लखनऊ : क्या आप ऐसे लोगों में से हैं, जिनको मच्छर ज्यादा काटते हैं. अगर हां, तो इसमें न तो मच्छरों की गलती है और न ही आपकी है. इसके पीछे सारा खेल आपके ब्लड ग्रुप का है. आपका ब्लड ग्रुप ही ऐसा है कि मच्छर उसकी ओर आकर्षित होते हैं. आप में से कई ऐसे लोग होंगे जो इस समस्या से परेशान होंगे कि आखिर इतने लोगों के बीच सभी मच्छर आपको ही क्यों घेरे रहते हैं. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ जनरल फिजिशियन डॉ एके श्रीवास्तव ने बताया कि 'O पॉजिटिव' ब्लड ग्रुप के लोगों को मच्छर सबसे अधिक काटते हैं. मच्छरों को उनका ब्लड ग्रुप आकर्षित करता है.
ऐसे होती है मच्छरों को पहचान : ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 'O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले लोग में अधिक मेटाबॉलिज्म, यूरिक एसिड होता है. मच्छरों को कार्बन डाईऑक्साइड की पहचान होती है, जो लोग लंबी सांस लेते हैं और ज्यादा कार्बन डाईऑक्साइड प्रोड्यूज करते हैं, उनको मच्छर ज्यादा लगते हैं, क्योंकि मच्छर कार्बन डाईऑक्साइड को पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि इन सब बातों के अलावा मच्छर इंसान की खुशबू और बदबू पहचान सकते हैं. यह व्यक्ति के पसीने से निकलने वाले लैक्टिक एसिड और अमोनिया को भी पहचानते हैं. अगर मच्छरों को आपके पसीने की बदबू अच्छी लगती है तो वह आपको ज्यादा काट सकते हैं.'
पसीने की स्मैल से होते हैं आकर्षित : उन्होंने कहा कि 'कई बार ऐसा होता है कि लोग एक्सरसाइज करते हैं, यही एक्सरसाइज O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप का व्यक्ति भी करता है. जब भी एक्सरसाइज व्यक्ति करते हैं तो उनका पसीना बाहर आता है. पसीने में बदबू आती है O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के पसीने से आने वाले स्मैल को मच्छर पसंद करते हैं और वह जल्दी आकर्षित भी होते हैं. कई बार ऐसा होता है कि O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोगों को जब मच्छर काटते हैं तो वहां दाना हो जाता है या लाल रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं. कुछ लोगों को मच्छर के काटने पर अत्यधिक खुजली होती है तो कुछ लोगों को मच्छर के काटने के बाद सूजन हो जाती है. उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि वह सिर्फ इसी ब्लड ग्रुप को मच्छर काटते हैं, बाकी को नहीं कहते हैं. मच्छर सभी को काटते हैं और मच्छर जनित बीमारी भी सभी को होती है. बस केवल O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोग मच्छर से अधिक परेशान रहते हैं, क्योंकि उन्हें खुद नहीं मालूम होता है कि इतने सारे मच्छर उन्हें क्यों घेर लिए हैं. इसके लिए जरूरी है कि लोग साफ सफाई के साथ रहें. पसीने में अगर बदबू है तो परफ्यूम का इस्तेमाल करें.'
मादा मच्छर के काटने से होती है बीमारियां : केजीएमयू की ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने बताया कि 'नर मच्छर की तुलना में मादा मच्छरों के काटने का डर अधिक रहता है. मादा मच्छरों में सूंघने की क्षमता अधिक रहती है. ऐसे में जैसे ही हमारे शरीर से कार्बन डाईऑक्साइड गैस निकलती है, वैसे ही मादा मच्छर हमारी ओर अधिक आकर्षित हो जाते हैं और वे हमें काटते हैं. इसके साथ ही प्रजनन के दौरान मादा मच्छरों को कुछ पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो उन्हें इंसानों के ब्लड से प्राप्त होती है.'
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डॉ. तूलिका चंद्रा ने बताया कि 'O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोगों को अधिक मच्छर काटते हैं. ऐसे में जब भी सीजन का बदलाव होता है और संचारी रोग चरम पर होता है तो उस दौरान O पॉजिटिव से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक होती है और यह गंभीर स्थिति में भी पहुंच जाते हैं. मलेरिया, डेंगू, पीत ज्वर, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस, जीका वायरस और लसीका फाइलेरिया जैसी बीमारियां मच्छर के काटने से होती हैं. ऐसे में O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोग इन बीमारियों से अधिक पीड़ित होते हैं.'