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उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल का निधन, 4 जुलाई को रहेगा राजकीय शोक

उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल का निधन हो गया है. उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वर्गीय अग्रवाल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. साथ ही उत्तराखंड सरकार ने 4 जुलाई को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है.

स्व. सुदर्शन अग्रवाल.
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Published : Jul 3, 2019, 8:14 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल का बुधवार को निधन हो गया है. साल 2003 से 2007 तक सुदर्शन अग्रवाल ने उत्तराखंड में बतौर राज्यपाल जिम्मेदारी संभाली थी. स्व.अग्रवाल उत्तराखंड के दूसरे राज्यपाल थे. स्वर्गीय अग्रवाल के निधन पर उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गहरा दुख व्यक्त किया है. स्व. अग्रवाल के निधन पर उत्तराखंड सरकार ने 4 जुलाई को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.

  • अभी दुःखद ख़बर मिली है कि संविधान मर्मज्ञ व हमारे पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवालजी ब्रह्मलीन हो गये हैं।
    मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/WkqLT0F3ZC

    — Kishore Upadhyay (@KupadhyayINC) July 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल श्री सुदर्शन अग्रवाल जी के निधन की खबर से आहत हूं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति व शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें। राज्यपाल के रूप में अग्रवाल जी ने संवैधानिक कर्तव्यों का पूर्ण जिम्मेदारी से निर्वहन किया।

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) July 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

स्व. अग्रवाल कुशल प्रशासक, जाने-माने विधिवेता और समाजसेवी भी थे. उत्तराखंड में राज्यपाल रहते हुए उन्होंने अपने सरल स्वभाव के चलते लोगों के दिलों में अपनी अलग जगह बनाई थी. स्व. अग्रवाल उत्तराखंड के साथ-साथ सिक्किम के भी राज्यपाल रह चुके हैं. साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के भी सदस्य रहे हैं. स्व. अग्रवाल पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते थे.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: कामचोर अधिकारियों पर गिरेगी गाज, सभी विभागों से मांगी गई परफॉर्मेंस रिपोर्ट

उन्होंने गरीब बालिकाओं की मुफ्त शिक्षा के लिए उन्होंने देहरादून में हिम ज्योति स्कूल की शुरुआत की थी. सुदर्शन अग्रवाल के निधन के बाद उत्तराखंड सरकार ने 4 जुलाई को राजकीय शोक रखने की घोषणा की है. सुदर्शन अग्रवाल यूं तो कई अहम पदों पर रहे, लेकिन उनका समाजसेवी चेहरा आम लोगों की नजरों में सबसे ज्यादा प्रभावी रहा है. उनका सरल स्वभाव और सामाजिक समस्याओं को लेकर उनकी चिंता उत्तराखंड वासियों की यादों में हमेशा बनी रहेगी.

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल का बुधवार को निधन हो गया है. साल 2003 से 2007 तक सुदर्शन अग्रवाल ने उत्तराखंड में बतौर राज्यपाल जिम्मेदारी संभाली थी. स्व.अग्रवाल उत्तराखंड के दूसरे राज्यपाल थे. स्वर्गीय अग्रवाल के निधन पर उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गहरा दुख व्यक्त किया है. स्व. अग्रवाल के निधन पर उत्तराखंड सरकार ने 4 जुलाई को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.

  • अभी दुःखद ख़बर मिली है कि संविधान मर्मज्ञ व हमारे पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवालजी ब्रह्मलीन हो गये हैं।
    मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/WkqLT0F3ZC

    — Kishore Upadhyay (@KupadhyayINC) July 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल श्री सुदर्शन अग्रवाल जी के निधन की खबर से आहत हूं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति व शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें। राज्यपाल के रूप में अग्रवाल जी ने संवैधानिक कर्तव्यों का पूर्ण जिम्मेदारी से निर्वहन किया।

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) July 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

स्व. अग्रवाल कुशल प्रशासक, जाने-माने विधिवेता और समाजसेवी भी थे. उत्तराखंड में राज्यपाल रहते हुए उन्होंने अपने सरल स्वभाव के चलते लोगों के दिलों में अपनी अलग जगह बनाई थी. स्व. अग्रवाल उत्तराखंड के साथ-साथ सिक्किम के भी राज्यपाल रह चुके हैं. साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के भी सदस्य रहे हैं. स्व. अग्रवाल पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते थे.

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उन्होंने गरीब बालिकाओं की मुफ्त शिक्षा के लिए उन्होंने देहरादून में हिम ज्योति स्कूल की शुरुआत की थी. सुदर्शन अग्रवाल के निधन के बाद उत्तराखंड सरकार ने 4 जुलाई को राजकीय शोक रखने की घोषणा की है. सुदर्शन अग्रवाल यूं तो कई अहम पदों पर रहे, लेकिन उनका समाजसेवी चेहरा आम लोगों की नजरों में सबसे ज्यादा प्रभावी रहा है. उनका सरल स्वभाव और सामाजिक समस्याओं को लेकर उनकी चिंता उत्तराखंड वासियों की यादों में हमेशा बनी रहेगी.

Intro:summary- उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल का आज देहांत हो गया.. सुदर्शन अग्रवाल उत्तराखंड के दूसरे राज्यपाल थे और बतौर राज्यपाल वो अपने सरल स्वभाव की बदौलत इस खास पद पर भी आमजन के बीच बेहद आम दिखाई दिए।

देश के एक जाने-माने कानून विद और उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल अब हमारे बीच नहीं है... सुदर्शन अग्रवाल उत्तराखंड में अपने सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।


Body:उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल शासन अग्रवाल का आज निधन हो गया। अग्रवाल उत्तराखंड के दूसरे राज्यपाल थे... साल 2003 से 2007 तक सुदर्शन अग्रवाल ने उत्तराखंड में बतौर राज्यपाल जिम्मेदारी संभाली। स्वर्गीय अग्रवाल के निधन के बाद उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। यूं तो स्व अग्रवाल कुशल प्रशासक, जाने-माने विधिवेता और समाजसेवी भी थे लेकिन उत्तराखंड में राज्यपाल रहते हुए उन्होंने अपने सरल स्वभाव के चलते लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। स्वर्गीय अग्रवाल ने राज्यपाल रहते हुए न केवल अपनी फ्लीट में गाड़ियों की संख्या कम की थी बल्कि अपनी सुरक्षा में तैनात कर्मियों की संख्या को भी उन्होंने कम किया। यही बातें थी जो स्वर्गीय अग्रवाल के आम लोगों से जुड़ने की इच्छा को जाहिर करती थी। रोशन अग्रवाल उत्तराखंड के साथ-साथ सिक्किम के भी राज्यपाल रहे हैं इसके अलावा वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के भी सदस्य रहे। स्वर्गीय अग्रवाल पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते थे। उत्तराखंड में सामाजिक कार्यों के लिए उन्होंने राज्यपाल रहते शुभ काम किया इसमें गरीब बालिकाओं के लिए देहरादून में हिम ज्योति स्कूल की भी शुरुआत उनके द्वारा ही की गई। सुदर्शन अग्रवाल के निधन के बाद उत्तराखंड सरकार ने 4 जुलाई को राजकीय शोक रखने की घोषणा की है।


Conclusion:सुदर्शन अग्रवाल यूं तो कई अहम पदों पर रहे, लेकिन उनका समाजसेवी चेहरा आम लोगों की नजरों में सबसे ज्यादा प्रभावी रहा। उनका सरल स्वभाव और सामाजिक समस्याओं उनकी चिंता उत्तराखंड वासियों की यादों में हमेशा बना रहेगा।
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