देहरादून: सावन के पावन महीने में आयोजित होने वाले कावड़ मेले के दौरान उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार में पिछले 10 दिनों में डेढ़ करोड़ से अधिक शिव भक्त पवित्र गंगा जल भरकर अपने-अपने गंतव्य को प्रस्थान कर चुके हैं. जबकि 20 लाख से अधिक कांवड़िए नीलकंठ महादेव के दर्शन कर चुके हैं. उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों से हर दिन लाखों श्रद्धालु हरिद्वार के साथ ऋषिकेश, नीलकंठ, गंगोत्री जैसे अन्य शिव धामों में पहुंच रहे हैं. हरिद्वार से ऋषिकेश और नीलकंठ तक 250 सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है. जिसकी सीधी मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय में की जा रही है. कांवड़ मेले को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए 10 हजार से ज्यादा जवान अलग-अलग स्थानों पर तैनात किए गए हैं.
616 लोगों को परिवारों से मिलाया
कांवड़ मेले के दौरान प्रतिदिन पूरे उत्तर भारत से लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंच रहे हैं. कांवड़ मेले के कारण भारी भीड़ के चलते अपने परिवारों से बिछड़ने वाले 616 लोगों को उत्तराखंड पुलिस (सीसीआर टीम )ने उनके परिवारों से मिलाया है. कावड़ यात्रा के दौरान अपने परिजनों से बिछड़ने वाले लोगों की खोजबीन के लिए उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार और ऋषिकेश में विशेष तौर पर नगर नियंत्रण कक्ष (सीसीआर ) केंद्र बनाया है.
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41 लोगों को गंगा में डूबने बचाया
कांवड़ यात्रा के दौरान अब तक 41 लोगों को डूबने से बचाया जा चुका है. हरिद्वार और ऋषिकेश स्थित 20 प्रमुख स्थानों पर एसडीआरएफ, डीप डाइविंग टीम, जल पुलिस ,पीएससी व आपदा राहत कंपनी के 150 जवान को तैनात किया गया है.
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250 सीसीटीवी से निगरानी
उत्तराखंड में कांवड़ मेले को शांति व सफल तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस ने हरिद्वार में 150 और ऋषिकेश से लेकर नीलकंठ तक 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग हरिद्वार कंट्रोल रूम के साथ-साथ देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय से की जा रही है.
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वहीं 30 जुलाई तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि इस साल हरिद्वार में पहले की अपेक्षा बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं. जिसके चलते अब तक किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है. इस बार लगभग 10 हजार से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया है.
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डीजी अशोक कुमार के मुताबिक यात्रा के अंतिम चार दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं. इन चार दिनों में पहले से कई गुना कावड़िओं के आने से पुलिस की चुनौती बढ़ेगी. 28 से 30 जुलाई तक प्रतिदिन 50 लाख से ज्यादा शिव भक्तों के हरिद्वार और ऋषिकेश में पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है.