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Mahua on Hiranandanis affidavit: महुआ का बड़ा आरोप- हीरानंदानी को हस्ताक्षर के लिए मजबूर किया गया

कैश फॉर क्वेरी मामले में पश्चिम बंगाल की सांसद महुआ मोइत्रा ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पीएमओ द्वारा व्यवसायी हीरानंदानी को श्वेत पत्र पर हस्ताक्षर के लिए मजबूर किया गया. Mahua on Hiranandanis affidavit-cash for query

'Forced to sign white paper': TMC MP Mahua Moitra on businessman Hiranandani's affidavit
महुआ का बड़ा आरोप- व्यवसायी हीरानंदानी को श्वेत पत्र पर हस्ताक्षर के लिए मजबूर किया गया
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By ANI

Published : Oct 20, 2023, 8:05 AM IST

Updated : Oct 20, 2023, 1:05 PM IST

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने दो पन्नों के बयान में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे का जवाब दिया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें एक श्वेत पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. टीएमसी सांसद ने कथित तौर पर हीरानंदानी द्वारा संसद की आचार समिति को सौंपे गए हलफनामे की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं. इसमें दावा किया गया है कि यह न तो आधिकारिक लेटरहेड पर है और न ही नोटरीकृत है. पत्र की सामग्री एक मजाक है.

  • I welcome answering questions to CBI & Ethics Committee (which has absolute majority of BJP members) if & when they call me. I have neither time nor interest to feed a Adani-directed media circus trial or answer BJP trolls.
    I am enjoying Durga Puja in Nadia.
    Shubho Sashthi .

    — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हलफनामा श्वेत पत्र पर है न कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरीकृत. भारत का सबसे प्रतिष्ठित/शिक्षित व्यवसायी श्वेत पत्र पर इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक नहीं रखी गई हो? महुआ ने शुक्रवार को 'एक्स' पर पोस्ट किए गए अपने बयान में कहा. उन्होंने कहा,'दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या वास्तव में किसी भी जांच एजेंसी ने तलब नहीं किया है. फिर उसने यह हलफनामा किसे दिया है.'

दर्शन और उनके पिता भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक चलाते हैं और यूपी और गुजरात में उनकी हालिया परियोजनाओं का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है. दर्शन हाल ही में प्रधानमंत्री के साथ उनके व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में विदेश गए थे. टीएमसी सांसद ने कहा, 'ऐसा धनी व्यवसायी जिसकी हर मंत्री और पीएमओ तक सीधी पहुंच है, उसे पहली बार के विपक्षी सांसद द्वारा उसे उपहार देने और उसकी मांगों को मानने के लिए मजबूर क्यों किया जाएगा? यह पूरी तरह से अतार्किक है और केवल इस सच्चाई को पुख्ता करता है कि पत्र का मसौदा पीएमओ द्वारा तैयार किया गया था, न कि दर्शन ने.' उन्होंने व्यवसायी हीरानंदानी से आगे पूछा कि अगर उन्होंने दावों को 'कबूल' कर लिया है तो उन्होंने पत्र को आधिकारिक तौर पर जारी क्यों नहीं किया.

उन्होंने सवाल किया,'यदि वास्तव में उसे मेरे सारे भ्रष्टाचार का गवाह बनना था, तो उस दौरान वह मेरे साथ क्यों था और उसने इसे सार्वजनिक करने के लिए अब तक इंतजार क्यों किया? साथ ही अगर उन्होंने सीबीआई और लोकसभा अध्यक्ष को लिखा, तो 543 सांसदों में से वह निशिकांत दुबे को पत्र क्यों भेजेंगे, जिन्हें मैंने संसद और बाहर बार-बार उजागर किया है और जिनके खिलाफ मैंने लंबित विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया है?

यह दावा करते हुए कि व्यवसायी हीरानंदानी को पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था, मोइत्रा ने कहा, 'पीएमओ ने दर्शन और उनके पिता के सिर पर एक बंदूक रख दी और उन्हें भेजे गए इस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया. उन्हें अपने सभी व्यवसाय पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी गई. उनसे कहा गया कि वे खत्म हो जायेंगे, सीबीआई उन पर छापा मारेगी और सभी सरकारी काम बंद कर दिये जाएंगे और बैंकों से उनके लेनदेन बंद कर दिए जाएंगे.

इस पत्र का मसौदा पीएमओ द्वारा भेजा गया था और उनसे इस पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया गया था. और इसे तुरंत प्रेस में लीक कर दिया गया. यह इस भाजपा सरकार या यूं कहें कि भाजपा द्वारा संचालित गौतम अडानी की सरकार की सामान्य कार्यप्रणाली है. उन्होंने आरोप लगाया, 'मुझे बदनाम करने और मेरे करीबी लोगों को अलग-थलग करने और डराने की हर कोशिश की जा रही है.'

मैं अडाणी के प्रति तब तक खड़ी रहूंगी जब तक वह उन कई सवालों के जवाब नहीं दे देते जिनका इस महान देश के लोगों को जवाब देना उनका कर्तव्य है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा के बीच बृहस्पतिवार को उनके 'कैश फॉर क्वेरी' आरोपों को लेकर आमने-सामने की स्थिति ने एक नया मोड़ ले लिया, क्योंकि दर्शन हीरानंदानी कथित तौर पर उक्त भुगतान के पीछे थे, उन्होंने पहली बार एक हलफनामे में जवाब दिया है.

ये भी पढ़ें- Big jolt to Mahua Moitra: महुआ को झटका, पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में सरकारी गवाह बना कारोबारी दर्शन हीरानंदानी, किए बड़े खुलासे

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  • I welcome answering questions to CBI & Ethics Committee (which has absolute majority of BJP members) if & when they call me. I have neither time nor interest to feed a Adani-directed media circus trial or answer BJP trolls.
    I am enjoying Durga Puja in Nadia.
    Shubho Sashthi .

    — Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हलफनामा श्वेत पत्र पर है न कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरीकृत. भारत का सबसे प्रतिष्ठित/शिक्षित व्यवसायी श्वेत पत्र पर इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक नहीं रखी गई हो? महुआ ने शुक्रवार को 'एक्स' पर पोस्ट किए गए अपने बयान में कहा. उन्होंने कहा,'दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या वास्तव में किसी भी जांच एजेंसी ने तलब नहीं किया है. फिर उसने यह हलफनामा किसे दिया है.'

दर्शन और उनके पिता भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक चलाते हैं और यूपी और गुजरात में उनकी हालिया परियोजनाओं का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है. दर्शन हाल ही में प्रधानमंत्री के साथ उनके व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में विदेश गए थे. टीएमसी सांसद ने कहा, 'ऐसा धनी व्यवसायी जिसकी हर मंत्री और पीएमओ तक सीधी पहुंच है, उसे पहली बार के विपक्षी सांसद द्वारा उसे उपहार देने और उसकी मांगों को मानने के लिए मजबूर क्यों किया जाएगा? यह पूरी तरह से अतार्किक है और केवल इस सच्चाई को पुख्ता करता है कि पत्र का मसौदा पीएमओ द्वारा तैयार किया गया था, न कि दर्शन ने.' उन्होंने व्यवसायी हीरानंदानी से आगे पूछा कि अगर उन्होंने दावों को 'कबूल' कर लिया है तो उन्होंने पत्र को आधिकारिक तौर पर जारी क्यों नहीं किया.

उन्होंने सवाल किया,'यदि वास्तव में उसे मेरे सारे भ्रष्टाचार का गवाह बनना था, तो उस दौरान वह मेरे साथ क्यों था और उसने इसे सार्वजनिक करने के लिए अब तक इंतजार क्यों किया? साथ ही अगर उन्होंने सीबीआई और लोकसभा अध्यक्ष को लिखा, तो 543 सांसदों में से वह निशिकांत दुबे को पत्र क्यों भेजेंगे, जिन्हें मैंने संसद और बाहर बार-बार उजागर किया है और जिनके खिलाफ मैंने लंबित विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया है?

यह दावा करते हुए कि व्यवसायी हीरानंदानी को पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था, मोइत्रा ने कहा, 'पीएमओ ने दर्शन और उनके पिता के सिर पर एक बंदूक रख दी और उन्हें भेजे गए इस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया. उन्हें अपने सभी व्यवसाय पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी गई. उनसे कहा गया कि वे खत्म हो जायेंगे, सीबीआई उन पर छापा मारेगी और सभी सरकारी काम बंद कर दिये जाएंगे और बैंकों से उनके लेनदेन बंद कर दिए जाएंगे.

इस पत्र का मसौदा पीएमओ द्वारा भेजा गया था और उनसे इस पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया गया था. और इसे तुरंत प्रेस में लीक कर दिया गया. यह इस भाजपा सरकार या यूं कहें कि भाजपा द्वारा संचालित गौतम अडानी की सरकार की सामान्य कार्यप्रणाली है. उन्होंने आरोप लगाया, 'मुझे बदनाम करने और मेरे करीबी लोगों को अलग-थलग करने और डराने की हर कोशिश की जा रही है.'

मैं अडाणी के प्रति तब तक खड़ी रहूंगी जब तक वह उन कई सवालों के जवाब नहीं दे देते जिनका इस महान देश के लोगों को जवाब देना उनका कर्तव्य है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा के बीच बृहस्पतिवार को उनके 'कैश फॉर क्वेरी' आरोपों को लेकर आमने-सामने की स्थिति ने एक नया मोड़ ले लिया, क्योंकि दर्शन हीरानंदानी कथित तौर पर उक्त भुगतान के पीछे थे, उन्होंने पहली बार एक हलफनामे में जवाब दिया है.

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Last Updated : Oct 20, 2023, 1:05 PM IST
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