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प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा पॉलीथिन का इस्तेमाल, नगर निगम के दावे फेल

पॉलीथिन के इस्तेमाल से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए नैनीताल हाइकोर्ट ने पिछले साल पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन आज भी राजधानी देहरादून में धड़ल्ले से पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है.

देहरादून
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Published : Feb 3, 2019, 11:45 PM IST

देहरादून: पॉलीथिन के इस्तेमाल से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए नैनीताल हाइकोर्ट ने पिछले साल पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन आज भी राजधानी देहरादून में धड़ल्ले से पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि पॉलीथिन का इस्तेमाल करने पर नगर निगम प्रशासन व्यापारियों से जुर्माना भी वसूलता है. बावजूद व्यापारियों पर कोई खास असर पड़ता नज़र नहीं आ रहा है.

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राजधानी में पॉलीथिन के इस्तेमाल को लेकर मुख्य नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि पॉलीथिन इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए टीमें गठित कर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही ऐसी योजना बनाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिसके तहत पॉलिथीन का थोक व्यापार करने वालों पर शिकंजा कसा जा सके. उन्होंने बताया कि पॉलीथिन और प्लास्टिक को पिघलाकर सड़क बनाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिसके लिए लोक निर्माण विभाग से बातचीत की जा रही है.

पढ़ें: कुमाऊं फर्जी डिग्री मामला: गिरोह के भंड़ाफोड़ के लिए देशभर में होगी छापेमारी

इस मामले में पर्यावरणविद जेपी मैठाणी ने कहा कि छोटे व्यापारियों से जुर्माना वसूल लेने से ही पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता. इसके लिए शासन प्रशासन को ऐसी पॉलिसी बनाने की जरूरत है, जिससे पड़ोसी राज्यों से आने वाले पॉलीथिन को प्रदेश की सीमा पर रोका जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि पॉलीथिन और प्लास्टिक को पिघलाकर सड़क बनाना बेहतर विकल्प नहीं है. इससे एक तरफ भविष्य में भू-जल की मात्रा में कमी आएगी तो वहीं ओजोन लेयर पर भी दुष्प्रभाव पड़ेगा.

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देहरादून: पॉलीथिन के इस्तेमाल से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए नैनीताल हाइकोर्ट ने पिछले साल पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन आज भी राजधानी देहरादून में धड़ल्ले से पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि पॉलीथिन का इस्तेमाल करने पर नगर निगम प्रशासन व्यापारियों से जुर्माना भी वसूलता है. बावजूद व्यापारियों पर कोई खास असर पड़ता नज़र नहीं आ रहा है.

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राजधानी में पॉलीथिन के इस्तेमाल को लेकर मुख्य नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि पॉलीथिन इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए टीमें गठित कर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही ऐसी योजना बनाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिसके तहत पॉलिथीन का थोक व्यापार करने वालों पर शिकंजा कसा जा सके. उन्होंने बताया कि पॉलीथिन और प्लास्टिक को पिघलाकर सड़क बनाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिसके लिए लोक निर्माण विभाग से बातचीत की जा रही है.

पढ़ें: कुमाऊं फर्जी डिग्री मामला: गिरोह के भंड़ाफोड़ के लिए देशभर में होगी छापेमारी

इस मामले में पर्यावरणविद जेपी मैठाणी ने कहा कि छोटे व्यापारियों से जुर्माना वसूल लेने से ही पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता. इसके लिए शासन प्रशासन को ऐसी पॉलिसी बनाने की जरूरत है, जिससे पड़ोसी राज्यों से आने वाले पॉलीथिन को प्रदेश की सीमा पर रोका जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि पॉलीथिन और प्लास्टिक को पिघलाकर सड़क बनाना बेहतर विकल्प नहीं है. इससे एक तरफ भविष्य में भू-जल की मात्रा में कमी आएगी तो वहीं ओजोन लेयर पर भी दुष्प्रभाव पड़ेगा.

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स्लग - महिला सशक्तिकरण सम्मेलन। 
स्थान - रूद्रपुर। 
रिपोर्ट - राकेश रावत।  

एंकर - भारत विकास परिषद द्वारा उत्तर मध्य रीजन का महिला सम्मेलन आज रुद्रपुर में आयोजित किया गया। जिसमें उत्तराखंड सहित उत्तरप्रदेश की लगभग पाँच सो से अधिक महिलाओ ने प्रतिभाग किया गया। इस दौरान परिवार, समाज ओर देश निर्माण में महिलाओ की जिमेदारी पर चर्चा की गई।  

वीओ - भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित एक दिवसीय उत्तर भारत रीजन महिला सम्मेलन का आज संगठन के पदाधिकारियों द्वारा शुभारम्भ किया गया। एक दिवसीय कार्यक्रम को चार सत्र में आयोजित किया गया। जिसमे नारी असीमित संभावनाओं का स्रोत विषय पर चर्चा ओर परिवार, समाज व राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका विषय पर चर्चा भी की गई। इस दौरान आगन्तुक पदाधिकारियों द्वारा विस्तार पूर्वक सभी बिंदुओं पर चर्चा की गयी । कार्यक्रम में उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश से आई परिषद की सदस्याओं ने अपने सुझाव भी रखे गये। कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चो के द्वारा सांस्कृतिक आयोजन भी किये गए। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाओ को बराबरी हक मिलना चाहिए उन्होंने कहा कि परिवार के साथ साथ सामाजिक और राष्ट्र निर्माण में महिलाओ की भूमिका भी होनी चाहिए। इसके लिए महिलाओ को आगे आने की जरूरत है। कार्यक्रम में परिषद की राष्ट्रीय चेयर पर्सन  अविनाश शर्मा,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केशव गुप्ता, राष्ट्रीय मंत्री सुनील खेडा,राष्ट्रीय माहामंत्री मुकेश जैन ने भी शिरकत की।  

बाइट - पारुल गुप्ता, प्रांतीय संयोजिका उत्तराखंड।
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