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सफेद हाथी साबित हुआ 24 लाख रुपए की लागत से बना स्लाटर हाउस, खुले में काटा जा रहा मांस - कोटद्वार न्यूज

2013 में कोटद्वार नगर पालिका प्रशासन ने गाड़ी घाट क्षेत्र में 24 लाख की लागत से स्लाटर हाउस का निर्माण करवाया था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद स्लाटर हाउस में मांस काटने के पर्याप्त संसाधन नहीं लगवाए गए.

कोटद्वार स्लाटर हाउस
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Published : Mar 7, 2019, 6:03 PM IST

कोटद्वार: गाड़ी घाट क्षेत्र में 2013 में 24 लाख रुपए की लागत से बना स्लाटर हाउस सफेद हाथी बना हुआ है. स्लाटर हाउस में पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण गेट पर ताले लटके हैं. जिस कारण मीट कारोबारी निमयों की धज्जियां उड़ा कर खुले में मांस काट रहे हैं और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.

कोटद्वार स्लाटर हाउस

स्थानीय लोग भी इस बारे में कई बार नगर निमग और प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई भी इस और ध्यान नहीं दे रहा है. बता दें कि 2013 में कोटद्वार नगर पालिका प्रशासन ने गाड़ी घाट क्षेत्र में 24 लाख की लागत से स्लाटर हाउस का निर्माण करवाया था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद स्लाटर हाउस में मांस काटने के पर्याप्त संसाधन नहीं लगवाए गए.

वर्तमान में मांस की दुकानों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था न होने से अपशिष्ट पदार्थों को नालियों में बहाया जा रहा है. इससे न केवल गंदगी फैल रही है, बल्कि इलाके में बीमारियां फैलने की भी आशंका बनी हुई है.
वर्तमान में कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में 100 से ज्यादा मांस की दुकानें चल रही हैं. स्थानीय लोग कई बार इन दुकानों को बंद करने की गुजारिश प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन है कि पूरे मामले पर आंखें मूंदे बैठा है. खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार मौत से पहले मुर्गे और बकरे की जांच की जाती है, लेकिन कोटद्वार में इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

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इस बारे में नगर आयुक्त मनीष कुमार का कहना है कि उन्होंने अभी-अभी कार्यभार संभाला है. नगर निगम के संबंधित अधिकारियों से पत्रावली तलब कर मामले को संज्ञान लेकर जांच की जाएगी. उसके नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

कोटद्वार: गाड़ी घाट क्षेत्र में 2013 में 24 लाख रुपए की लागत से बना स्लाटर हाउस सफेद हाथी बना हुआ है. स्लाटर हाउस में पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण गेट पर ताले लटके हैं. जिस कारण मीट कारोबारी निमयों की धज्जियां उड़ा कर खुले में मांस काट रहे हैं और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.

कोटद्वार स्लाटर हाउस

स्थानीय लोग भी इस बारे में कई बार नगर निमग और प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई भी इस और ध्यान नहीं दे रहा है. बता दें कि 2013 में कोटद्वार नगर पालिका प्रशासन ने गाड़ी घाट क्षेत्र में 24 लाख की लागत से स्लाटर हाउस का निर्माण करवाया था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद स्लाटर हाउस में मांस काटने के पर्याप्त संसाधन नहीं लगवाए गए.

वर्तमान में मांस की दुकानों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था न होने से अपशिष्ट पदार्थों को नालियों में बहाया जा रहा है. इससे न केवल गंदगी फैल रही है, बल्कि इलाके में बीमारियां फैलने की भी आशंका बनी हुई है.
वर्तमान में कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में 100 से ज्यादा मांस की दुकानें चल रही हैं. स्थानीय लोग कई बार इन दुकानों को बंद करने की गुजारिश प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन है कि पूरे मामले पर आंखें मूंदे बैठा है. खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार मौत से पहले मुर्गे और बकरे की जांच की जाती है, लेकिन कोटद्वार में इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

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इस बारे में नगर आयुक्त मनीष कुमार का कहना है कि उन्होंने अभी-अभी कार्यभार संभाला है. नगर निगम के संबंधित अधिकारियों से पत्रावली तलब कर मामले को संज्ञान लेकर जांच की जाएगी. उसके नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:Uk_kotdwara 7 march 2019 saladr house

एंकर- कोटद्वार नगर निगम में पूर्व में नगर पालिका की ओर से गाड़ी घाट क्षेत्र में वर्ष 2013 में 24 लाख की लागत से तैयार किया गया स्लाटर हाउस सफेद हाथी साबित होता जा रहा है, निर्माण के 6 साल बाद भी पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण स्लॉटर हाउस के गेट पर ताले लटके हैं नतीजा विक्रेता मनको की धज्जियां उड़ा कर खुले में मांस काट रहे हैं, और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है, वहीं वध किए जाने वाले जानवरों का स्वास्थ्य परीक्षण ना होने से मांस विक्रेता हजारों लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं


Body:वीओ1- बतादे की इस संबंध में स्थानीय निवासी कई बार पूर्व मे नगर पालिका व वर्तमान में नगर निगम प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं लेकिन अब तक इस ओर स्थानीय प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है पूर्व में नगर पालिका प्रशासन ने वर्ष 2013 में गाड़ी घाट में 24 लाख की लागत से स्लाटर हाउस का निर्माण करवाया था लेकिन निर्माण कार्य पूरे होने के बाद से ही स्लाटर हाउस में मांस काटने के पर्याप्त संसाधन नहीं लगवाए गए नगर पालिका ने पूर्व में स्लाटर हाउस बना कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया था वर्तमान में मांस की दुकानों में पर्याप्त पानी की व्यवस्था ना होने से अपशिष्ट पदार्थों को नालियों में बहाया जा रहा है इससे ना केवल गंदगी फैल रही बल्कि बीमारियां फैलने का भय भी बना हुआ है वर्तमान में कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में 100 से भी अधिक मांस की दुकानें चल रही है स्थानीय निवासियों ने कई बार मानको की अनदेखी कर चल रही मांस की दुकानों को बंद करवाने के लिए प्रशासन से मांग कर चुके लेकिन अब तक प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है

जबकि खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुसार मौत से पहले मुर्गा और बकरे का स्वास्थ्य की जांच की जाती है लेकिन नगर में मांस की दुकानों में वध से पहले उनका स्वास्थ्य परीक्षण नहीं किया जाता

वीओ2- स्थानीय निवासी मुजीब नैथानी का कहना है कि हर बिल्डिंग का अलग अलग मानक होते हैं, नगर पालिका के द्वारा स्लाटर हाउस बनाया गया प्रथम तल पर बनाया गया उसके नीचे वाले तल पर व्यवसाई दुकाने बनाकर उन्हें बेच दिया गया जिसमें कि सभी दुकानदार स्लाडर हाउस का विरोध कर रहे हैं कि प्रथम तल पर स्लॉटरहाउस नहीं रहेगा यह तो नगर पालिका के द्वारा पूर्व में लाखों रुपए खर्च कर सरकारी धन का दुरुपयोग कर बंदरबांट किया गया
बाइट मुजीब नैथानी स्थनीय निवाशी


Conclusion:नगर आयुक्त मनीष कुमार का कहना है कि मैंने अभी-अभी कार्यभार संभाला है नगर निगम के संबंधित अधिकारियों से पत्रावली तलब कर मामले को संज्ञान लेकर जांच की जाएगी नियमानुसार जो भी कार्यवाही बनती है उसके बाद की जाएगी

बाइट- मनीष कुमार नगर आयुक्त कोटद्वार
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