देहरादून: कोरोना संक्रमण के चलते 28 दिन पहले सील किए गए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय वन अनुसंधान केंद्र (FRI) को आखिरकार खोल दिया गया है. शुक्रवार को जिला प्रशासन और पुलिस की देखरेख में संस्थान के मुख्य शताब्दी द्वार सहित अन्य द्वारों को आवाजाही के लिए खोला गया. हालांकि, अभी देशव्यापी लॉकडाउन के सभी नियम संस्थान में भी लागू रहेंगे. इसके अलावा संस्थान के अंदर कोरोना आइसोलेशन वॉर्ड भी पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं.
इतना ही नहीं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अनुसंधान कैंपस( IGNFA) का मुख्य भवन भी अभी बंद ही रहेगा. इस भवन में तीन आईएफएस अफसर कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. हालांकि मेडिकल उपचार के बाद आज तीनों आईएएस अफसर स्वस्थ हैं.
बता दें कि, उत्तराखंड में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला भी FRI से ही सामने आया था. यहां वन अनुसंधान केंद्र से विदेश में प्रशिक्षण लेकर लौटे 43 आईएफएस में से एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. जिसके बाद उसके संपर्क में आने से दो अन्य आईएफएस अफसर भी कोरोना पॉजिटिव हुए थे. जानकारी के मुताबिक, संस्थान के सील होने के बाद से ही साढ़े चार से पांच सौ कर्मचारी और अधिकारी संस्थान के अंदर ही बंद थे. FRI संस्थान में लगभग 1600 परिवार अलग-अलग क्वाटर्स में रहते हैं.
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28 दिनों के बाद एफआरआई संस्थान के खुलने को लेकर ईटीवी भारत ने देहरादून एसडीएम गोपाल राम से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि संस्थान को कोरोना संक्रमण के चलते सील किया गया था. अब संस्थान के तीनों आईएएस अफसर स्वस्थ हैं. इसके अलावा संस्थान अंदर क्वॉरेंटाइन ऑब्जरवेशन के लिए रखे गये सभी लोगों की स्थिति सामान्य पाई गई है, जिसके बाद ही FRI को आवाजाही के लिए खोला जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि एफआरआई में फिलहाल किसी भी तरह से पर्यटकों या अन्य लोगों की आवाजाही लॉकडाउन के कारण प्रतिबंधित है. सिर्फ कर्मचारी और अधिकारी ही लॉकडाउन ढील के समय यहां आवाजाही कर सकते हैं.