देहरादून: आज पूरा देश 71वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है. आज ही वो दिन है जब देश में संविधान लागू हुआ था. भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. संविधान बनने के बाद पहली हजार प्रतियां देहरादून में छापी गई थी. जिस ऐतिहासिक प्रिंटिंग मशीन से संविधान की पहली छपाई की गई थी उन मशीनों को देहरादून के सर्वे ऑफ इंडिया ने कूड़े के भाव में नीलाम कर दिया है.
जानकारी के अनुसार सर्वे ऑफ इंडिया में मौजूद दो प्रिंटिंग मशीनों को नीलाम किया गया है. यह वही मशीनें हैं जिनसे देश के संविधान की सबसे पहले प्रतियां छापी गई थी. बताया जा रहा है कि इन ऐतिहासिक प्रिंटिंग मशीनों के बेहद पुराने और कंडम होने के चलते सर्वे ऑफ इंडिया ने यह निर्णय लिया. जिसके बाद अब इन एतिहासिक धरोहर वाली इन मशीनों को नीलाम किया गया.
पढ़ें-छात्रवृत्ति घोटाला: छात्रों से पूछताछ के बाद कई कॉलेज SIT के रडार पर, जल्द दर्ज होगी FIR
सर्वे ऑफ इंडिया प्रिंटिंग के लिए अब नई टेक्नोलॉजी की बेहद हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल करता है. जिसके कारण पुरानी हो चुकी इन मशीनों की शायद अब सर्वे ऑफ इंडिया को जरुरत नहीं है. कारण कुछ भी हो लेकिन भारत के ऐतिहासिक संविधान से जुड़ी कोई भी चीज हर भारतवासी के लिए बेहद खास है. ऐसे में इन प्रिंटिंग मशीनों को इस तरह नीलाम किया जाना बेहद दुःखद है.
पढ़ें-राखी ने गुलदार से बचाई भाई की जान, राष्ट्रपति से मिलेगा वीरता पुरस्कार
बताया जा रहा है कि फिलहाल सर्वे ऑफ इंडिया कुछ और पुरानी तकनीक से जुड़ी प्रिंटिंग मशीनों को जल्द नीलाम करने जा रहा है. हालांकि सर्वे ऑफ इंडिया में संविधान की पहली प्रति को बेहद संजोकर रखा गया है.इसके रखरखाव के लिए अलग से व्यवस्थाएं भी की गई हैं.