देहरादून: पॉलीथिन के इस्तेमाल से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए नैनीताल हाइकोर्ट ने पिछले साल पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन आज भी राजधानी देहरादून में धड़ल्ले से पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि पॉलीथिन का इस्तेमाल करने पर नगर निगम प्रशासन व्यापारियों से जुर्माना भी वसूलता है. बावजूद व्यापारियों पर कोई खास असर पड़ता नज़र नहीं आ रहा है.
राजधानी में पॉलीथिन के इस्तेमाल को लेकर मुख्य नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि पॉलीथिन इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए टीमें गठित कर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही ऐसी योजना बनाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिसके तहत पॉलिथीन का थोक व्यापार करने वालों पर शिकंजा कसा जा सके. उन्होंने बताया कि पॉलीथिन और प्लास्टिक को पिघलाकर सड़क बनाने पर भी विचार किया जा रहा है, जिसके लिए लोक निर्माण विभाग से बातचीत की जा रही है.
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इस मामले में पर्यावरणविद जेपी मैठाणी ने कहा कि छोटे व्यापारियों से जुर्माना वसूल लेने से ही पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता. इसके लिए शासन प्रशासन को ऐसी पॉलिसी बनाने की जरूरत है, जिससे पड़ोसी राज्यों से आने वाले पॉलीथिन को प्रदेश की सीमा पर रोका जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि पॉलीथिन और प्लास्टिक को पिघलाकर सड़क बनाना बेहतर विकल्प नहीं है. इससे एक तरफ भविष्य में भू-जल की मात्रा में कमी आएगी तो वहीं ओजोन लेयर पर भी दुष्प्रभाव पड़ेगा.