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उत्तराखंड में खत्म होगा धार्मिक कब्जे का 'खेल'? सरकार ने बताया प्लान तो विपक्ष ने किया पलटवार

उत्तराखंड वन विभाग अवैध मजार को लेकर एक्शन मोड में है. देहरादून वन प्रभाग ने 17 में से 15 अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया है. तो वहीं, विपक्ष ने धामी सरकार को घेरने का काम किया है. कांग्रेस का कहना है कि एक तरफ सरकार अवैध मजारों को तोड़ रही है, वहीं बीजेपी विधायक इनके जीर्णोद्धार के लिए 2 लाख विधायक निधि से दे रहे हैं. हालांकि, सीएम पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन क्षेत्र में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं.

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उत्तराखंड में खत्म होगा धार्मिक कब्जे का खेल
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Published : Dec 14, 2022, 10:42 PM IST

Updated : Dec 15, 2022, 11:44 AM IST

सरकार ने बताया प्लान तो विपक्ष ने किया पलटवार.

देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों वन विभाग को आदेश दिए थे कि वन क्षेत्र में जितने भी अवैध निर्माण हैं, उनका ध्वस्तीकरण किया जाए. बाद में कोर्ट ने भी इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए अवैध निर्माणों को हटाने की बात कही थी. अब राज्य के वन महकमा ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है. लगभग एक दर्जन अवैध मजारों को वन क्षेत्र से हटाया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Politics on Mazaar in Uttarakhand) कह रहे हैं कि अवैध निर्माण कोई भी हो और खासकर वन क्षेत्र में उसे हटाया जा रहा है और यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. तो वहीं, राज्य में कांग्रेस बीजेपी विधायकों पर यह कहकर तंज कस रही है कि अवैध अतिक्रमण का टूटना तो ठीक है. लेकिन बीजेपी विधायक मजारों के जीर्णोद्धार के लिए 2 लाख विधायक निधि से दे रहे हैं.

वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध धार्मिक स्थलों का निर्माण: इसमें कोई दो राय नहीं है कि गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही क्षेत्रों की वन भूमि पर बड़ी संख्या में अवैध मजारों का निर्माण हो गया है. कदम-कदम पर अवैध मजारों के निर्माण से वन क्षेत्र में लगातार लोगों की गतिविधियां बढ़ रही हैं. इसी को देखते हुए बीते दिनों वन विभाग ने गढ़वाल और कुमाऊं के वन क्षेत्र में एक सर्वे करवाया, जिसके बाद यह बात सामने आई थी कि उत्तराखंड में लगातार तेजी से अवैध धार्मिक स्थलों का निर्माण हो रहा है, जिसमें 20 से अधिक मजारें शामिल हैं.

ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने वन विभाग कोई आदेश दिए हैं कि वन क्षेत्र से अवैध निर्माणों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए. इस पर वन विभाग की टीम ने 13 दिसंबर से यह अभियान शुरू कर दिया. शुरुआती चरण में लगभग 15 अवैध मजारों पर प्रशासन का चाबुक चला है, जिसके अंतर्गत देहरादून क्षेत्र में इन 15 अवैध मजारों को हटाया गया है. यह तमाम मजारें गुपचुप तरीके से बनाई गई थीं. ऐसा नहीं है कि प्रशासन ने इन पर अचानक यह कार्रवाई की है. बकायदा वन विभाग ने क्षेत्र में रहने वाले और इन मजारों की देखरेख करने वाले लोगों से पहले संबंधित कागजात मांगे और जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, तब उनके ऊपर कार्रवाई की गई है.

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड: देहरादून में 15 अवैध मजारों को वन विभाग ने किया ध्वस्त, पूर्व में किया गया था चिन्हित

हालांकि, अभी भी अवैध मजारें अपने स्थानों पर बनी हुई है. अवैध मजारों पर कुछ इस तरह से निर्माण किया गया था, किसी पेड़ के नीचे कुछ ईटों के सहारे एक मजार बनाकर ऊपर से टिन शेड लगाकर या फिर एक खास धर्म के वस्त्र मिट्टी के टीले पर लिटा कर पक्के निर्माण किए गए थे. देहरादून वन प्रभाग ने फिलहाल 15 मजारों को हटाया है. एक आंकड़े के मुताबिक उत्तराखंड में लगभग 300 ऐसे धार्मिक स्थल (Illegal mazaar in Uttarakhand) मौजूद हैं, जो पूरी तरह से अवैध हैं. मंत्री बोले किसी भी धर्म का हो, अवैध निर्माण टूटेगा.

मामले में मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि हमने बीते कुछ दिनों में उत्तराखंड के तमाम डिवीजन में यह सर्वे करवाया था कि जंगलात की जमीनों पर चाहे वह धार्मिक स्थल हो या फिर किसी के भी दूसरे निर्माण उनका एक सर्वे करवाया जाए और जो अवैध निर्माण है. उसको तुरंत हटाया जाए. शुरुआती चरण में यह काम देहरादून से शुरू हुआ है, जिसमें 15 मजारों को हटाया गया है. सुबोध उनियाल की माने तो ऐसा नहीं है कि एक धर्म विशेष के ही अवैध निर्माणों को हटाया जाएगा. अगर अवैध निर्माण किसी भी धर्म का है. उन सभी को हम चरणबद्ध तरीके से हटाने का काम करेंगे.

सीएम बोले अवैध निर्माण हो या धर्मांतरण, सब पर जारी रहेगी कार्रवाई: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसको लेकर बेहद गंभीर हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कम शब्दों में इन अवैध निर्माणों के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर अपना बयान जारी किया है. पुष्कर सिंह धामी की माने तो जो भी काम अपराध की श्रेणी में आता है. उन सभी पर हम कार्रवाई कर रहे हैं. भले ही वह अवैध निर्माण हो या फिर धर्म परिवर्तन करना या करवाना आगे भी इस तरह की कार्रवाई राज्य में जारी रहेगी. बता दें कि पुष्कर सिंह धामी भी इस मामले पर लगातार वन मंत्रालय से रिपोर्ट ले रहे थे कि इन अवैध निर्माणों पर वन विभाग क्या कार्रवाई कर रहा है?

शहर काजी ने भी किया कार्रवाई का समर्थन: 13 और 14 दिसंबर को देहरादून डिवीजन में मजारों पर कार्रवाई की गई है. ऐसे में सवाल पूछना मुस्लिम धर्म गुरुओं से भी जरूरी था. देहरादून शहर के काजी मोहम्मद अहमद काजी भी सरकार के इस फैसले और कार्रवाई को सही मानते हैं. उनका कहना है कि इस्लाम किसी भी सूरत में किसी दूसरे के जगह पर किसी तरह के कब्जे को सही नहीं मानती. शहर काजी के माने तो अगर यह तमाम मजारे अवैध हैं तो सरकार जो भी कार्रवाई कर रही हैं, वह उनके साथ हैं.

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड में एक बार फिर मजार को लेकर मचा बवाल, जानें पूरा माजरा

कांग्रेस बोली अवैध निर्माण तो ठीक, महंगाई और बेरोजगारी भी हटाए सरकार: कांग्रेस की प्रवक्ता सुजाता पॉल की माने तो मौजूदा सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह सब काम कर रही है. अवैध निर्माण को हटाने के लिए बाकायदा एक कानून है और कानून के तहत वह कार्रवाई करें. कांग्रेस का कहना है कि लेकिन अवैध निर्माण तो हटाए. लेकिन बेरोजगारी और अवस्थाओं का जो दौर प्रदेश में चल रहा है, उनको कैसे हटाया जाएगा. इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. कांग्रेस ने तीखा हमला बोलते हुए कहां है कि जब से उत्तराखंड में बीजेपी की और खासकर धामी की सरकार आई है. तब से हिंदू-मुस्लिम को किस तरह से बनाया जाए इस पर ही पूरी सरकार का फोकस लगा हुआ है. लिहाजा, सरकार को चाहिए एक काम काम की तरीके से करें सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए या लोगों का महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए कोई काम ना करें.

सरकार को रखना होगा ध्यान: उत्तराखंड में अवैध निर्माणों के तुष्टिकरण की कार्रवाई भले ही सरकार ने शुरू कर दी हो. लेकिन कांग्रेस बीते 5 दिनों से इस बात को लेकर भी आवाज उठा रही है कि यह वही बीजेपी है. जिसके पौड़ी के विधायक मजार के जीर्णोद्धार के लिए विधायक निधि से ₹2 लाख दे रहे हैं. ऐसे में सरकार के आगे भी यह चुनौती होगी. कार्रवाई तो करें लेकिन संदेश यह ना जाए कि यह कार्रवाई एकतरफा हो रही है. (Congress spokesperson Sujata Paul)

सरकार ने बताया प्लान तो विपक्ष ने किया पलटवार.

देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों वन विभाग को आदेश दिए थे कि वन क्षेत्र में जितने भी अवैध निर्माण हैं, उनका ध्वस्तीकरण किया जाए. बाद में कोर्ट ने भी इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए अवैध निर्माणों को हटाने की बात कही थी. अब राज्य के वन महकमा ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है. लगभग एक दर्जन अवैध मजारों को वन क्षेत्र से हटाया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Politics on Mazaar in Uttarakhand) कह रहे हैं कि अवैध निर्माण कोई भी हो और खासकर वन क्षेत्र में उसे हटाया जा रहा है और यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. तो वहीं, राज्य में कांग्रेस बीजेपी विधायकों पर यह कहकर तंज कस रही है कि अवैध अतिक्रमण का टूटना तो ठीक है. लेकिन बीजेपी विधायक मजारों के जीर्णोद्धार के लिए 2 लाख विधायक निधि से दे रहे हैं.

वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध धार्मिक स्थलों का निर्माण: इसमें कोई दो राय नहीं है कि गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही क्षेत्रों की वन भूमि पर बड़ी संख्या में अवैध मजारों का निर्माण हो गया है. कदम-कदम पर अवैध मजारों के निर्माण से वन क्षेत्र में लगातार लोगों की गतिविधियां बढ़ रही हैं. इसी को देखते हुए बीते दिनों वन विभाग ने गढ़वाल और कुमाऊं के वन क्षेत्र में एक सर्वे करवाया, जिसके बाद यह बात सामने आई थी कि उत्तराखंड में लगातार तेजी से अवैध धार्मिक स्थलों का निर्माण हो रहा है, जिसमें 20 से अधिक मजारें शामिल हैं.

ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने वन विभाग कोई आदेश दिए हैं कि वन क्षेत्र से अवैध निर्माणों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए. इस पर वन विभाग की टीम ने 13 दिसंबर से यह अभियान शुरू कर दिया. शुरुआती चरण में लगभग 15 अवैध मजारों पर प्रशासन का चाबुक चला है, जिसके अंतर्गत देहरादून क्षेत्र में इन 15 अवैध मजारों को हटाया गया है. यह तमाम मजारें गुपचुप तरीके से बनाई गई थीं. ऐसा नहीं है कि प्रशासन ने इन पर अचानक यह कार्रवाई की है. बकायदा वन विभाग ने क्षेत्र में रहने वाले और इन मजारों की देखरेख करने वाले लोगों से पहले संबंधित कागजात मांगे और जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, तब उनके ऊपर कार्रवाई की गई है.

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड: देहरादून में 15 अवैध मजारों को वन विभाग ने किया ध्वस्त, पूर्व में किया गया था चिन्हित

हालांकि, अभी भी अवैध मजारें अपने स्थानों पर बनी हुई है. अवैध मजारों पर कुछ इस तरह से निर्माण किया गया था, किसी पेड़ के नीचे कुछ ईटों के सहारे एक मजार बनाकर ऊपर से टिन शेड लगाकर या फिर एक खास धर्म के वस्त्र मिट्टी के टीले पर लिटा कर पक्के निर्माण किए गए थे. देहरादून वन प्रभाग ने फिलहाल 15 मजारों को हटाया है. एक आंकड़े के मुताबिक उत्तराखंड में लगभग 300 ऐसे धार्मिक स्थल (Illegal mazaar in Uttarakhand) मौजूद हैं, जो पूरी तरह से अवैध हैं. मंत्री बोले किसी भी धर्म का हो, अवैध निर्माण टूटेगा.

मामले में मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि हमने बीते कुछ दिनों में उत्तराखंड के तमाम डिवीजन में यह सर्वे करवाया था कि जंगलात की जमीनों पर चाहे वह धार्मिक स्थल हो या फिर किसी के भी दूसरे निर्माण उनका एक सर्वे करवाया जाए और जो अवैध निर्माण है. उसको तुरंत हटाया जाए. शुरुआती चरण में यह काम देहरादून से शुरू हुआ है, जिसमें 15 मजारों को हटाया गया है. सुबोध उनियाल की माने तो ऐसा नहीं है कि एक धर्म विशेष के ही अवैध निर्माणों को हटाया जाएगा. अगर अवैध निर्माण किसी भी धर्म का है. उन सभी को हम चरणबद्ध तरीके से हटाने का काम करेंगे.

सीएम बोले अवैध निर्माण हो या धर्मांतरण, सब पर जारी रहेगी कार्रवाई: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इसको लेकर बेहद गंभीर हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कम शब्दों में इन अवैध निर्माणों के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर अपना बयान जारी किया है. पुष्कर सिंह धामी की माने तो जो भी काम अपराध की श्रेणी में आता है. उन सभी पर हम कार्रवाई कर रहे हैं. भले ही वह अवैध निर्माण हो या फिर धर्म परिवर्तन करना या करवाना आगे भी इस तरह की कार्रवाई राज्य में जारी रहेगी. बता दें कि पुष्कर सिंह धामी भी इस मामले पर लगातार वन मंत्रालय से रिपोर्ट ले रहे थे कि इन अवैध निर्माणों पर वन विभाग क्या कार्रवाई कर रहा है?

शहर काजी ने भी किया कार्रवाई का समर्थन: 13 और 14 दिसंबर को देहरादून डिवीजन में मजारों पर कार्रवाई की गई है. ऐसे में सवाल पूछना मुस्लिम धर्म गुरुओं से भी जरूरी था. देहरादून शहर के काजी मोहम्मद अहमद काजी भी सरकार के इस फैसले और कार्रवाई को सही मानते हैं. उनका कहना है कि इस्लाम किसी भी सूरत में किसी दूसरे के जगह पर किसी तरह के कब्जे को सही नहीं मानती. शहर काजी के माने तो अगर यह तमाम मजारे अवैध हैं तो सरकार जो भी कार्रवाई कर रही हैं, वह उनके साथ हैं.

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड में एक बार फिर मजार को लेकर मचा बवाल, जानें पूरा माजरा

कांग्रेस बोली अवैध निर्माण तो ठीक, महंगाई और बेरोजगारी भी हटाए सरकार: कांग्रेस की प्रवक्ता सुजाता पॉल की माने तो मौजूदा सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह सब काम कर रही है. अवैध निर्माण को हटाने के लिए बाकायदा एक कानून है और कानून के तहत वह कार्रवाई करें. कांग्रेस का कहना है कि लेकिन अवैध निर्माण तो हटाए. लेकिन बेरोजगारी और अवस्थाओं का जो दौर प्रदेश में चल रहा है, उनको कैसे हटाया जाएगा. इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. कांग्रेस ने तीखा हमला बोलते हुए कहां है कि जब से उत्तराखंड में बीजेपी की और खासकर धामी की सरकार आई है. तब से हिंदू-मुस्लिम को किस तरह से बनाया जाए इस पर ही पूरी सरकार का फोकस लगा हुआ है. लिहाजा, सरकार को चाहिए एक काम काम की तरीके से करें सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए या लोगों का महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए कोई काम ना करें.

सरकार को रखना होगा ध्यान: उत्तराखंड में अवैध निर्माणों के तुष्टिकरण की कार्रवाई भले ही सरकार ने शुरू कर दी हो. लेकिन कांग्रेस बीते 5 दिनों से इस बात को लेकर भी आवाज उठा रही है कि यह वही बीजेपी है. जिसके पौड़ी के विधायक मजार के जीर्णोद्धार के लिए विधायक निधि से ₹2 लाख दे रहे हैं. ऐसे में सरकार के आगे भी यह चुनौती होगी. कार्रवाई तो करें लेकिन संदेश यह ना जाए कि यह कार्रवाई एकतरफा हो रही है. (Congress spokesperson Sujata Paul)

Last Updated : Dec 15, 2022, 11:44 AM IST
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