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सर्व शिक्षा अभियान का बजा बैंड,126 स्कूलों में लगा ताला - पिथौरागढ़ न्यूज

सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों खर्च करने के बाद भी सरकारी स्कूलों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है. अभी तक जिले में 126 स्कूलों में ताला लग चुका है.

सर्व शिक्षा अभियान
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Published : May 9, 2019, 9:51 PM IST

पिथौरागढ़: सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों खर्च करने के बाद भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की अलख नहीं जग पाई है. सरकारी शिक्षा के हालात ये हैं कि कम छात्र संख्या होने के कारण अभी तक जिले में 126 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 18 राजकीय उत्तर प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटक चुके हैं. इनमे से अधिकांश स्कूल मुनस्यारी, धारचूला, बेरीनाग, गंगोलीहाट और मूनाकोट विकासखण्ड के सीमांत क्षेत्रों के हैं.

जिले में 126 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 18 राजकीय उत्तर प्राथमिक विद्यालय बंद हुए.


शैक्षिक सत्र 2019-20 की बात करें तो इस बार जिले के 6 प्राथमिक विद्यालय और 2 उत्तर प्राथमिक विद्यालय बंद हुए हैं. प्राइवेट स्कूलों के प्रति अभिभावकों के बढ़ते रुझान और सरकारी स्कूलों में शैक्षिक सुविधाओं की कमी के कारण इस स्कूलों में छात्र संख्या बेहद कम है.

इन विद्यालयों के छात्रों को अन्य प्राथमिक स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है. इसके साथ ही शिक्षकों के भी समायोजन किये जा रहे हैं. शिक्षक संगठन इसे सरकारी शिक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता करार दे रहे हैं.

आइये एक नजर डालते है जिले में विकासखण्डवार अब तक बंद हुए प्राथमिक स्कूलों पर

यह भी पढ़ेंः डोइवाला नगर पालिका को मिला 'जटायु', घर-घर पहुंचेंगे 8 नए 'साथी' उठाएंगे कूड़ा

कम छात्र संख्या के कारण जिले के मुनस्यारी विकासखण्ड में सबसे अधिक 33 प्राथमिक विद्यालयों पर ताला जड़ दिया गया है. जबकि धारचूला में 19, मूनाकोट में 16, बेरीनाग में 15, गंगोलीहाट में 13, कनालीछीना में 11, डीडीहाट में 9, बिण में 8 स्कूल कम छात्र संख्या के कारण बंद किये जा चुके हैं. फिलहाल इन खाली पड़े स्कूलों में आंगनवाड़ी केंद्र और सामूहिक गतिविधियां संचालित की जाएंगी.

पिथौरागढ़: सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों खर्च करने के बाद भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की अलख नहीं जग पाई है. सरकारी शिक्षा के हालात ये हैं कि कम छात्र संख्या होने के कारण अभी तक जिले में 126 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 18 राजकीय उत्तर प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटक चुके हैं. इनमे से अधिकांश स्कूल मुनस्यारी, धारचूला, बेरीनाग, गंगोलीहाट और मूनाकोट विकासखण्ड के सीमांत क्षेत्रों के हैं.

जिले में 126 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 18 राजकीय उत्तर प्राथमिक विद्यालय बंद हुए.


शैक्षिक सत्र 2019-20 की बात करें तो इस बार जिले के 6 प्राथमिक विद्यालय और 2 उत्तर प्राथमिक विद्यालय बंद हुए हैं. प्राइवेट स्कूलों के प्रति अभिभावकों के बढ़ते रुझान और सरकारी स्कूलों में शैक्षिक सुविधाओं की कमी के कारण इस स्कूलों में छात्र संख्या बेहद कम है.

इन विद्यालयों के छात्रों को अन्य प्राथमिक स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है. इसके साथ ही शिक्षकों के भी समायोजन किये जा रहे हैं. शिक्षक संगठन इसे सरकारी शिक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता करार दे रहे हैं.

आइये एक नजर डालते है जिले में विकासखण्डवार अब तक बंद हुए प्राथमिक स्कूलों पर

यह भी पढ़ेंः डोइवाला नगर पालिका को मिला 'जटायु', घर-घर पहुंचेंगे 8 नए 'साथी' उठाएंगे कूड़ा

कम छात्र संख्या के कारण जिले के मुनस्यारी विकासखण्ड में सबसे अधिक 33 प्राथमिक विद्यालयों पर ताला जड़ दिया गया है. जबकि धारचूला में 19, मूनाकोट में 16, बेरीनाग में 15, गंगोलीहाट में 13, कनालीछीना में 11, डीडीहाट में 9, बिण में 8 स्कूल कम छात्र संख्या के कारण बंद किये जा चुके हैं. फिलहाल इन खाली पड़े स्कूलों में आंगनवाड़ी केंद्र और सामूहिक गतिविधियां संचालित की जाएंगी.

Intro:पिथौरागढ़: सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों खर्च करने के बाद भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की अलख नही जग पाई है। सरकारी शिक्षा के हालात ये है कि कम छात्र संख्या होने के कारण अभी तक जिले में 126 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 18 राजकीय उत्तर प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटक चुके है। इनमे से अधिकांश स्कूल मुनस्यारी, धारचूला, बेरीनाग, गंगोलीहाट और मूनाकोट विकासखण्ड के सीमांत क्षेत्रों के है।

शैक्षिक सत्र 2019-20 की बात करें तो इस बार जिले के 6 प्राथमिक विद्यालय और 2 उत्तर प्राथमिक विद्यालय बंद हुए है। प्राइवेट स्कूलों के प्रति अभिभावकों के बढ़ते रुझान और सरकारी स्कूलों में शैक्षिक सुविधाओं की कमी के कारण इस स्कूलों में छात्र संख्या बेहद कम है। इन विद्यालयों के छात्रों को अन्य प्राथमिक स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है। इसके साथ ही शिक्षकों के भी समायोजन किये जा रहे है। शिक्षक संगठन इसे सरकारी शिक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता करार दे रहे है।

आइये एक नजर डालते है जिले में विकासखण्डवार अब तक बंद हुए प्राथमिक स्कूलों पर। कम छात्र संख्या के कारण जिले के मुनस्यारी विकासखण्ड में सबसे अधिक 33 प्राथमिक विद्यालयों पर ताला जड़ दिया गया है। जबकि धारचूला में 19, मूनाकोट में 16, बेरीनाग में 15, गंगोलीहाट में 13, कनालीछीना में 11, डीडीहाट में 9, बिण में 8 स्कूल कम छात्र संख्या के कारण बंद किये जा चुके है। फिलहाल इन खाली पड़े स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र और सामूहिक गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

byte: अशोक जुकरिया, जिला शिक्षा अधिकारी, पिथौरागढ़
byte: प्रवीण रावल, महासचिव, शिक्षक संघ


Body:पिथौरागढ़: सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों खर्च करने के बाद भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की अलख नही जग पाई है। सरकारी शिक्षा के हालात ये है कि कम छात्र संख्या होने के कारण अभी तक जिले में 126 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 18 राजकीय उत्तर प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटक चुके है। इनमे से अधिकांश स्कूल मुनस्यारी, धारचूला, बेरीनाग, गंगोलीहाट और मूनाकोट विकासखण्ड के सीमांत क्षेत्रों के है।

शैक्षिक सत्र 2019-20 की बात करें तो इस बार जिले के 6 प्राथमिक विद्यालय और 2 उत्तर प्राथमिक विद्यालय बंद हुए है। प्राइवेट स्कूलों के प्रति अभिभावकों के बढ़ते रुझान और सरकारी स्कूलों में शैक्षिक सुविधाओं की कमी के कारण इस स्कूलों में छात्र संख्या बेहद कम है। इन विद्यालयों के छात्रों को अन्य प्राथमिक स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है। इसके साथ ही शिक्षकों के भी समायोजन किये जा रहे है। शिक्षक संगठन इसे सरकारी शिक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता करार दे रहे है।

आइये एक नजर डालते है जिले में विकासखण्डवार अब तक बंद हुए प्राथमिक स्कूलों पर। कम छात्र संख्या के कारण जिले के मुनस्यारी विकासखण्ड में सबसे अधिक 33 प्राथमिक विद्यालयों पर ताला जड़ दिया गया है। जबकि धारचूला में 19, मूनाकोट में 16, बेरीनाग में 15, गंगोलीहाट में 13, कनालीछीना में 11, डीडीहाट में 9, बिण में 8 स्कूल कम छात्र संख्या के कारण बंद किये जा चुके है। फिलहाल इन खाली पड़े स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्र और सामूहिक गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

byte: अशोक जुकरिया, जिला शिक्षा अधिकारी, पिथौरागढ़
byte: प्रवीण रावल, महासचिव, शिक्षक संघ


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