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दीपक रावत को ऊर्जा निगम के कर्मचारियों का पत्र, 'दरार' वाले प्लान पर जताई नाराजगी

ऊर्जा निगम ने हड़ताल खत्म करने के लिए मोर्चे से बात करने के बजाय संगठनों के पदाधिकारियों से अलग-अलग बात करने का तरीका निकाला था. जिसके बाद अब मोर्चे ने इसे लेकर नाराजगी जताई है. मोर्चे ने इस संबंध में ऊर्जा निगम को पत्र भेजा है.

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IAS दीपक रावत को ऊर्जा निगम कर्मचारियों ने भेजा पत्र
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Published : Sep 9, 2021, 8:31 PM IST

देहरादून: ऊर्जा निगम में अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चे को तोड़ने की खबर प्रकाशित होने के बाद आज मोर्चे ने आईएएस दीपक रावत को एक पत्र लिखा है. यह पत्र न केवल यूपीसीएल और पिटकुल के लिए है. बल्कि यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक को भी इसमें दो टूक आंदोलन से जुड़ी मांगों को पूरा करने के लिए कहा गया है. साथ ही पत्र में आंदोलन को तोड़ने पर नाराजगी भी जताई गई है.

ऊर्जा निगम में ईटीवी भारत ने एक दिन पहले ही अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चे को तोड़ने से जुड़ी आशंकाओं पर खबर प्रकाशित की थी. जिसमें बताया गया था कि कर्मचारी संगठनों से किस तरह अलग-अलग बात करते हुए मामले पर मोर्चे की भूमिका पर ही सवाल खड़े करने की कोशिश की जा रही है. इस मामले में उर्जा मंत्री ने अपने अलग तर्क दिए थे.

पढ़ें-ऊर्जा निगम का 'दरार' वाला प्लान फेल, कर्मचारी संगठनों ने दिखाई एकजुटता

ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भी प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर दो टूक सख्त लहजे में जाहिर कर दिया है कि ऊर्जा निगम प्रबंधन का इस तरह का काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यही नहीं ऊर्जा निगम प्रबंधन की तरफ से किए गए इस प्रयास के बाद अब मोर्चा और भी सख्त अंदाज में आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात कह रहा है.

पढ़ें- चुनाव से पहले उत्तराखंड में शुरू हुआ दल-बदल का 'खेल', कितना सही-कितना गलत?

मोर्चे ने इसके अलावा आंदोलन के साथ ही किसी भी कर्मचारी का प्रबंधन द्वारा उत्पीड़न किए जाने की स्थिति में भी अपनी सख्त टिप्पणी दी है. मोर्चे ने लिखा यदि किसी कर्मचारी का उत्पीड़न होता है तो यह सही नहीं होगा. मोर्चे की तरफ से प्रबंधन को इस तरह की कार्यवाही नहीं किए जाने के लिए भी लिखा गया है.

पढ़ें- शराब ठेकों पर नहीं रुक रही ओवर रेटिंग, चार साल में 879 शिकायतों पर हुई कार्रवाई

जाहिर है कि ऊर्जा निगम प्रबंधन में कुछ अधिकारियों की तरफ से मोर्चे को कथित तोड़ने की कार्यवाही को कर्मचारियों ने अपनी सूझबूझ और एकता से फेल कर दिया है. अब जिस तरह से सख्त पत्र लिखा गया है उससे प्रबंधन को कोई भी कर्मचारी विरोधी कदम उठाने से पहले एक बार जरूर सोचना होगा.

देहरादून: ऊर्जा निगम में अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चे को तोड़ने की खबर प्रकाशित होने के बाद आज मोर्चे ने आईएएस दीपक रावत को एक पत्र लिखा है. यह पत्र न केवल यूपीसीएल और पिटकुल के लिए है. बल्कि यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक को भी इसमें दो टूक आंदोलन से जुड़ी मांगों को पूरा करने के लिए कहा गया है. साथ ही पत्र में आंदोलन को तोड़ने पर नाराजगी भी जताई गई है.

ऊर्जा निगम में ईटीवी भारत ने एक दिन पहले ही अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चे को तोड़ने से जुड़ी आशंकाओं पर खबर प्रकाशित की थी. जिसमें बताया गया था कि कर्मचारी संगठनों से किस तरह अलग-अलग बात करते हुए मामले पर मोर्चे की भूमिका पर ही सवाल खड़े करने की कोशिश की जा रही है. इस मामले में उर्जा मंत्री ने अपने अलग तर्क दिए थे.

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ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भी प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर दो टूक सख्त लहजे में जाहिर कर दिया है कि ऊर्जा निगम प्रबंधन का इस तरह का काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यही नहीं ऊर्जा निगम प्रबंधन की तरफ से किए गए इस प्रयास के बाद अब मोर्चा और भी सख्त अंदाज में आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात कह रहा है.

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मोर्चे ने इसके अलावा आंदोलन के साथ ही किसी भी कर्मचारी का प्रबंधन द्वारा उत्पीड़न किए जाने की स्थिति में भी अपनी सख्त टिप्पणी दी है. मोर्चे ने लिखा यदि किसी कर्मचारी का उत्पीड़न होता है तो यह सही नहीं होगा. मोर्चे की तरफ से प्रबंधन को इस तरह की कार्यवाही नहीं किए जाने के लिए भी लिखा गया है.

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जाहिर है कि ऊर्जा निगम प्रबंधन में कुछ अधिकारियों की तरफ से मोर्चे को कथित तोड़ने की कार्यवाही को कर्मचारियों ने अपनी सूझबूझ और एकता से फेल कर दिया है. अब जिस तरह से सख्त पत्र लिखा गया है उससे प्रबंधन को कोई भी कर्मचारी विरोधी कदम उठाने से पहले एक बार जरूर सोचना होगा.

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