नई दिल्लीः दिल्ली शराब घोटाले केस में डिप्टी CM मनीष सिसोदिया CBI की गिरफ्त में हैं. उन्हें CBI ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में पेश किया और 5 दिन की रिमांड मांगी. दोनों पक्षों के वकीलों के बीच काफी बहस होने के बाद कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड (यानी 4 मार्च तक के लिए ) पर भेज दिया. सिसोदिया की तरफ से तीन वकीलों ने पक्ष रखा. CBI ने मनीष की गिरफ्तारी के बताए कारण...
- दिल्ली की नई आबकारी नीति के ड्राफ्ट दक्षिण भारत के समूह के कुछ लोगों के मोबाइल में मिले
- मनीष सिसोदिया के कंप्यूटर में नई आबकारी नीति का ड्राफ्ट मिला, जिसमें 5 से 12% रिश्वत की बात शामिल है
- एक विशेष कंपनी इंडोस्पिरिट को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया गया
- मनीष सिसोदिया ने अपने मोबाइल से डाटा डिलीट किया और मोबाइल बदल दिया, जिससे जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया
- इंडोस्पिरिट को फायदा पहुंचाया गया. जांच में सहयोग नहीं कर रहे
कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ ये जान लीजिए...
दोपहर 3.10 बजे कोर्ट में सबसे पहले CBI ने अपना पक्ष रखा. CBI ने बताया कि आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. सिसोदिया के कंप्यूटर से नई शराब नीति का ड्राफ्ट मिला है, जिसमें 5 से 12% तक कमीशन लेने की बात है. इन्होंने इंडो स्पिरिट को होल सेल लाइसेंस जारी करने का आदेश दिया था. सिसोदिया ने इस दौरान अपना मोबाइल भी बदल लिया है. कोर्ट ने CBI से पूछा कि आपको रिमांड क्यों चाहिए? इस पर जांच एजेंसी ने कहा कि अन्य आरोपियों से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है. यह सवालों का सही जवाब नहीं दे रहे हैं.
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#WATCH | CBI brought Delhi Deputy CM Manish Sisodia to Rouse Avenue Court. pic.twitter.com/tozetCE9My
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सिसोदिया के वकील ने किया विरोधः रिमांड का विरोध करते हुए सिसोदिया के वकील दयन कृष्णन ने कहा कि CBI ने सिसोदिया और अन्य आरोपियों के बीच का एक भी कॉल नहीं दिखाया है. यह बहुत रोचक है. CBI दिखाए की कौन सी कॉल या मीटिंग इनसे संबंधित है. फोन बदलना कोई गुनाह है क्या? सवालों का सही जवाब नहीं दे रहे हैं, यह रिमांड का आधार नहीं हो सकता. क्या एजेंसी जिसे जवाब मानेगी वही जवाब सही है? 3 बार जांच का नोटिस दिया गया. पूछताछ की गई. वो जांच को प्रभावित नहीं कर रहे हैं.
सिसोदिया के दूसरे वकील मोहित माथुर ने कहा कि नई शराब नीति की मंजूरी LG ने दी थी, लेकिन एजेंसी इसे नहीं देख रही है. उपराज्यपाल ने इस पर राय भी दी थी और एक्सपर्ट कमेटी से भी पूछा था. एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर के पास भेजा गया था, लेकिन एजेंसी सिर्फ पॉलिसी के लागू कराने पर बात कर रही है.
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#WATCH दिल्ली: CBI टीम दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। pic.twitter.com/RcEtUNJ3so
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बजट पेश करना है, बाद में भी पूछताछ हो सकती हैः डिप्टी CM की तरफ से सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि मनीष एक पब्लिक सर्वेंट है और गंभीर महकमे देख रहे हैं. पब्लिक सर्वेंट को तभी गिरफ़्तर किया जा सकता है जब वह बहुत जरूरी हो. वह वित्त मंत्री हैं. उन्हें बजट पेश करना है. ऐसे में कुछ दिन बाद पूछताछ करने से क्या फर्क पड़ता है? अग्रवाल ने इस दौरान लोक सेवक की गिरफ्तारी से संबंधी कानून भी पढ़कर सुनाया. इसके बाद CBI ने चिदंबरम केस से जुड़े सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी को पढ़कर सुनाया, जिसमें जांच और पूछताछ को लेकर स्पष्टीकरण दिया गया है.
CM केजरीवाल ने बताया निर्दोषः आज सुबह CM अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि साक्ष्य के अभाव में सीबीआई के अधिकतर अधिकारी सिसोदिया को गिरफ्तार करने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन उनके राजनीतिक आकाओं की तरफ से उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दबाव दिया जा रहा था. उनका यह बयान तब आया है जब दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
वहीं, राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि अडानी के नौकरों से पूछता हूं, गौतम अडानी लाखों करोड़ों का घोटाला कर रहा है. उसके सामुद्रिक बंदरगाहों पर हजारों करोड़ के ड्रग्स पकड़े जाते हैं. कोई कार्रवाई नहीं? एलआईसी और एसबीआई में करोड़ों का पैसा डूब रहा है, कोई कार्रवाई नहीं? और लाखों बच्चों का भविष्य बनाने वाले मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया जाता है.
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CBI brings Delhi Deputy CM Manish Sisodia to Rouse Avenue Court. He was arrested yesterday by CBI in Excise Policy case pic.twitter.com/WpHLuQAgTf
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देशभर में प्रदर्शनः मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर देशभर के अलग-अलग जगहों पर आप कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. पुलिस ने अब तक करीब 70 नेताओं को हिरासत में लिया है. पार्टी दफ्तर में मौजूद कार्यकर्ता लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. आप कार्यकर्ता बीजेपी मुख्यालय के सामने भी प्रदर्शन करने पहुंचे. पुलिस का कहना है कि इलाके में धारा 144 लागू है और प्रदर्शन की इजाजत नहीं है. बेंगलुरु, भोपाल और चंडीगढ़ में भी आप कार्यकर्ताओं ने सीबीआई और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
क्या है शराब घोटाला का मामलाः दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 में जोर-शोर से नई एक्साइज पॉलिसी शुरू की थी. इस पॉलिसी की वजह से दिल्ली में शराब काफी सस्ती हो गई थी और रिटेलर्स इन शराब को डिस्काउंट पर बेचना शुरू कर दिया था. वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया कि शराब के ठेके बांटने में धांधली हुई. एक्साइज विभाग संभाल रहे मनीष सिसोदिया ने पैसे लेकर अपने चुनिंदा डीलर्स को फायदा पहुंचाया गया. जुलाई 2022 में उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी. रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच को एलजी ने मंजूरी दे दी. उसी केस की जांच करते हुए सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया.
हो सकती है 7 साल तक की सजा: प्निवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को अधिकतम 7 वर्ष तक की सजा हो सकती है. वहीं भारतीय दंड संहिता की धारा 477 के अंतर्गत साक्ष्यों को मिटाने या उन्हें जांच एजेंसी को भ्रमित करने का आरोप के तहत अधिकतम 5 वर्ष तक की सजा हो सकती हैं. वहीं आपराधिक षड्यंत्र रचने और उस में सहभागी होने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 120b के तहत अधिकतम 2 वर्ष तक की सजा दी जा सकती है.
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