देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड के चमोली में करंट हादसे में हुई 16 लोगों की मौत के बाद उत्तराखंड सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का संचालन कर रही सुपरवाइजर ज्वाइंट वेंचर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसके अलावा एसटीपी के संचालन और रखरखाव करने वाले गोपेश्वर जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता हरदेव लाल को भी निलंबित कर दिया है, जबकि उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के प्रभारी अवर अभियंता कुंदन सिंह रावत पर भी निलंबन की कार्रवाई की गई है. सीएम धामी के निर्देश पर दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
गुरुवार को सीएम धामी के निर्देश पर जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक ने एसटीपी का संचालन और रखरखाव करने वाली कंपनी की जिम्मेदारी संभाल रहे गोपेश्वर जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता हरदेव लाल को भी निलंबित कर दिया है. इस संबंध में जारी आदेश में उत्तराखंड जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया कि पहली नजर में हरदेव लाल की ओर से विभागीय कार्यों और दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं करना पाया गया. ऐसे में लापरवाही बरते जाने के चलते हरदेव लाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
ये भी पढ़ेंः चमोली करंट हादसा: कांप उठी रूह जब एक साथ जलीं 15 चिताएं, मची चित्कार, अलकनंदा के तट पर बहा आंसूओं का सैलाब
बता दें कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के बाद राजस्व उपनिरीक्षक, चमोली की ओर से सुपरवाइजर ज्वाइंट वेंचर कंपनी और अन्य संबंधित के खिलाफ नमामि गंगे के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर विद्युत उपकरणों के संचालन में बड़ी लापरवाही बरते जाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज कर दी गई है. गौरतलब है कि हादसे में करंट लगने से 16 लोगों की मौत हुई है, जबकि 11 लोग जख्मी हुए हैं. वहीं, जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती चमोली हादसे के बाकी सभी पांचों घायलों को गुरुवार को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया है. ताकि घायलों को मानसिक दबाव से बचाने के साथ ही उच्च स्तरीय स्वास्थ्य जांच की जा सके.
ये भी पढ़ेंः Chamoli Inside Story: महज 4 मिनट में तड़प-तड़पकर हुई 16 लोगों की मौत, शरीर पर मिले खौफनाक निशान दे रहे गवाही