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उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद जागा उड्डयन विभाग, करने जा रहा ये काम

आपदा राहत बचाव कार्य में जुटे दो हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब उड्डयन विभाग वीआईपी सुरक्षा को देखते हुए बेहद गंभीर नजर आ रहा है. दो दुर्घटनाओं के बाद अब नागरिक उड्डयन विभाग प्राइवेट हेलीकॉप्टर के नियमों को जांचने की बात कह रहा है.

उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद जागा उड्डयन विभाग
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Published : Aug 24, 2019, 8:39 PM IST

देहरादून: उत्तरकाशी में बीते दिनों हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के बाद नागरिक उड्डयन विभाग की नींद खुली है. एक के बाद एक हुई इन दो दुर्घटनाओं के बाद अब नागरिक उड्डयन विभाग नियमों को जांचने की बात कह रहा है. हवाई सफर करने वाले वीआईपी लोगों की सुरक्षा को देखते हुए नागरिक उड्डयन विभाग गंभीर हो गया है. जिसके लिए उड्डयन विभाग प्रदेश के हेलीपैडों के आस-पास हुए डेवलपमेंट को लेकर नीति बनाने की पहल करने जा रहा है.

उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद जागा उड्डयन विभाग


प्राइवेट हेलीकॉप्टर के नियमों की हो रही है जांच
नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में हेली सुविधा देने वाले प्राइवेट हेलीकॉप्टर आसानी से परमिशन ले सकें, सुरक्षित फ्लाई कर सकें इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को इससे अच्छी इनकम हो और वो लोगों को सुरक्षित सेवा उपलब्ध करा सकें, इस संबंध में नागरिक उड्डयन विभाग समय-समय पर कार्यवाही कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट हेलीकॉप्टर आसानी से परमिशन ले सकें, उसके संबंध में बने नियमों को एक बार फिर से देखा जा रहा है, ताकि विपरीत परिस्थितियों में हेली सेवाओं का आसानी से इस्तेमाल किया जा सके.

पढ़ें-उत्तरकाशी: रेस्क्यू में लगा हेलीकॉप्टर टिकोची में दुर्घटनाग्रस्त, सभी सुरक्षित

जल्द मिलेगी हेलीपैड व्यवस्था के लिए नीति
राज्य सरकार ने 2013 में आयी आपदा के बाद सबक लेते हुए प्रदेश में विभिन्न जगहों पर हेलीपैड बनाने का एक खाका तैयार करने का दावा किया था, ताकि मानसून और आपदा के समय हेलीकॉप्टर के जरिए प्रभावित लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सके. हालांकि प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर अबतक 51 हेलीपैड तो बना दिए गए हैं, लेकिन कई हेलीपैडों के पास बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स होने के कारण इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश में राज्य सरकार ने जो हेलीपैड बनाये हैं उनमें से कई को इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. जिसे देखते हुए अब नागरिक उड्डयन विभाग हेलीपैड के पास किस तरह से विकास कार्य होंगे उस संबंध में नीति लाने जा रहा है.

पढ़ें-सहकारी समिति में नहीं मिल रही खाद, महंगे दामों पर बाजार से खरीदने को मजबूर किसान

वीआईपी सुरक्षा पर फोकस
आपदा राहत बचाव कार्य में जुटे दो हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब उड्डयन विभाग वीआईपी सुरक्षा को देखते हुए बेहद गंभीर नजर आ रहा है. इस मसले पर बोलते हुए नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि नागरिक उड्डयन विभाग के विमान और हेलीकॉप्टरों की रूटीन मेंटेनेंस होती रहती है. उन्होंने कहा कि इन हेलीकॉप्टरों में जो भी अपग्रेडेशन की आवश्यकता है उसके लिए ओरगिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स से रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसका अध्ययन कर ओरगिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स ने प्रजेंटेशन दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में विचार किया जा रहा है किस तरह से विमान और हेलीकॉप्टर के सिस्टम को इम्प्रूव किया जा सके, ताकि वीआइपी लोगों की सुरक्षा में कोई चूक न हो.

देहरादून: उत्तरकाशी में बीते दिनों हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के बाद नागरिक उड्डयन विभाग की नींद खुली है. एक के बाद एक हुई इन दो दुर्घटनाओं के बाद अब नागरिक उड्डयन विभाग नियमों को जांचने की बात कह रहा है. हवाई सफर करने वाले वीआईपी लोगों की सुरक्षा को देखते हुए नागरिक उड्डयन विभाग गंभीर हो गया है. जिसके लिए उड्डयन विभाग प्रदेश के हेलीपैडों के आस-पास हुए डेवलपमेंट को लेकर नीति बनाने की पहल करने जा रहा है.

उत्तरकाशी हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद जागा उड्डयन विभाग


प्राइवेट हेलीकॉप्टर के नियमों की हो रही है जांच
नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में हेली सुविधा देने वाले प्राइवेट हेलीकॉप्टर आसानी से परमिशन ले सकें, सुरक्षित फ्लाई कर सकें इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को इससे अच्छी इनकम हो और वो लोगों को सुरक्षित सेवा उपलब्ध करा सकें, इस संबंध में नागरिक उड्डयन विभाग समय-समय पर कार्यवाही कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट हेलीकॉप्टर आसानी से परमिशन ले सकें, उसके संबंध में बने नियमों को एक बार फिर से देखा जा रहा है, ताकि विपरीत परिस्थितियों में हेली सेवाओं का आसानी से इस्तेमाल किया जा सके.

पढ़ें-उत्तरकाशी: रेस्क्यू में लगा हेलीकॉप्टर टिकोची में दुर्घटनाग्रस्त, सभी सुरक्षित

जल्द मिलेगी हेलीपैड व्यवस्था के लिए नीति
राज्य सरकार ने 2013 में आयी आपदा के बाद सबक लेते हुए प्रदेश में विभिन्न जगहों पर हेलीपैड बनाने का एक खाका तैयार करने का दावा किया था, ताकि मानसून और आपदा के समय हेलीकॉप्टर के जरिए प्रभावित लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सके. हालांकि प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर अबतक 51 हेलीपैड तो बना दिए गए हैं, लेकिन कई हेलीपैडों के पास बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स होने के कारण इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश में राज्य सरकार ने जो हेलीपैड बनाये हैं उनमें से कई को इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. जिसे देखते हुए अब नागरिक उड्डयन विभाग हेलीपैड के पास किस तरह से विकास कार्य होंगे उस संबंध में नीति लाने जा रहा है.

पढ़ें-सहकारी समिति में नहीं मिल रही खाद, महंगे दामों पर बाजार से खरीदने को मजबूर किसान

वीआईपी सुरक्षा पर फोकस
आपदा राहत बचाव कार्य में जुटे दो हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब उड्डयन विभाग वीआईपी सुरक्षा को देखते हुए बेहद गंभीर नजर आ रहा है. इस मसले पर बोलते हुए नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि नागरिक उड्डयन विभाग के विमान और हेलीकॉप्टरों की रूटीन मेंटेनेंस होती रहती है. उन्होंने कहा कि इन हेलीकॉप्टरों में जो भी अपग्रेडेशन की आवश्यकता है उसके लिए ओरगिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स से रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसका अध्ययन कर ओरगिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स ने प्रजेंटेशन दे दिया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में विचार किया जा रहा है किस तरह से विमान और हेलीकॉप्टर के सिस्टम को इम्प्रूव किया जा सके, ताकि वीआइपी लोगों की सुरक्षा में कोई चूक न हो.

Intro:उत्तरकाशी में बीते दिनों आयी आपदा के राहत बचाव कार्यो में जुटी एक हेलीकॉप्टर के क्रेश और एक हेलीकॉप्टर के इमरजेंसी लैंडिंग करने के बाद अब प्रशासन और विभाग नींद से जगा है। लिहाज अब नागरिक उड्डयन विभाग प्राइवेट हेलीकॉप्टर के नियमों को जांचने की बात कह रही है। और हवाई सफर करने वाले वीआईपी की सुरक्षा को देखते हुए नागरिक उड्डयन विभाग बेहद गंभीर नज़र आ रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में बने हेलीपैड के आस-पास डेवलोपमेन्ट को नीति बनने पर पहल करने जा रही है।


Body:प्राइवेट हेलीकॉप्टर के नियमो की हो रही है जांच....

वही नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में हेली की सुविधा देने वाले प्राइवेट हेलीकॉप्टर आराम से परमिशन ले सकें, सुरक्षित फ्लाई कर सकें, राज्य सरकार को इससे अच्छी इनकम हो और लोगों को सुरक्षित वाहन उपलब्ध करा दें। इस संबंध में नागरिक उड्डयन समय-समय पर कार्यवाही कर रहा है। और प्राइवेट हेलीकॉप्टर आराम से यहाँ परमिशन ले सके उसके संबंध में बने नियमो की फिर से देखा जा रहा है। ताकि विपरीत परिस्थितियों में इन हेली सेवाओ का आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। 


जल्द मिलेगी हेलिपैड व्यवस्था के लिए नीति.....

राज्य सरकार ने 2013 में आयी त्रासदी से सबक लेते हुए प्रदेश में विभिन्न जगहों पर हेलीपैड बनने का एक खाका तैयार करने का दावा किया था, ताकि मानसून सीजन में आपदा जैसे हालात होने की स्थिति में हेलीकॉप्टर के जरिए प्रभावित जनता को राहत पहुचाई जा सके। हालांकि प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर 51 हेलीपैड तो बना दिए गए, लेकिन कई हेलीपैड के समीप बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स बनने की वजह से इन हेलीपैड का इस्तेमाल नही हो पा रहा है।

तो वही इस मसले पर नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश के भीतर, राज्य सरकार जो हेलिपैड बनाया है, उसमें से कई हेलीपैड को उपयोग में नही लाया जा पा रहा है क्योंकि प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बने हेलीपैड के किनारे बड़ी-बड़ी बिल्ड़िंग खड़े कर दिए गए। लिहाज इन हैलीपेडो का इस्तेमाल नही हो पा रहा है। जिसे देखते हुए अब नागरिक उड्डयन विभाग हेलीपैड के समीप किस तरह से विकास कार्य होंगे उसके संबंध में नीति लाने जा रही है जिस पर नागरिक उड्डयन विभाग काम कर रहा है। 


वीआईपी सुरक्षा पर फोकस.....

आपदा राहत बचाव कार्य मे जुटे दो हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब उड्डयन विभाग वीआईपी की सुरक्षा को देखते हुए बेहद गंभीर नज़र आ रहा है। वही इस मसले पर नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि नागरिक उड्डयन विभाग के जो विमान और हेलीकॉप्टर है उसके रूटीन मेंटेनेंस चलते रहते है। और इसमें जो अपग्रेडेशन की आवश्यकता है उसके लिए ओरगिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स से रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसका अध्ययनकर ओरगिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स ने प्रजेंटेशन दे दिया है। इसके संबंध में भी विचार किया जा रहा है कि किस तरह से विमान और हेलीकॉप्टर के सिस्टम को इम्प्रोव किया जाए ताकि वीआइपी की सुरक्षा में कोई चूक न हो। और सुरक्षा के बंदोबस्त अधिक से अधिक अच्छे तरीके से कर सके। 



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