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कभी यहां से चलती थी सुल्ताना डाकू की हुकूमत,  लंबे समय तक बने रहे अंग्रेजों के लिए सिरदर्द

डाकुओं का नाम जहन में आते ही अच्छे -अच्छे के पसीने छूट जाते हैं. डाकुओं के बारे में सोचते ही आंखों के सामने जंगल में हाथों में बंदूक थामे, बड़ी-बड़ी मूछों वाले आदमी की तस्वीर उभरकर सामने आती है. रियल लाइफ में डाकुओं ने अपनी हुकूमत कायम रखने के लिए लोगों के खून से अपने हाथ सने थे. जिसे याद कर आज भी लोग सिहर जाते हैं.

कभी यहां से चलती थी सुल्ताना डाकू की हुकूमत.
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Published : Apr 1, 2019, 9:50 AM IST

Updated : Apr 2, 2019, 9:09 AM IST

बाजपुर: आज हम आपको ऐसी हकीकत से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसके बारे में आपने या तो कहानियों में सुना होगा या फिल्मों में देखा होगा. जी हां ठीक सुना आपने हम आपको आज सुल्ताना डाकू के बताने जा रहे हैं. जिसके काले कारनामों ने अंग्रेजी हुकूमत को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया था. आज हमारी टीम सुल्ताना डाकू के हर राज से पर्दा उठाएगी. जिसे आप जानना और सुनना चाहते हैं.

कभी यहां से चलती थी सुल्ताना डाकू की हुकूमत.

डाकुओं का नाम जहन में आते ही अच्छे -अच्छे के पसीने छूट जाते हैं. डाकुओं के बारे में सोचते ही आंखों के सामने जंगल में हाथों में बंदूक थामे, बड़ी-बड़ी मूछों वाले आदमी की तस्वीर उभरकर सामने आती है. रियल लाइफ में डाकुओं ने अपनी हुकूमत कायम रखने के लिए लोगों के खून से अपने हाथ सने थे. जिसे याद कर आज भी लोग सिहर जाते हैं.

अंग्रेजी हुकूमत के लिए बने रहे सिरदर्द
चलिए आज आपकों एक ऐसे ही डाकू के बारे में बताते हैं जिसने अंग्रेजी हुकूमत के साथ-साथ लोगों को अपने आतंक से दहलाया था. लेकिन मौत के बाद भी उसकी आत्मा को देखे जाने दावा आज भी पहेली बना हुआ है. जी हां हम बात कर रहे हैं सुल्ताना डाकू की, भले ही सुल्ताना डाकू को गुजरे सदियां बीत गई हैं, लेकिन उसके किस्से इतने अर्से बाद आज भी ‘जिंदा’ हैं. शीशमहल के पास सुल्तान नगरी का नाम उसके ठहरने के कारण पड़ने की बात हो या फिर गड़प्पू के पास उसका ‘कुआं’ के पास उसकी आत्मा को देखे जाने का किस्सा हो, लोगों की जुबां पर आ ही जाता है.

कुआं कर रहा अतीत की कहानी बयां
हमारी टीम जब विरान और सुनसान जंगल से होकर सुल्ताना डाकू के गढ़ में पहुंची, तो हमारे जहन में भी कई सवाल कौंध रहे थे. शायद आप हैरत में पड़ जाएंगे. बाजपुर से 15 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध वन क्षेत्र गडप्पू में स्थित नदी के बीचों-बीच अद्भुत अंदाज में खड़ा यह डाकू सुल्ताना का कुआं लोगों और पर्यटकों को हैरत में डाल देता है. स्थानीय लोगों का मानना है कि आज भी सुल्ताना डाकू की आत्मा यहां आती है. कई बार लोग इसे देखे जाने का दावा भी करते हैं. गड़प्पू नदी के पास ये कुआं अपने अतीत की कहानी बयां कर रहा है.

खोता जा रहा अस्तित्व
लोगों के अनुसार सुल्ताना डाकू इस कुएं के पास रहता था और अफगानिस्तान से नेपाल को जाने वाले बंजारा जाति के व्यापारियों को यहां पर लूटता था. जिस कारण इस रास्ते का नाम ही बंजारी रोड पड़ गया. लेकिन विडंबना देखिए पर्यटकों को लुभाने वाला यह कुआं आज अपना अस्तित्व खोता जा रहा है.
बता दें कि सुल्तानाडाकू के आतंक ने अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया था. कहा जाता है कि उसे पकड़ने के लिए 300 जवान लगे और लंदन से एक खास अधिकारियों को बुलाया गया था. आखिरकार सुल्ताना को पकड़ लिया गया और फांसी दे दी गयी, लेकिन वो आज भी किस्सों कहानियों में है.

बाजपुर: आज हम आपको ऐसी हकीकत से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसके बारे में आपने या तो कहानियों में सुना होगा या फिल्मों में देखा होगा. जी हां ठीक सुना आपने हम आपको आज सुल्ताना डाकू के बताने जा रहे हैं. जिसके काले कारनामों ने अंग्रेजी हुकूमत को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया था. आज हमारी टीम सुल्ताना डाकू के हर राज से पर्दा उठाएगी. जिसे आप जानना और सुनना चाहते हैं.

कभी यहां से चलती थी सुल्ताना डाकू की हुकूमत.

डाकुओं का नाम जहन में आते ही अच्छे -अच्छे के पसीने छूट जाते हैं. डाकुओं के बारे में सोचते ही आंखों के सामने जंगल में हाथों में बंदूक थामे, बड़ी-बड़ी मूछों वाले आदमी की तस्वीर उभरकर सामने आती है. रियल लाइफ में डाकुओं ने अपनी हुकूमत कायम रखने के लिए लोगों के खून से अपने हाथ सने थे. जिसे याद कर आज भी लोग सिहर जाते हैं.

अंग्रेजी हुकूमत के लिए बने रहे सिरदर्द
चलिए आज आपकों एक ऐसे ही डाकू के बारे में बताते हैं जिसने अंग्रेजी हुकूमत के साथ-साथ लोगों को अपने आतंक से दहलाया था. लेकिन मौत के बाद भी उसकी आत्मा को देखे जाने दावा आज भी पहेली बना हुआ है. जी हां हम बात कर रहे हैं सुल्ताना डाकू की, भले ही सुल्ताना डाकू को गुजरे सदियां बीत गई हैं, लेकिन उसके किस्से इतने अर्से बाद आज भी ‘जिंदा’ हैं. शीशमहल के पास सुल्तान नगरी का नाम उसके ठहरने के कारण पड़ने की बात हो या फिर गड़प्पू के पास उसका ‘कुआं’ के पास उसकी आत्मा को देखे जाने का किस्सा हो, लोगों की जुबां पर आ ही जाता है.

कुआं कर रहा अतीत की कहानी बयां
हमारी टीम जब विरान और सुनसान जंगल से होकर सुल्ताना डाकू के गढ़ में पहुंची, तो हमारे जहन में भी कई सवाल कौंध रहे थे. शायद आप हैरत में पड़ जाएंगे. बाजपुर से 15 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध वन क्षेत्र गडप्पू में स्थित नदी के बीचों-बीच अद्भुत अंदाज में खड़ा यह डाकू सुल्ताना का कुआं लोगों और पर्यटकों को हैरत में डाल देता है. स्थानीय लोगों का मानना है कि आज भी सुल्ताना डाकू की आत्मा यहां आती है. कई बार लोग इसे देखे जाने का दावा भी करते हैं. गड़प्पू नदी के पास ये कुआं अपने अतीत की कहानी बयां कर रहा है.

खोता जा रहा अस्तित्व
लोगों के अनुसार सुल्ताना डाकू इस कुएं के पास रहता था और अफगानिस्तान से नेपाल को जाने वाले बंजारा जाति के व्यापारियों को यहां पर लूटता था. जिस कारण इस रास्ते का नाम ही बंजारी रोड पड़ गया. लेकिन विडंबना देखिए पर्यटकों को लुभाने वाला यह कुआं आज अपना अस्तित्व खोता जा रहा है.
बता दें कि सुल्तानाडाकू के आतंक ने अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया था. कहा जाता है कि उसे पकड़ने के लिए 300 जवान लगे और लंदन से एक खास अधिकारियों को बुलाया गया था. आखिरकार सुल्ताना को पकड़ लिया गया और फांसी दे दी गयी, लेकिन वो आज भी किस्सों कहानियों में है.

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कभी यहां से चलती थी सुल्ताना डाकू की हकूमत, थर-थर कांपते थी अंग्रेजी हुकूमत

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बाजपुर:  आज हम आपको ऐसी हकीकत से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसके बारे में आपने या तो कहानियों में सुना होगा या फिल्मों में देखा होगा. जी हां ठीक सुना आपने हम आपको आज सुल्ताना डाकू के बताने जा रहे हैं. जिसके काले कारनामों ने अंग्रेजी हकूमत को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया था. आज  हमारी टीम सुल्ताना डाकू के हर राज से पर्दा उठाएगी. जिसे आप जानना और सुनना चाहते हैं.



डाकुओं का नाम जहन में आते ही अच्छे -अच्छे के पसीने छूट जाते हैं. डाकुओं के बारे में सोचते ही आखों के सामने जंगल में हाथों में बंदूक थामे, बड़ी-बड़ी मूछों वाले आदमी की तस्वीर उभरकर सामने आती है.  रियल लाइफ में डाकुओं ने अपनी हुकूमत कायम रखने के लिए लोगों के खून से अपने हाथ सने थे. जिसे याद कर आज भी लोग सिहर जाते हैं.

अंग्रेजी हुकूमत के लिए बने रहे सिरदर्द

चलिए आज आपकों एक ऐसे ही डाकू के बारे में बताते हैं जिसने अंग्रेजी हुकूमत के साथ-साथ लोगों को अपने आतंक से दहलाया था. लेकिन मौत के बाद भी उसकी आत्मा को देखे जाने दावा आज भी पहेली बना हुआ है. जी हां हम बात कर रहे हैं सुल्ताना डाकू की, भले ही  सुल्ताना डाकू को गुजरे सदियां बीत गई हैं, लेकिन उसके किस्से इतने अर्से बाद आज भी ‘जिंदा’ हैं. शीशमहल के पास सुल्तान नगरी का नाम उसके ठहरने के कारण पड़ने की बात हो या फिर गड़प्पू के पास उसका ‘कुआं’ के पास उसकी आत्मा को देखे जाने का किस्सा हो, लोगों की जुबां पर आ ही जाता है.

कुआं कर रहा सालों पुरानी कहानी बयां

हमारी टीम जब विरान और सुनसान जंगल से होकर सुल्ताना डाकू के गढ़ में पहुंची, तो हमारे जहन में भी कई सवाल कौंध रहे थे. शायद आप हैरत में पड़ जाएंगे. बाजपुर से 15 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध वन क्षेत्र गडप्पू में स्थित नदी के बीचों-बीच अद्भुत अंदाज में खड़ा यह डाकू सुल्ताना का कुआं लोगों और पर्यटकों को हैरत में डाल देता है. स्थानीय लोगों का मानना है कि आज भी सुल्ताना डाकू की आत्मा यहां आती है. कई बार लोग इसे देखे जाने का दावा भी करते हैं. गड़प्पू नदी के पास ये कुआं अपने अतीत की कहानी बयां कर रहा है.

खोता जा रहा अस्तित्व

लोगों के अनुसार सुल्ताना डाकू इस कुएं के पास रहता था और अफगानिस्तान से नेपाल को जाने वाले बंजारा जाति के व्यापारियों को यहां पर लूटता था. जिस कारण इस रास्ते का नाम ही बंजारी रोड पड़ गया. लेकिन विडंबना देखिए पर्यटकों को लुभाने वाला यह कुआं  आज अपना अस्तित्व खोता जा रहा है.

बता दें कि सुल्तानी डाकू के आतंक ने अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया था. कहा जाता है कि उसे पकड़ने के लिए 300 जवान लगे और लंदन से एक खास अधिकारियों को बुलाया गया था. आखिरकार सुल्ताना को पकड़ लिया गया और फांसी दे दी गयी, लेकिन वो आज भी किस्सों कहानियों में है




Conclusion:
Last Updated : Apr 2, 2019, 9:09 AM IST
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