ETV Bharat / city

पदोन्नति में आरक्षण को लेकर दो धड़ों में बटे कर्मचारी, दी आंदोलन की चेतावनी

एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी सरकार पदोन्नति पर फैसला नहीं कर पाई है. जिस पर सामान्य ओबीसी वर्ग के लोगों ने सरकार की मंशा पर संदेह जताया है.

employees-divided-in-two-factions-in-reservation-case-in-promotion
पदोन्नति में आरक्षण मामले में दो धड़ों में बटे कर्मचारी
author img

By

Published : Feb 17, 2020, 7:22 PM IST

Updated : Feb 21, 2020, 2:22 PM IST

देहरादून: पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सामान्य ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों में गहरा असंतोष है. प्रदेश में इसे लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है. वहीं इस फैसले पर सरकार की तरफ से दोबारा विचार करने को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के कर्मचारियों द्वारा भी आंदोलन की तैयारी की जा रही है. कुल मिलाकर कहा जाए तो पदोन्नति में आरक्षण के 'सुप्रीम' फैसले पर राज्य के कर्मचारी दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं.

पदोन्नति में आरक्षण को लेकर चली आ रही लड़ाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करने के साथ ही सरकार को इसके आधिकारिक बताया है. एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी सरकार ने पदोन्नति नहीं की है. जिस पर सामान्य ओबीसी वर्ग के लोगों ने सरकार की मंशा पर संदेह जताया है.

पदोन्नति में आरक्षण मामले में दो धड़ों में बटे कर्मचारी

पढ़ें- हल्द्वानी: प्रशासन ने हाईवे निर्माणदायी संस्था पर से वसूला जुर्माना, दिए ये सख्त निर्देश

सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को डर है कि सरकार केंद्रीय नेताओं और एसटी-एससी वर्ग के कर्मचारियों के दबाव में आकर कहीं पीछे न हट जाए. ओबीसी, सामान्य वर्ग के कर्मचारियों ने सरकार से पदोन्नति के मामले में अपनाये जा रहे ढीले रवैए को देखते हुए आंदोलन की तैयारी की है. अखिल भारतीय समानता मंच और सामान्य ओबीसी कर्मचारी उत्तराखंड के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट में यह कहा है कि वह पदोन्नति में आरक्षण नहीं देना चाहती, लेकिन अब फैसला आने के बाद भी पदोन्नति की प्रक्रिया को शुरू नही किया गया है.

पढ़ें- उत्तराखंड की इन तीन जगहों पर भी आप कर सकेंगे पैराग्लाइडिंग, ट्रायल रहा सफल

उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में लाखों कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे. साथ ही उन्होंने कर्मचारी और परिजनों के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच करने की बात भी कही. दूसरी तरफ एसटी-एससी कर्मचारी संगठन का प्रतिनिधित्व कर रहे कर्मराम का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण के फैसले के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया है. इसलिए उन्हें सरकार से उम्मीद है कि वह इस मामले पर उचित फैसला लेगी.

देहरादून: पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सामान्य ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों में गहरा असंतोष है. प्रदेश में इसे लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है. वहीं इस फैसले पर सरकार की तरफ से दोबारा विचार करने को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के कर्मचारियों द्वारा भी आंदोलन की तैयारी की जा रही है. कुल मिलाकर कहा जाए तो पदोन्नति में आरक्षण के 'सुप्रीम' फैसले पर राज्य के कर्मचारी दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं.

पदोन्नति में आरक्षण को लेकर चली आ रही लड़ाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करने के साथ ही सरकार को इसके आधिकारिक बताया है. एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी सरकार ने पदोन्नति नहीं की है. जिस पर सामान्य ओबीसी वर्ग के लोगों ने सरकार की मंशा पर संदेह जताया है.

पदोन्नति में आरक्षण मामले में दो धड़ों में बटे कर्मचारी

पढ़ें- हल्द्वानी: प्रशासन ने हाईवे निर्माणदायी संस्था पर से वसूला जुर्माना, दिए ये सख्त निर्देश

सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को डर है कि सरकार केंद्रीय नेताओं और एसटी-एससी वर्ग के कर्मचारियों के दबाव में आकर कहीं पीछे न हट जाए. ओबीसी, सामान्य वर्ग के कर्मचारियों ने सरकार से पदोन्नति के मामले में अपनाये जा रहे ढीले रवैए को देखते हुए आंदोलन की तैयारी की है. अखिल भारतीय समानता मंच और सामान्य ओबीसी कर्मचारी उत्तराखंड के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट में यह कहा है कि वह पदोन्नति में आरक्षण नहीं देना चाहती, लेकिन अब फैसला आने के बाद भी पदोन्नति की प्रक्रिया को शुरू नही किया गया है.

पढ़ें- उत्तराखंड की इन तीन जगहों पर भी आप कर सकेंगे पैराग्लाइडिंग, ट्रायल रहा सफल

उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में लाखों कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे. साथ ही उन्होंने कर्मचारी और परिजनों के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच करने की बात भी कही. दूसरी तरफ एसटी-एससी कर्मचारी संगठन का प्रतिनिधित्व कर रहे कर्मराम का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण के फैसले के लिए राज्य सरकार को अधिकृत किया है. इसलिए उन्हें सरकार से उम्मीद है कि वह इस मामले पर उचित फैसला लेगी.

Last Updated : Feb 21, 2020, 2:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.