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वन विभाग की लापरवाही से मुश्किल में लोगों की जान, ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से लगाई गुहार

लकड़ी के छिलके सड़क किनारे बिखरे होने से वाहन चालकों के साथ ही राहगीरों  और स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां एक ओर सड़क निर्माण के चलते जगह-जगह जाम की स्थिति से जूझना पड़ रहा है.

लकड़ी के गिल्टे बने परेशानी का सबक.
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Published : Mar 25, 2019, 11:59 AM IST

टिहरी: ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर सड़क किनारे पड़े लकड़ी के गिल्टे हादसों को दावत दे रहे हैं. ऋषिकेश- गंगोत्री राजमार्ग पर रत्नों घाट से लेकर कंडीसौड़ के बीच ऑल वेदर रोड निर्माण के दौरान वन महकमे ने 3 माह पूर्व पेड़ों का कटान किया था. लेकिन विभाग ने लकड़ी के गिल्टों को अभी तक नहीं उठाया. जिससे लकड़ी के छिलके सड़क पर बिखरने से वाहन फिसल रहे हैं.

लकड़ी के गिल्टे बने परेशानी का सबक.


गौर हो कि लकड़ी के छिलके सड़क किनारे बिखरे होने से वाहन चालकों के साथ ही राहगीरों और स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां एक ओर सड़क निर्माण के चलते जगह-जगह जाम की स्थिति से जूझना पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर लकड़ी के गिल्टे हादसों को दावत दे रहे हैं. जिससे लोग जान जोखिम में डाल सफर करने को मजबूर हैं. वहीं स्थानीय निवासी राजपाल गोसाई ने बताया कि कई बार बाइक सवार हादसे के शिकार हुए हैं. जिसके बाद निगम के अधिकारियों को लकड़ी के गिल्टे हटाए जाने की मांग की लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली.


वहीं उन्होंने कहा कि इस संबंध में लोगों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है. वहीं इस संबंध में वन निगम के अनुभाग अधिकारी ओमप्रकाश का कहना है कि निकासी की स्वीकृति न मिलने के कारण पेड़ों की निकासी होने में दिक्कत आ रही है. उन्होंने कहा कि स्वीकृति मिलने के बाद ही निकासी कार्य शुरू किया जाएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

टिहरी: ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर सड़क किनारे पड़े लकड़ी के गिल्टे हादसों को दावत दे रहे हैं. ऋषिकेश- गंगोत्री राजमार्ग पर रत्नों घाट से लेकर कंडीसौड़ के बीच ऑल वेदर रोड निर्माण के दौरान वन महकमे ने 3 माह पूर्व पेड़ों का कटान किया था. लेकिन विभाग ने लकड़ी के गिल्टों को अभी तक नहीं उठाया. जिससे लकड़ी के छिलके सड़क पर बिखरने से वाहन फिसल रहे हैं.

लकड़ी के गिल्टे बने परेशानी का सबक.


गौर हो कि लकड़ी के छिलके सड़क किनारे बिखरे होने से वाहन चालकों के साथ ही राहगीरों और स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां एक ओर सड़क निर्माण के चलते जगह-जगह जाम की स्थिति से जूझना पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर लकड़ी के गिल्टे हादसों को दावत दे रहे हैं. जिससे लोग जान जोखिम में डाल सफर करने को मजबूर हैं. वहीं स्थानीय निवासी राजपाल गोसाई ने बताया कि कई बार बाइक सवार हादसे के शिकार हुए हैं. जिसके बाद निगम के अधिकारियों को लकड़ी के गिल्टे हटाए जाने की मांग की लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली.


वहीं उन्होंने कहा कि इस संबंध में लोगों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है. वहीं इस संबंध में वन निगम के अनुभाग अधिकारी ओमप्रकाश का कहना है कि निकासी की स्वीकृति न मिलने के कारण पेड़ों की निकासी होने में दिक्कत आ रही है. उन्होंने कहा कि स्वीकृति मिलने के बाद ही निकासी कार्य शुरू किया जाएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

Intro:ऋषिकेश गंगोत्री आल वेदर रोड पर बन निगम की लापरवाही के चलते सड़क के किनारे पड़े पेड़ के बल्लिया आने जाने वाले वाहनो के लिए बने मुसीबत, यह कटे पेड़ हादसों को दे रहे है न्यूता,


Body:ऋषिकेश गंगोत्री के बीच में रत्नों घाट से लेकर कंडिसोड के के बीच में आलवेदर रोड बनाने को लेकर बन निगम द्वारा 3 माह पूर्व पेड़ काटे गए थे ओर तब से लेकर अब तक यह पेड़ सड़को के किनारे लावारिश हालात में पड़े हुए है साथ ही सड़को में यह दुर्घटनाओं को न्यूता दे रहे है साथ ही लकड़ियों के छिलके सड़क में बिखरे पड़े है जिन पर वाहन फिसल रहे है

गंगोत्री हाईवे पर ऑल वेदर सड़क निर्माण के चलते वन निगम द्वारा वन क्षेत्र में काटे गए पौधों की बलिया पिछले कई महीनों से सड़क के किनारे जहां तहां बिखरी पड़ी है जिस कारण आने जाने वाले वाहनों व पैदल चल रहे राहगीरों व स्कूली बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है साथी वन निगम की उदासीनता के चलते सड़क किनारे कटे पेड़ों के आसपास से कटिंग का निर्माण कार्य जारी है जिससे कई जगह पेड़ों की कटाई बलिया का भरने का खतरा बना है लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण के चलते जगह-जगह जाम से जूझना पड़ा लेकिन सड़क किनारे पड़ी बलिया भी अब और परेशानियां पैदा कर रही है

इस संबंध में जब बन निगम अनुभाग अधिकारी ओमप्रकाश टिहरी से दूरभाष पर बात की गई तो उनका कहना है कि निकासी की स्वीकृति न मिलने के कारण पेड़ो की निकासी होने में दिक्कत आ रही है लेकिन अब निकासी मिलने के बाद ही पेड़ों के निकासी का कार्य शुरू किया जाएगा लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगर यह अव्यवस्थित बड़ी इन वलियों के कारण कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा

इस संबंध में स्थानीय व्यक्ति राजपाल गोसाई ने कहा कि लकड़ियों के कारण कई बार स्कूटर बाइक सवार हादसे के शिकार हुए हैं और हमने कई बार निगम के अधिकारियों को इसे हटाने की मांग की लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली और जिलाधिकारी से मांग करते हैं कि वह वन निगम के अधिकारियों को निर्देश दें की लावारिस पड़ी वलियों को यहां से हटाए ताकि आने जाने में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े


Conclusion:बाइट राजपाल गुसाई

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