नई दिल्ली : देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से आजादी मिली. हमें गांधी जी की प्रेरणा से आजादी मिली है. उन्होंने कहा कि सभी देशवासी बेटियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दें.
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष कोरोना महामारी की दूसरी लहर की विभिषिका से अभी हम उबर नहीं पाए हैं. हमने इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण शुरु कर दिया. यह अभूतपूर्व संकट का समय था. मैं सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं. सामूहिक संकल्प की वजह से दूसरी लहर में कमी देखी जा रही है. सभी चिकित्सकों, नर्सों की वजह से हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
हमने स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए युद्धस्तर पर काम किया है और यह जारी है. इस असाधारण अभियान में दुनिया के देशों ने उदार हृदय से सहायता की. हमारे देशवासी राहत की सांस ले रहे हैं, हम सभी को लगातार सावधानी की जरुरत है. वैक्सीन सुरक्षा का सर्वोत्तम उपकरण है. मेरा आग्रह है कि सभी देशवासी प्रोटोकॉल के साथ वैक्सीन लगवा लें.
सरकार जरुरतमंदों के साथ संवेदनशील रही है, सरकार ने राहत के लिए बहुत से कदम उठाए. 80 करोड़ लोगों को राशन दिवाली तक दी जा रही है. मुझे इस बात की खुशी है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रगति जारी है. ग्रामीणों के जीवन को सुगम बनाने के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध कराई जा रही है. भारत गांवों में बसता है, सरकार की योजनाएं ग्रामीणों का जीवन बेहतर बना रही है.
सरकार द्वारा पर्यावरण के अनुकूल सौर उर्जा की विश्व व्यापी प्रशंसा हो रही है. जन कल्याण की योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है, कृषि मार्केटिंग से किसान और भी सशक्त होंगे. प्यारे देशवासियों जम्मू कश्मीर में नवजागरण दिखाई दे रही है, मैं जम्मू के निवासियों विशेषकर युवाओं से इसका लाभ उठाने का आग्रह करता हूं.
राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश मजबूत हो रहा है. आजादी के समय यह संशय था कि भारत में लोकतंत्र सफल नहीं होगा लेकिन भारत प्राचीन काल से ही इस परंपरा का पालन करता रहा है इसलिए हमारा लोकतंत्र मजबूत है. संसद लोकतंत्र मंदिर है निकट भविष्य में यह नये भवन में विकसित होने जा रहा है, जो समकालीन विश्व के साथ कदम मिलाकर चलने का कारण बनेगा.
सरकार ने इस विशेष वर्ष को स्मरणीय बनाने का संकल्प लिया है, गगनयान मिशन इसी का परिणाम है. हमारी आकांक्षाओं की उड़ान किसी सीमा में बंधने वाली नहीं लेकिन हमारे पैर जमीन पर हैं. हमारा देश न्याय स्वतंत्रता, संप्रभुता और बंधुता के चार स्तंभ ही हमारी पहचान है. हम अनेकता में एकता के रुप में आगे बढ़ रहे हैं.
इससे पहले उन्होंने टोक्यो ओलंपिक पदक विजेताओं को भी सम्मानित किया. इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मैं एथलीटों को टोक्यो ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए बधाई देना चाहता हूं. इस टीम ने ओलंपिक इतिहास में देश के लिए सबसे ज्यादा पदक जीते हैं. आपकी उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व है.
उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटियों पर विशेष रूप से गर्व है, जिन्होंने कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद विश्व स्तरीय प्रदर्शन किया. आपने हमें COVID के बीच जश्न मनाने का एक कारण दिया. जब आप किसी खेल में भाग लेते हैं तो कभी आप जीतते हैं और कभी हारते हैं लेकिन हर बार आप एक नई चीज सीखते हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि आपने (एथलीटों ने) जीत को विनम्रता से लिया और हार को गरिमा के साथ स्वीकार किया. मैं आपको बताना चाहता हूं कि 130 करोड़ भारतीय आपकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे थे और उत्साह के साथ आपका समर्थन कर रहे थे.