आने से भी बाबा के धाम में भक्तों की संख्या बढ़ी. इस बार की यात्रा में लगभग 10 लाख भक्तों ने बाबा के दर्शन किए हैं. इस यात्रा से हर किसी को फायदा पहुंचा है. उम्मीद है आने वाले सालों में भक्तों की संख्या इसी तरह बढ़ेगी और राज्य को इसका लगातार फायदा मिलता रहेगा. वहीं बीते दिन भैयादूज पर्व (29 अक्टूबर) पर केदारनाथ धाम के कपाट 6 महीने शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं.

Intro:केदारनाथ की यात्रा कर गई राज्य सरकार और व्यापारियों को मालामाल इतने अरब का हुआ कारोबार



इस बार बाबा केदार की यात्रा ना केवल श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक रही बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और छोटे-बड़े व्यवसाय के लिए भी कई रिकॉर्ड दर्ज कर गई इस बार की बाबा केदार की यात्रा में लगभग भक्तों ने 4 अरब से भी अधिक रूपए यात्रा पर खर्च किए हैं जिसमें फायदा होटल व्यवसाय से लेकर हैली कंपनियों घोड़े खच्चर से लेकर गढ़वाली व्यंजनों और महिला समूह को हुआ है


Body:9 मई को शुरू हुई बाबा केदार की यात्रा से राज्य को बड़ा फायदा हुआ है भक्तों ने ना केवल हवाई मार्ग से बाबा केदार के दर्शन किए हैं बल्कि इस बार पैदल और घोड़े खच्चर वालों का भी भक्तों ने बहुत इस्तेमाल किया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पैदल मार्ग पर चलने वाले घोड़ा खतरों के संचालन से ही करीब 55 करोड़ का कारोबार हुआ है ऐसा नहीं है कि यह कारोबार सिर्फ घोड़ा का चुनो वालों से कोई युवा है बल्कि राज्य सरकार को भी इन घोड़े खच्चर से 5 करोड रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है


इसी तरह से बद्री केदार समिति और गढ़वाल मंडल विकास निगम को 26 करोड रुपए प्राप्त हुए हैं । श्रद्धालुओं की संख्या के साथ-साथ इस बार कमाई के कई बड़े रिकॉर्ड केदारनाथ यात्रा में दर्ज किए गए हैं इसी के साथ ही लगभग 800 से ज्यादा होटल का संचालन केदारघाटी में होता है इस यात्रा में 125 करोड रुपए से अधिक का कारोबार में होटल व्यवसाय वालों को हुआ है जबकि छोटे-मोटे दुकानदार और ढाबे वालों को 400000 से अधिक की आय प्राप्त हुई है खास बात यह है कि भक्तों ने यात्रा के दौरान पहाड़ी व्यंजनों का भी खूब लाभ उठाया है और शायद यही कारण है कि सोनप्रयाग में संचालित हो रही पहाड़ी किचन को भी इस यात्रा काल में एक करोड़ रुपए की कमाई हुई है


Conclusion:
बाबा केदार के कपड़ खुलने के बाद से ही भक्तों के आने का सिलसिला लगातार जारी था उसके बाद पीएम मोदी के आने से भी बाबा के धाम में भक्तों की संख्या बढ़ी थी म इस बार की यात्रा में लगभग 10 लाख भक्तों ने दर्शन किए है । इस यात्रा से हर किसी को फायदा पहुँचा है उम्मीद है आने वाले सालो में भक्तों की संख्या इसी तरह बढ़ेगी और राज्य को इसका लगातार फायदा मिलता रहेगा
Last Updated : Oct 30, 2019, 8:09 PM IST
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