देहरादून: राजधानी में सड़क हादसे और चोरी जैसी घटनाएं आम बात हो गई हैं. आये दिन होने वाली ये घटनाएं पुलिस के लिए भी किसी परेशानी से कम नहीं हैं. इन सभी घटनाओं के खुलासों में हमेशा ही सीसीटीवी कैमरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. किसी भी घटना की शुरुआती जांच में सीसीटीवी कैमरे से ही पुलिस को वो अहम सुराग मिल जाते हैं, जिनसे आसानी से अपराधी तक पहुंचा जा सकता है. सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए काफी मायने रखते हैं. मगर राजधानी देहरादून में ही सीसीटीवी कैमरे पर्याप्त संख्या में नहीं हैं.
हालांकि देहरादून में पुलिस ने कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं. मगर राजधानी में लगाये गये इन सीसीटीवी कैमरे में से कुछ खराब हैं तो कुछ में तकनीकी समस्या आने के कारण इस्तेमाल नहीं हो रहा है. जिसके कारण पुलिस को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. राजधानी में पुलिस के पास सीसीटीवी कैमरों की संख्या के साथ ही इसके लिए पर्याप्त संख्या बल की कमी है जो इसे ऑपरेट कर सके. उसके उपर से खराब हो चुके सीसीटीवी कैमरे भी पुलिस का काम बढ़ा रहे हैं.
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डीआईजी अरुण मोहन जोशी सीसीटीवी कैमरों को लेकर काफी सख्त नजर आ रहे हैं. डीआईजी ने खराब सभी सीसीटीवी कैमरे को जल्द से जल्द ठीक करने के निर्देश दिए हैं. देहरादून की सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के हालात पर डीआईजी ने कहा कि सीसीटीवी से ही तमाम घटनाओं का खुलासा होता है, सीसीटीवी से सेफ्टी और सिक्योरिटी बनी रहती है. इसलिए सीसीटीवी कैमरों की समय-समय पर जांच होनी चाहिए.
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अरुण मोहन जोशी ने कहा वर्तमान में शहर में लगे कुछ कैमरे जरूर खराब हैं, लेकिन विभाग के पास इसके लिए पर्याप्त मात्रा में बजट है, जिससे इन्हें जल्द से जल्द ठीक करवाया जाएगा. यही नहीं जिन जगहों पर कैमरे लगाने की आवश्यकता है वहां पर भी नये कैमरे लगाए जा रहे हैं.