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अमरनाथ यात्रा में स्टिकी बम के खतरे से निपटने को तैयार सीआरपीएफ

जून के अंत से शुरू होने वाली श्री अमरनाथ यात्रा के तैनात किए जा रहे सीआरपीएफ के अधिकारियों व जवानों को स्टिकी बम (मैगनेटिक आइईडी) के बारे में काफी बरीकी से बता दिया गया है. इसके मद्देनजर सुरक्षाबल के जवान घाटी में सजगता से अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं.

CRPF ready to tackle Amarnath Yatra
अमरनाथ यात्रा से निपटने को तैयार सीआरपीएफ
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Published : May 12, 2022, 8:13 PM IST

Updated : May 12, 2022, 10:32 PM IST

जम्मू : श्री अमरनाथ यात्रा के तैनात किए जा रहे सीआरपीएफ के अधिकारियों व जवानों को स्टिकी बम (मैगनेटिक आइईडी) से सतर्क रहने के साख ही उसके खतरे से निपटने के बारे में भी सिखाया जा रहा है. इस खतरे को निरंतर सजगता और सूझबूझ के जरिए ही टाला जा सकता है.

अमरनाथ यात्रा में स्टिकी बम के खतरे से निपटने को तैयार सीआरपीएफ

कोरोना महामारी की वजह से दो साल बाद इस साल जून के अंत से अमरनाथ यात्रा शुरू होगी. इस वजह से इस यात्रा में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या दोगुनी होने की संभावना है. इसी के मद्देनजर इस वर्ष तीर्थयात्रा की सफलता और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी प्रबंधों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बता दें कि श्री अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 30 जून को शुरू हो रही है जो 11 अगस्त 2022 तक चलेगी.

इस बारे में सीआरपीएफ की हीरानगर रेंज के डीआईजी देवेंद्र यादव ने कहा कि स्टिकी बम के खतरे से निपटने के लिए हमेशा सजग रहना जरूरी है. किसी भी वाहन या व्यक्ति की जांच में ढिलाई नहीं होनी चाहिए. संदेह होते ही उसे दूर किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमने अपने कार्याधिकार क्षेत्र में तैनात किए जा रहे सभी जवानों व अधिकारियों को इस खतरे से आगाह किया है. उन्हें इस खतरे को मिटाने के लिए आवश्यक ट्रेनिंग भी दे रहे है. स्टिकी बम का पता लगाने के लिए विशेष सेंसर व डिटेक्टर भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की सतर्कता ने पिछले एक साल के दौरान आतंकवादियों द्वारा स्टिकी बमों का उपयोग करके हमले करने के कई प्रयासों को विफल कर दिया है.

क्या होता है स्टिकी बम : इसे मैगनेटिक आइईडी भी कहा जाता है. स्टिकी बम को किसी भी वाहन के साथ चिपकाते हुए रिमोट के जरिए नियंत्रित कर इनमें धमाका किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें - अमरनाथ यात्रा 2022 की तैयारियां जोरों पर, लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

जम्मू : श्री अमरनाथ यात्रा के तैनात किए जा रहे सीआरपीएफ के अधिकारियों व जवानों को स्टिकी बम (मैगनेटिक आइईडी) से सतर्क रहने के साख ही उसके खतरे से निपटने के बारे में भी सिखाया जा रहा है. इस खतरे को निरंतर सजगता और सूझबूझ के जरिए ही टाला जा सकता है.

अमरनाथ यात्रा में स्टिकी बम के खतरे से निपटने को तैयार सीआरपीएफ

कोरोना महामारी की वजह से दो साल बाद इस साल जून के अंत से अमरनाथ यात्रा शुरू होगी. इस वजह से इस यात्रा में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या दोगुनी होने की संभावना है. इसी के मद्देनजर इस वर्ष तीर्थयात्रा की सफलता और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी प्रबंधों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बता दें कि श्री अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 30 जून को शुरू हो रही है जो 11 अगस्त 2022 तक चलेगी.

इस बारे में सीआरपीएफ की हीरानगर रेंज के डीआईजी देवेंद्र यादव ने कहा कि स्टिकी बम के खतरे से निपटने के लिए हमेशा सजग रहना जरूरी है. किसी भी वाहन या व्यक्ति की जांच में ढिलाई नहीं होनी चाहिए. संदेह होते ही उसे दूर किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमने अपने कार्याधिकार क्षेत्र में तैनात किए जा रहे सभी जवानों व अधिकारियों को इस खतरे से आगाह किया है. उन्हें इस खतरे को मिटाने के लिए आवश्यक ट्रेनिंग भी दे रहे है. स्टिकी बम का पता लगाने के लिए विशेष सेंसर व डिटेक्टर भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की सतर्कता ने पिछले एक साल के दौरान आतंकवादियों द्वारा स्टिकी बमों का उपयोग करके हमले करने के कई प्रयासों को विफल कर दिया है.

क्या होता है स्टिकी बम : इसे मैगनेटिक आइईडी भी कहा जाता है. स्टिकी बम को किसी भी वाहन के साथ चिपकाते हुए रिमोट के जरिए नियंत्रित कर इनमें धमाका किया जा सकता है.

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Last Updated : May 12, 2022, 10:32 PM IST
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