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Kanwar Mela 2023: एक कंधे पर गंगाजल दूसरे पर 100 साल की मां, कलियुग के श्रवण कुमारों से मिलिए - Beginning of Kanwar fair

रामचंद्रजी त्रेता युग में अवतरित हुए थे. त्रेता युग में ही मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार भी जन्मे थे. श्रवण कुमार की माता पिता के प्रति भक्ति का उदाहरण कलियुग में भी दिया जाता है. ऐसे ही कलियुग के दो श्रवण कुमार कांवड़ मेले में हरिद्वार आए हैं. इन दोनों कांवड़ियों के एक कंधे पर अपने अराध्य भगवान शिव के लिए गंगाजल है, तो दूसरे कंधे पर मां है.

Haridwar kanwar Mela 2023
कांवड़ मेला
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Published : Jul 4, 2023, 11:13 AM IST

Updated : Jul 4, 2023, 1:04 PM IST

कलियुग के श्रवण कुमारों से मिलिए

हरिद्वार (उत्तराखंड): हरिद्वार में आज से कांवड़ मेले की शुरुआत हो गई है. ऐसे में हरिद्वार में कांवड़ियों की भोलेनाथ के प्रति आस्था के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. आज के समय में कांवड़ मेले के दौरान सतयुग के दर्शन होते नजर आते हैं. जिस तरह से श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता के प्रति प्रेम और भक्ति दिखाई थी, उसी तरह उत्तर प्रदेश के धराऊं गांव के देव अपनी मां को कंधे पर लेकर कांवड़ यात्रा पर निकले हैं.

कलियुग के श्रवण कुमार मां को करा रहे कांवड़ यात्रा: इस कलियुग में जहां बच्चे अपने माता-पिता से किनारा कर रहे हैं और उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ रहे हैं, वहीं कुछ बिरले बेटे ऐसे भी हैं जो अपने माता-पिता की इच्छा को पूरी करने के लिए श्रवण कुमार बन गए हैं. अपनी जिम्मेदारी को और माता पिता की इच्छा को मन से निभा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के धराऊं के देव ऐसे ही श्रवण कुमार जैसे हैं.

Kanwar Mela 2023
कांवड़ मेले में मां की भक्ति

100 साल की मां के साथ कांवड़ यात्रा: देव अपने कंधों पर कांवड़ में अपनी 100 साल की मां सरस्वती को बैठाकर बुलंदशहर से हरिद्वार की ओर निकले. हर की पैड़ी से गंगाजल लेकर घर की ओर रवाना हुए. देव ने बताया कि उनकी मां की इच्छा थी कि वह भी कांवड़ यात्रा करें. लेकिन वह चलने फिरने में असमर्थ हैं. ऐसे में मैंने सोचा कि क्यों ना अपने अपने कंधे पर बिठाकर मां को कांवड़ यात्रा के कराऊं. इसीलिए मेरे द्वारा इस बार कांवड़ यात्रा को अपनी मां को समर्पित किया गया है. इस बार भोले बाबा से मैंने अपनी मां की दीर्घायु करने की मन्नत मांगी है. इसीलिए मेरे द्वारा यह कांवड़ यात्रा की जा रही है.

एक कंधे पर गंगाजल, दूसरे पर मां: वहीं दूसरी ओर 51 लीटर गंगाजल लेकर अजय भी अपनी मां को कावड़ यात्रा करा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के रहने वाले अजय कुमार अपने कंधों पर अपनी मां बाला देवी और दूसरी तरफ 51 लीटर गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. अजय ने बताया कि वह घर पहुंचने पर अपनी माता के साथ स्थानीय शिवालय पर जलाभिषेक करेंगे.
ये भी पढ़ें: kanwar yatra 2023: नीलकंठ में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड टीम होगी तैनात, ड्रोन से रखी जाएगी नजर

कांवड़ियों से अजय का निवेदन: अपनी कांवड़ यात्रा के बारे में बताते हुए अजय ने कहा कि मैं सभी शिवभक्त कांवड़ियों से यही निवेदन करना चाहूंगा कि वह अपनी मां की सेवा करें. हो सके तो अपनी माता को भी कांवड़ यात्रा कराएं. क्योंकि मां के चरणों में स्वर्ग है. इतना ही नहीं अजय ने कहा कि जो भी कांवड़िए डीजे और आज अलग कांवड़ लेकर आते हैं, उससे अच्छा है कि वह पैदल यात्रा कर करें.

कलियुग के श्रवण कुमारों से मिलिए

हरिद्वार (उत्तराखंड): हरिद्वार में आज से कांवड़ मेले की शुरुआत हो गई है. ऐसे में हरिद्वार में कांवड़ियों की भोलेनाथ के प्रति आस्था के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. आज के समय में कांवड़ मेले के दौरान सतयुग के दर्शन होते नजर आते हैं. जिस तरह से श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता के प्रति प्रेम और भक्ति दिखाई थी, उसी तरह उत्तर प्रदेश के धराऊं गांव के देव अपनी मां को कंधे पर लेकर कांवड़ यात्रा पर निकले हैं.

कलियुग के श्रवण कुमार मां को करा रहे कांवड़ यात्रा: इस कलियुग में जहां बच्चे अपने माता-पिता से किनारा कर रहे हैं और उन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ रहे हैं, वहीं कुछ बिरले बेटे ऐसे भी हैं जो अपने माता-पिता की इच्छा को पूरी करने के लिए श्रवण कुमार बन गए हैं. अपनी जिम्मेदारी को और माता पिता की इच्छा को मन से निभा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के धराऊं के देव ऐसे ही श्रवण कुमार जैसे हैं.

Kanwar Mela 2023
कांवड़ मेले में मां की भक्ति

100 साल की मां के साथ कांवड़ यात्रा: देव अपने कंधों पर कांवड़ में अपनी 100 साल की मां सरस्वती को बैठाकर बुलंदशहर से हरिद्वार की ओर निकले. हर की पैड़ी से गंगाजल लेकर घर की ओर रवाना हुए. देव ने बताया कि उनकी मां की इच्छा थी कि वह भी कांवड़ यात्रा करें. लेकिन वह चलने फिरने में असमर्थ हैं. ऐसे में मैंने सोचा कि क्यों ना अपने अपने कंधे पर बिठाकर मां को कांवड़ यात्रा के कराऊं. इसीलिए मेरे द्वारा इस बार कांवड़ यात्रा को अपनी मां को समर्पित किया गया है. इस बार भोले बाबा से मैंने अपनी मां की दीर्घायु करने की मन्नत मांगी है. इसीलिए मेरे द्वारा यह कांवड़ यात्रा की जा रही है.

एक कंधे पर गंगाजल, दूसरे पर मां: वहीं दूसरी ओर 51 लीटर गंगाजल लेकर अजय भी अपनी मां को कावड़ यात्रा करा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के रहने वाले अजय कुमार अपने कंधों पर अपनी मां बाला देवी और दूसरी तरफ 51 लीटर गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. अजय ने बताया कि वह घर पहुंचने पर अपनी माता के साथ स्थानीय शिवालय पर जलाभिषेक करेंगे.
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कांवड़ियों से अजय का निवेदन: अपनी कांवड़ यात्रा के बारे में बताते हुए अजय ने कहा कि मैं सभी शिवभक्त कांवड़ियों से यही निवेदन करना चाहूंगा कि वह अपनी मां की सेवा करें. हो सके तो अपनी माता को भी कांवड़ यात्रा कराएं. क्योंकि मां के चरणों में स्वर्ग है. इतना ही नहीं अजय ने कहा कि जो भी कांवड़िए डीजे और आज अलग कांवड़ लेकर आते हैं, उससे अच्छा है कि वह पैदल यात्रा कर करें.

Last Updated : Jul 4, 2023, 1:04 PM IST
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