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मछली पकड़ो, इनाम पाओ प्रतियोगिता चढ़ी बारिश की भेंट, मायूस हुए एंगलर

पौड़ी में आयोजित एंगलिंग प्रतियोगिता बारिश के कारण सफल नहीं हो पाई. तीन दिवसीय प्रतियोगिता के दूसरे दिन से ही भारी बारिश के कारण नयार नदी का पानी मटमैला हो गया था. इस कारण आखिरी के दो दिन प्रतियोगिता हो ही नहीं पाई. एंगलिंग प्रतियोगिता में महासीर मछली को पकड़ने की कला का प्रदर्शन करना था.

nayar river of pauri
पौड़ी समाचार
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Published : Oct 20, 2021, 12:13 PM IST

पौड़ी: जिले में आयोजित एंगलिंग प्रतियोगिता (मछली पकड़ो, इनाम पाओ) पर इस बार बारिश की बहुत बुरी मार पड़ी. मत्य विभाग ने पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया था. इसका मकसद ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना था. मगर बारिश ने सब किए-कराए पर पानी फेर दिया. तीन दिन तक चली प्रतियोगिता में एंगलर्स के हाथ निराशा ही लगी.

तीन दिन की इस प्रतियोगिता में पहले दिन ही एंगलर्स महासीर मछली को पकड़ने की प्रतियोगिता में शामिल हो सके. बाकी के दिन एंगलर्स के लिये मायूसी भरे रहे. यहां नयार नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण ये प्रतियोगिता मत्स्य विभाग द्वारा तय की गई प्लानिंग के मुताबिक हो ही नहीं पायी. गिने-चुने दिन की इस प्रतियोगिता में नयार नदी में बह रहे मलबे से पानी मटमैला हो गया था.

मछली पकड़ो प्रतियोगिता

नयार नदी का पानी मटमैला होने के कारण प्रतियोगिता महज पहले दिन ही बेहतर तरीके से हो पायी. बाकी के दो दिन इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बाहरी शहरों से आये एंगलर्स के लिये मायूसी भरे रहे. इस कारण सूक्ष्म रूप में ही पर्यटन विभाग और मत्स्य विभाग को इसे समेटना पड़ा.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड से राहत भरी खबर, चारधाम यात्रा हुई सुचारू

हालांकि मत्स्य विभाग का कहना है कि उनके और एंगलर्स के बीच अनुभव काफी बेहतर रहे. आने वाले समय में नयार वैली फेस्टिवल में उन्हें एंगलिंग करने को कहा गया है. एंगलर्स आने वाले दिनों में होने वाले नयार वैली फेस्टिवल में जमकर एंगलिंग कर सकेंगे.

रोमांचक खेलों को बढ़ाने का है प्रयास: नयार नदी में आयोजित एंगलिंग प्रतियोगिता में इस बार 30 से अधिक एंगलर्स आए थे. उत्तराखंड में रोमांचक खेलों को बढ़ावा देने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. पर्यटकों को भी ये खेल बहुत रोमांचकारी लगता है. एंगलिंग प्रतियोगिता का उद्देश्य एंगलिंग को पर्यटन से जोड़ना भी है. सबसे खास बात ये है कि प्रतियोगिता से स्थानीय युवाओं को भी अनुभवी लोगों से ये कला सीखने को मिलती है. मछली पकड़ने का नया तरीका उत्तराखंड के युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार भी दिला सकता है. दरअसल उत्तराखंड नदियों का प्रदेश है. गंगा-यमुना समेत तमाम बड़ी नदियां यहां बहती हैं.

पौड़ी: जिले में आयोजित एंगलिंग प्रतियोगिता (मछली पकड़ो, इनाम पाओ) पर इस बार बारिश की बहुत बुरी मार पड़ी. मत्य विभाग ने पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया था. इसका मकसद ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना था. मगर बारिश ने सब किए-कराए पर पानी फेर दिया. तीन दिन तक चली प्रतियोगिता में एंगलर्स के हाथ निराशा ही लगी.

तीन दिन की इस प्रतियोगिता में पहले दिन ही एंगलर्स महासीर मछली को पकड़ने की प्रतियोगिता में शामिल हो सके. बाकी के दिन एंगलर्स के लिये मायूसी भरे रहे. यहां नयार नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण ये प्रतियोगिता मत्स्य विभाग द्वारा तय की गई प्लानिंग के मुताबिक हो ही नहीं पायी. गिने-चुने दिन की इस प्रतियोगिता में नयार नदी में बह रहे मलबे से पानी मटमैला हो गया था.

मछली पकड़ो प्रतियोगिता

नयार नदी का पानी मटमैला होने के कारण प्रतियोगिता महज पहले दिन ही बेहतर तरीके से हो पायी. बाकी के दो दिन इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बाहरी शहरों से आये एंगलर्स के लिये मायूसी भरे रहे. इस कारण सूक्ष्म रूप में ही पर्यटन विभाग और मत्स्य विभाग को इसे समेटना पड़ा.

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हालांकि मत्स्य विभाग का कहना है कि उनके और एंगलर्स के बीच अनुभव काफी बेहतर रहे. आने वाले समय में नयार वैली फेस्टिवल में उन्हें एंगलिंग करने को कहा गया है. एंगलर्स आने वाले दिनों में होने वाले नयार वैली फेस्टिवल में जमकर एंगलिंग कर सकेंगे.

रोमांचक खेलों को बढ़ाने का है प्रयास: नयार नदी में आयोजित एंगलिंग प्रतियोगिता में इस बार 30 से अधिक एंगलर्स आए थे. उत्तराखंड में रोमांचक खेलों को बढ़ावा देने के लिए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. पर्यटकों को भी ये खेल बहुत रोमांचकारी लगता है. एंगलिंग प्रतियोगिता का उद्देश्य एंगलिंग को पर्यटन से जोड़ना भी है. सबसे खास बात ये है कि प्रतियोगिता से स्थानीय युवाओं को भी अनुभवी लोगों से ये कला सीखने को मिलती है. मछली पकड़ने का नया तरीका उत्तराखंड के युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार भी दिला सकता है. दरअसल उत्तराखंड नदियों का प्रदेश है. गंगा-यमुना समेत तमाम बड़ी नदियां यहां बहती हैं.

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