देहरादून: राजधानी के आरटीओ कार्यालय में कार्यरत RI आलोक कुमार के घर 4 महीने पहले हुई एक करोड़ 38 लाख डकैती मामले में अब पुलिस खुद ही मुकदमा दर्ज करा सकती है. दरअसल, इस मामले में आरआई की पत्नी द्वारा पुलिस को दिए गए बयान सच्चाई को गुमराह करने वाले नजर आ रहे हैं. पुलिस को दी जाने वाले तहरीर में जो लूट की रकम दिखाई गई है उसमें आरोपियों के दिये गए बयानों की तुलना बड़ा अंतर सामने आ रहा है.आरआई की पत्नी ने एसपी सिटी श्वेता चौबे के समक्ष दिये गये बयानों में लूट की जो रकम स्वीकार की है वो 25 लाख रुपए के आस पास बताई जा रही है. जबकि, घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के अनुसार ये रकम एक करोड़ 38 लाख की है.
बता दें कि अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी संचालक के घर हुई डकैती मामले में गिरफ्तार होने वाले गिरोह के सरगना वीरेंद्र ठाकुर उर्फ डीआईजी और उसके अन्य साथियों ने पुलिस और मीडिया के सामने आरटीओ कर्मचारी के घर लूट के मामले को स्वीकारा था. जिसके बाद से ही ये मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है.
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हालांकि, घटना के 4 महीने बाद अपराधियों द्वारा खुलासा होने के बाद मुश्किल में आये आरटीओ कर्मचारी की पत्नी ने दून पुलिस को तहरीर देते हुए मात्र 25 लाख की लूट की बात स्वीकारी है. जिसके बाद से ही पुलिस असमंजस की स्थिति में है. जानकारों के मुताबिक, आयकर विभाग और ईडी से बचने के लिए आरटीओ कर्मी द्वारा पुलिस को गुमराह कर इस मामले में तहरीर दी गई है.
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पुलिस जांच में जो तथ्य आए हैं वह शिकायतकर्ता के एप्लीकेशन से अलग : एसएसपी
उधर इस मामले में देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी का मानना है कि इस मामले में आरटीओ कर्मचारी की पत्नी द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत वाली जानकारी संदेह के घेरे में है. उन्होंने बताया कि अभी तक पुलिस जांच पड़ताल में जो तथ्य सामने आए हैं वह शिकायतकर्ता की एप्लीकेशन से पूरी तरह अलग नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब पुलिस फिर से इस मामले में अपने स्तर से सभी तरह की इन्वेस्टिगेशन कर आगे की कानूनी कार्रवाई के बारे में जल्द निर्णय लेगी.