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देहरादून: डेंगू का कहर जारी, 26 बेड का वार्ड भी पड़ रहा नाकाफी

देहरादून में डेंगू का कहर जारी है. दून अस्पताल में बनाया गया 26 बेड का डेंगू वार्ड भी आ रहे मरीजों की संख्या के लिए नाकाफी पड़ रहा है.

डेंगू का कहर जारी.
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Published : Aug 22, 2019, 11:10 PM IST

देहरादून: नगर में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. डेंगू का बुखार खतरनाक साबित हो रहा है. डेंगू से पीड़ित मरीजों का दून मेडिकल कॉलेज में आना लगातार जारी है. अस्पताल में 26 बेड का डेंगू वार्ड भी मरीजों की संख्या के लिए पर्याप्त नहीं है. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एसडी जोशी का कहना है कि डेंगू वॉर्ड फुल होने की वजह से एलाइजा पॉजिटिव मरीजों को अन्य वार्डों में भर्ती किया जा रहा है.

डेंगू का कहर जारी.

दरअसल, देहरादून में डेंगू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते दून अस्पताल में 26 बेड का डेंगू वार्ड भी मरीजों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है. आलम यह है कि डेंगू वार्ड फुल होने की वजह से एलाइजा पॉजिटिव मरीजों को अन्य वार्डों में भर्ती किया जा रहा है. जबकि कुछ मरीजों को ओपीडी स्तर पर ही परामर्श देकर घर पर ही दवा लेने और एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है.

पढ़ें: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लिखित परीक्षा में धांधली का मामला आया सामने, जांच शुरू

वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एसडी जोशी ने कहा कि डेंगू से होने वाले बुखार में जरा सी भी लापरवाही काफी खतरनाक हो सकती है. ये लीवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण ऑर्गन्स पर दुष्प्रभाव डाल सकती है. उन्होंने कहा कि डेंगू का बुखार लीवर के सेल्स पर हमला करता है. जिससे इस ऑर्गन को काम करने में दिक्कत आती है. इसी तरह से किडनी पर भी डेंगू का बुखार असर करता है. लेकिन वक्त के साथ दोनों ऑर्गन्स सही तरीके से फंग्शन करने लगते हैं.

देहरादून: नगर में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. डेंगू का बुखार खतरनाक साबित हो रहा है. डेंगू से पीड़ित मरीजों का दून मेडिकल कॉलेज में आना लगातार जारी है. अस्पताल में 26 बेड का डेंगू वार्ड भी मरीजों की संख्या के लिए पर्याप्त नहीं है. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एसडी जोशी का कहना है कि डेंगू वॉर्ड फुल होने की वजह से एलाइजा पॉजिटिव मरीजों को अन्य वार्डों में भर्ती किया जा रहा है.

डेंगू का कहर जारी.

दरअसल, देहरादून में डेंगू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते दून अस्पताल में 26 बेड का डेंगू वार्ड भी मरीजों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है. आलम यह है कि डेंगू वार्ड फुल होने की वजह से एलाइजा पॉजिटिव मरीजों को अन्य वार्डों में भर्ती किया जा रहा है. जबकि कुछ मरीजों को ओपीडी स्तर पर ही परामर्श देकर घर पर ही दवा लेने और एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है.

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वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एसडी जोशी ने कहा कि डेंगू से होने वाले बुखार में जरा सी भी लापरवाही काफी खतरनाक हो सकती है. ये लीवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण ऑर्गन्स पर दुष्प्रभाव डाल सकती है. उन्होंने कहा कि डेंगू का बुखार लीवर के सेल्स पर हमला करता है. जिससे इस ऑर्गन को काम करने में दिक्कत आती है. इसी तरह से किडनी पर भी डेंगू का बुखार असर करता है. लेकिन वक्त के साथ दोनों ऑर्गन्स सही तरीके से फंग्शन करने लगते हैं.

Intro:देहरादून में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में डेंगू का बुखार खतरनाक साबित हो रहा है, डेंगू से पीड़ित मरीज का फीवर बिगड़ने पर यह लीवर और किडनी जैसे ऑर्गन्स को भी अपना निशाना बना रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक भी मानते हैं कि डेंगू से होने वाला बुखार लिवर और किडनी जैसे ऑर्गन्स पर अपना असर डालता है।


Body: दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एस.डी जोशी का कहना है कि जो भी वायरल फीवर होते हैं या जो वायरस होता है यह लीवर और किडनी में असर डालता है, हेपेटाइटिस को दरअसल वायरल हेपेटाइटिस भी कहा जाता है। इसी प्रकाश डेंगू का वायरस लीवर और किडनी जैसे ऑर्गन्स के लिए खतरनाक साबित होता है। उन्होंने डेंगू के बुखार को परिभाषित करते हुए कहा कि डेंगू का बुखार लीवर के सेल्स पर आक्रमण करता है जिसके बाद इस ऑर्गन को काम करने में दिक्कत आती है। इसी तरह से किडनी में हालांकि वायरस का इतना दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है जबकि डेंगू से पीड़ित मरीज के शरीर में यदि पानी की कमी हो जाती है या फिर उस मरीज को उल्टी और दस्त होने की शिकायत शुरू हो जाती है। इस परिस्थिति में किडनी का फंक्शन थोड़ा असर करता है, लेकिन दोनों चीजें वक्त के साथ-साथ ठीक भी हो जाती हैं।

बाईट- डॉक्टर एसडी जोशी, वरिष्ठ फिजिशियन, दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion:दरअसल डेंगू से पीड़ित मरीजों का दून मेडिकल कॉलेज में आना जारी है, अस्पताल में 26 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है,लेकिन यह भी अपर्याप्त है। आलम यह है कि डेंगू वॉर्ड फुल होने की वजह से एलाइजा पॉजिटिव मरीजों को अन्य वार्डों में भर्ती किया जा रहा है, जबकि कुछ मरीजों को ओपीडी स्तर पर ही परामर्श देकर घर पर ही दवा लेने और एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है, लेकिन डेंगू से होने वाले बुखार मे जरा सी भी लापरवाही लीवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण ऑर्गन्स पर दुष्प्रभाव डाल सकती है। हालांकि डेंगू के मरीजों का इलाज कर रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि वक्त के साथ-साथ दोनों ऑर्गन्स सही तरीके से फंग्शन करने लगते हैं।
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