नई दिल्ली: दिल्ली में रविवार को मंकीपॉक्स (Monkeypox case in delhi) का पहला मामला सामने आया है. पश्चिमी दिल्ली में रहने वाले 32 वर्षीय शख्स में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है. इस शख्स का कोई विदेश जाने की हिस्ट्री नहीं है. बता दें कि पिछले दिनों यह मरीज गर्मी की छुट्टी मनाने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मनाली गया था. पीड़ित शख्स डॉक्टरों की निगरानी में दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल में भर्ती है.
देश में मंकीपॉक्स (monkeypox) के अब तक कुल चार मामले सामने आ चुके हैं. तीन मामले केरल के हैं. दिल्ली में भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद दिल्ली सरकार सतर्क हो गई है. सरकार की ओर से एतिहातन तैयारी शुरू कर दी गई है. दिल्ली सरकार की ओर से लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल को नोडल सेंटर बनाया गया है. इस संबंध में लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार का कहना है की मंकीपॉक्स के मद्देनजर एक छह बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. यहां काम करने वाले डॉक्टर, नर्स और स्टाफ को मंकीपॉक्स को लेकर ट्रेनिंग दी जा रही है. पहले मरीज को आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा. जहां पर ऐसे मरीजों का भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देशों के मुताबिक टेस्ट और उपचार किया जाएगा. इसके लिए आज 20 डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई है.
बचाव के उपाय
डॉ. सुरेश कुमार बताते हैं कि मंकीपॉक्स बीमारी एक दूसरे से फैलती है. इस बीमारी से खुद को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करना है. जिसमें एन-95 मास्क काफी कारगर है. इसके साथ जिस प्रकार से कोविड-19 में पीपी किट का उपयोग किया उसी तरह से मंकीपॉक्स के उपचार के दौरान भी पीपी किट का पहनना आवश्यक है.
लक्षण को न करें नजरअंदाज
डॉक्टर बताते हैं कि जो भी संक्रमित या संदिग्ध मरीज होता है उसके स्किन का सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा जाता है. मंकीपॉक्स के लक्षणों में अगर किसी व्यक्ति ने उन अंतरराष्ट्रीय देशों में यात्रा की है जहां पर मंकीपॉक्स के मामले आ रहे हैं, व्यक्ति के स्किन में निशान है, बुखार, आंखों में लाल पन, जोड़ों में दर्द है तो व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
बता दें कि 14 जुलाई को भारत में मंकीपॉक्स का पहला केस आया था. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 63 देशों में मंकीपॉक्स फैल चुका है. वहीं पूरी दुनिया में 9000 से अधिक केस अब तक आ चुके हैं जिसमें तीन मरीज की जान जाने की पुष्टि हुई है.
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