हरिद्वार: रूस-यूक्रेन युद्ध को एक वर्ष का समय हो चुका है, लेकिन अभी भी युद्ध जारी है. बात करें रूस के लोगों की तो वह भी नहीं चाहते कि यह युद्ध चले. रूस के नागरिक भी चाहते हैं कि विश्व में शांति, सुख और सौहार्द का माहौल हो. इसी को लेकर हरिद्वार पहुंचे रूस के 24 सदस्यीय दल ने कनखल स्थित लोधी घाट पर मां गंगा की पूजा और यज्ञ की और मां गंगा से कामना रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने की कामना की.
रूस-यूक्रेन वॉर से रूस के नागरिक भी परेशान हैं. रूसी नागरिक भी चाहते हैं कि युद्ध खत्म हो और विश्व में शांति, प्यार और सौहार्द का माहौल बने. इसी कड़ी में हरिद्वार पहुंचे 24 रूसी नागरिक के दल ने 9 दिनों तक यज्ञ और अनुष्ठान किया. इस दौरान उन्होंने मां गंगा की पूजा आराधना की और मां गंगा को दूध अर्पित कर सुख समृद्धि और शांति की कामना की.
रूस दल में करीब 20 महिलाएं और 4 पुरुष हैं. इस दल को तीर्थ पुरोहित और पंडित प्रतीक मिश्रपुरी ने पूरे विधि विधान के साथ यज्ञ करवाया. साथ ही मां गंगा की पूजा संपन्न कराया. पंडित प्रतीक मिश्रपुरी ने कहा यह सभी लोग रसिया से आए हुए हैं. इनका लगाव शुरू से ही भारत देश से रहा है और यह धर्म के प्रति आस्था भी रखते हैं. पहले भी यह सब हिंदुस्तान आ चुके हैं.
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पंडित प्रतीक मिश्रपुरी ने कहा जब इनसे मेरी बातचीत हुई तो यह सब युद्ध को लेकर काफी चिंतित थे. रूसी नागरिक चाहते थे कि हम किसी तरह भगवान की पूजा-अर्चना करके युद्ध की को समाप्ति करवा दें. जिसके लिए हम सब ने मिलकर आज हवन कर विश्व शांति और युद्ध समाप्ति की भगवान से प्रार्थना की. इसी के साथ रूसी नागरिकों में मां गंगा के प्रति भी काफी आस्था है. इसीलिए यह चाहते थे कि हम यज्ञ मां गंगा की शरण में करें.
खास बात यह है कि यह सभी इंजीनियर हैं और इनमें से कई लोग तो प्रोफेसर भी है, लेकिन हिंदू धर्म में उनकी आस्था देख और विश्व शांति की कामना को देख मैं भी बहुत प्रसन्न हूं. वही रसिया से आई तान्या ने कहा यह यज्ञ हमने शांति के लिए किया है. हम चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच जल्द ही युद्ध समाप्त हो और जिस तरह से पहले आपसी सौहार्द के साथ यह दोनों देश रहा करते थे, उसी तरह फिर से यह दोनों देश एक हो जाएं.
इसी के साथ तान्या ने कहा हमारा भारत से शुरू से ही लगाव रहा है. इसलिए हमने आज यहां पर यज्ञ किया है. हमने भगवान से प्रार्थना की है कि जल्द से जल्द युद्ध समाप्त हो जाए और पूरे विश्व में शांति, प्यार और सद्भाव का माहौल बने.