कोटद्वार: गाड़ी घाट क्षेत्र में 2013 में 24 लाख रुपए की लागत से बना स्लाटर हाउस सफेद हाथी बना हुआ है. स्लाटर हाउस में पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण गेट पर ताले लटके हैं. जिस कारण मीट कारोबारी निमयों की धज्जियां उड़ा कर खुले में मांस काट रहे हैं और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.
स्थानीय लोग भी इस बारे में कई बार नगर निमग और प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई भी इस और ध्यान नहीं दे रहा है. बता दें कि 2013 में कोटद्वार नगर पालिका प्रशासन ने गाड़ी घाट क्षेत्र में 24 लाख की लागत से स्लाटर हाउस का निर्माण करवाया था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद स्लाटर हाउस में मांस काटने के पर्याप्त संसाधन नहीं लगवाए गए.
वर्तमान में मांस की दुकानों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था न होने से अपशिष्ट पदार्थों को नालियों में बहाया जा रहा है. इससे न केवल गंदगी फैल रही है, बल्कि इलाके में बीमारियां फैलने की भी आशंका बनी हुई है.
वर्तमान में कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में 100 से ज्यादा मांस की दुकानें चल रही हैं. स्थानीय लोग कई बार इन दुकानों को बंद करने की गुजारिश प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन है कि पूरे मामले पर आंखें मूंदे बैठा है. खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार मौत से पहले मुर्गे और बकरे की जांच की जाती है, लेकिन कोटद्वार में इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.
इस बारे में नगर आयुक्त मनीष कुमार का कहना है कि उन्होंने अभी-अभी कार्यभार संभाला है. नगर निगम के संबंधित अधिकारियों से पत्रावली तलब कर मामले को संज्ञान लेकर जांच की जाएगी. उसके नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.