उत्तरकाशी (उत्तराखंड): भारत-चीन सीमा पर नेलांग घाटी में चोरगाड़ नदी पर बना बैली ब्रिज का एबेडमेंट ढहने के कारण नदी में समा गया है. पुल के ढहने से सेना और आईटीबीपी का हिमाचल प्रदेश से जुड़ने वाले मार्ग समेत अंतराष्ट्रीय सीमा से संपर्क कट गया है. इस संबध में गंगोत्री नेशनल पार्क ने जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. वहीं, पार्क प्रशासन ने पुल निर्माण के लिए जिला प्रशासन से मांग की है.
गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पांडेय ने बताया कि चोरगाड़ पर बने बैली ब्रिज का इस्तेमाल सेना समेत आईटीबीपी और भेड़ पालक करते हैं. यह पुल हिमाचल प्रदेश समेत भारत चीन अंतराष्ट्रीय सीमा को जोड़ता है. जाड़ गंगा की सहायक नदी का एबेडमेंट ढहने के कारण यह पुल टूटा है. जिससे फिलहाल संपर्क टूट गया है.
ये भी पढ़ेंः भारत-नेपाल के बीच झूला पुलों के खुलने और बंद होने का समय बदला, जानें कारण
रंगनाथ पांडेय ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने जिला प्रशासन को सूचना दे दी है. साथ ही पुल निर्माण के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है. क्योंकि, यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. इस पुल के ढहने से सेना और आईटीबीपी को रेकी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, इस संबंध में जिला प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी को पुल निर्माण के लिए आकलन तैयार करने के निर्देश दिए हैं. यह पुल सेना और आईटीबीपी के लिए काफी अहम है. इनदिनों में उत्तराखंड में भारी बारिश हो रही है. जिसके चलते नदी नाले उफान पर आ रहे हैं. यह पुल भी नदी की उफान की भेंट चढ़ी है.