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सहकारी बैंक भर्ती घोटाले के आरोपियों के बैंक खातों की जांच की मांग, जन संघर्ष मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन

जन संघर्ष मोर्चा ने उत्तराखंड सहकारिता बैंक भर्ती घोटाले की उच्चस्तरीय जांच के साथ इसमें संलिप्त लोगों के बैंक खातों की डिटेल निकलवाने की मांग की है. जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ नेगी ने सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम को ज्ञापन सौंपा.

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सहकारी बैंक भर्ती घोटाला
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Published : May 12, 2022, 11:59 AM IST

विकासनगर: उत्तराखंड सहकारी बैंक घोटाले की उच्चस्तरीय जांच को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने शासन में दस्तक दी है. जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की है.

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के सरकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी सहयोगी गार्ड कर्मचारियों की भर्ती की जांच की मांग की है. नेगी ने कहा कि देहरादून, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद द्वारा जो परिणाम घोषित किया गया उसमें घपला हुआ है. नेगी ने नियुक्ति रद्द करके मामले की उच्चस्तरीय जांच एवं बैंक के अध्यक्ष, चयन समिति के अधिकारी, कर्मचारी गणों समेत तमाम जालसाजों के समस्त बैंक खातों में जनवरी 2022 से अप्रैल 15 -2022 तक लेनदेन की उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया है. इसका संज्ञान लेते हुए सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा अपर सचिव सहकारिता को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि जनपद देहरादून की भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है. सहकारी बैंक घोटाले में बैंक के अध्यक्ष के साथ-साथ अधिकारी और कर्मचारी जुड़े हैं. मोर्चा के पास इनके तमाम बैंक खातों से जुड़ी जानकारी है. जिसमें उनके द्वारा अपने बैंक खातों के माध्यम से एक पद के लिए 10 से लेकर 15 लाख रुपए तक में बेचा गया है.
ये भी पढ़ें: 'धन सिंह रावत तेरा कमाल, सहकारिता बैंक घोटाले में हुए मालामाल', नारे लगाकर महिला कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा

रघुनाथ नेगी ने कहा कि हैरानी की बात है कि घोटालेबाजों ने अपने रिश्तेदारों के साथ-साथ बैंक में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों के रिश्तेदारों परिजनों से यह मोटी रकम हासिल कर ली. बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कई-कई वर्षों से इन बैंकों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों एवं काबिल युवाओं को दरकिनार कर पैसे वाले लोगों को नौकरी दी गई है. हाल ही में जांच अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है. मोर्चा ने उस जांच रिपोर्ट में इन तमाम घोटालेबाजों के खातों में माह जनवरी 2022 से 15 अप्रैल 2022 तक के समस्त लेनदेन को शामिल कराने का आग्रह किया है.

विकासनगर: उत्तराखंड सहकारी बैंक घोटाले की उच्चस्तरीय जांच को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने शासन में दस्तक दी है. जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की है.

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश के सरकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी सहयोगी गार्ड कर्मचारियों की भर्ती की जांच की मांग की है. नेगी ने कहा कि देहरादून, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद द्वारा जो परिणाम घोषित किया गया उसमें घपला हुआ है. नेगी ने नियुक्ति रद्द करके मामले की उच्चस्तरीय जांच एवं बैंक के अध्यक्ष, चयन समिति के अधिकारी, कर्मचारी गणों समेत तमाम जालसाजों के समस्त बैंक खातों में जनवरी 2022 से अप्रैल 15 -2022 तक लेनदेन की उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया है. इसका संज्ञान लेते हुए सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा अपर सचिव सहकारिता को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि जनपद देहरादून की भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है. सहकारी बैंक घोटाले में बैंक के अध्यक्ष के साथ-साथ अधिकारी और कर्मचारी जुड़े हैं. मोर्चा के पास इनके तमाम बैंक खातों से जुड़ी जानकारी है. जिसमें उनके द्वारा अपने बैंक खातों के माध्यम से एक पद के लिए 10 से लेकर 15 लाख रुपए तक में बेचा गया है.
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रघुनाथ नेगी ने कहा कि हैरानी की बात है कि घोटालेबाजों ने अपने रिश्तेदारों के साथ-साथ बैंक में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों के रिश्तेदारों परिजनों से यह मोटी रकम हासिल कर ली. बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कई-कई वर्षों से इन बैंकों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों एवं काबिल युवाओं को दरकिनार कर पैसे वाले लोगों को नौकरी दी गई है. हाल ही में जांच अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है. मोर्चा ने उस जांच रिपोर्ट में इन तमाम घोटालेबाजों के खातों में माह जनवरी 2022 से 15 अप्रैल 2022 तक के समस्त लेनदेन को शामिल कराने का आग्रह किया है.

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