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Kainchi Dham: CM पुष्कर सिंह धामी का बड़ा ऐलान, सेनेटोरियम से रातीघाट तक बनेगा टू लेन बाईपास

कैंची धाम में इन दिनों हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं हर रोज पहुंच रहे हैं. जो राज्य के लिए बड़ी अच्छी बात है, लेकिन इन श्रद्धालुओं के आने से हर दिन नैनीताल से कैंची धाम तक लंबा जाम लगता है. ऐसे में यात्रियों की परेशानी को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सेनेटोरियम से रातीघाट तक टू लेन बाईपास बनाने की घोषणा की है.

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Published : Mar 21, 2023, 9:00 PM IST

देहरादून: विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली यानी कैंची धाम में इन दिनों हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं. हर दिन दर्शन के लिए कैंची धाम पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ देखकर लगता है. शायद ही किसी मंदिर में हर रोज श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ जुटती होगी. जिसकी वजह से रोजाना नैनीताल से लेकर कैंची धाम तक लंबा जाम लग रहा है. ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सेनेटोरियम से रातीघाट तक टू लेन बाईपास रोड बनाने की बड़ी घोषणा की है.

कैंची धाम को लेकर सीएम धामी का ऐलान: कैंची धाम में लगने वाले जाम और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया है. जिससे आने वाले दिनों में कैंची धाम के श्रद्धालुओं को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा. सरकार जल्द ही भवाली सेनेटोरियम से रातीघाट तक टू लेन बाईपास रोड तैयार करने जा रही है.

कैंची धाम में हर पहुंच रहे हजारों भक्त: नैनीताल स्थित कैंची धाम की महिमा सुनकर रोजाना हजारों लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. दर्शनार्थियों में न केवल उत्तराखंड, बल्कि देश-विदेश के लोग भी शामिल है. आलम यह है कि रोजाना नैनीताल से लेकर कैंची धाम के बीच में लंबा जाम लग रहा है. गाड़ियों की संख्या इतनी अधिक हो रही है कि मंदिर की पार्किंग वाहनों के लिए काफी छोटी पड़ रही है.

फोन पर सीएम धामी ने किया संबोधित: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा तब की है, जब वह खराब मौसम की वजह से नैनीताल में क्रिकेट टूर्नामेंट में नहीं पहुंच पाए. जिसके बाद उन्होंने देहरादून से ही फोन के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा रामगढ़ से नथुवाखान और अल्मोड़ा जाने वाली सड़क को लेकर कई दिनों से सरकार मंथन कर रही थी. अब सरकार इस निर्णय पर पहुंची है कि इस पूरे सड़क निर्माण को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

सीएम ने श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या पर जताई खुशी: सीएम धामी ने कहा अच्छी बात यह है कि उत्तराखंड के कैंची धाम में श्रद्धालुओं के आने की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा उन्हें हफ्ते दर हफ्ते हर जिले में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की जानकारी पूरे आंकड़े सहित मिलते हैं. उन्हें बेहद खुशी है कि कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. राज्य सरकार जैसे ही इस सड़क का निर्माण टू लेन बाईपास में तब्दील करके तेजी से करेगी, नैनीताल अल्मोड़ा के बीच के क्षेत्र को एक नई पहचान तो मिलेगी ही, साथ ही साथ कैंची धाम में भी इसका सबसे बड़ा असर देखने के लिए मिलेगा.
ये भी पढ़ें: Kainchi Dham Master Plan: मानसखंड प्रोजेक्ट से बदलेगी कैंची धाम की तस्वीर, 'कायाकल्प' के लिए तैयार हुआ मास्टर प्लान

मानस खंड मंदिर माला मिशन: बता दें कि राज्य सरकार इस योजना को भी मानस खंड मंदिर माला मिशन से जोड़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा हमने कैंची धाम में पार्किंग और सौंदर्यीकरण के लिए पहले ही पूरा रोडमैप तैयार कर लिया था, लेकिन सड़क का चौड़ीकरण संभव नहीं था. इसलिए एक नई टूलेन सड़क का निर्माण के लिए प्रशासन को कहा गया था. साथ ही जल्द से जल्द प्रशासन को रिपोर्ट देने को कहा गया था.

जल्द शुरू होगा सड़क निर्माण: मुख्यमंत्री ने कहा रिपोर्ट उनको मिल गई है. अगर केंद्र सरकार की सहायता इसमें मिलती है तो बहुत अच्छा रहेगा. नहीं तो राज्य सरकार इस निर्माण को जल्द ही शुरू करने जा रही है. इस सड़क के निर्माण से लगभग 17 गांव और उनमें पड़ने वाले छोटे-बड़े मंदिरों को भी एक नई पहचान मिलेगी. चारधाम के लिए भी इस मार्ग पर विचार हो रहा है.

चारधाम यात्रा के लिए नई सड़क पर विचार: इसके साथ ही राज्य सरकार चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को लिए एक नई सड़क तैयार करवाने का विचार कर रही है. हालांकि, यह विचार तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान परवान चढ़ा था. जिसमें दिल्ली और मुरादाबाद से आने वाले श्रद्धालुओं कोटद्वार से होते हुए पौड़ी-खिर्सू-धूमाकोट से सीधे श्रीनगर धारी देवी मंदिर के पास पहुंचेंगे. इस मार्ग से अगर चारधाम यात्रा की भीड़ आती है तो, यहां के क्षेत्र को खासकर बड़ा फायदा मिलेगा. इस पूरे क्षेत्र को एक नई पहचान भी मिलेगी.

रोड कनेक्टिविटी से होगा क्षेत्र का विकास: इस सड़क के आसपास प्राचीन और वर्षों से स्थापित कई बड़े और छोटे मंदिर हैं. जब चारधाम यात्रा पर श्रद्धालु आएंगे तो राज्य सरकार चाहेगी कि श्रद्धालु इन मंदिरों के भी दर्शन करें. लिहाजा इस वैकल्पिक चारधाम यात्रा मार्ग पर भी राज्य सरकार विचार कर रही है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि किसी भी क्षेत्र के विकास और उन्नति के लिए सबसे बड़ा काम रोड कनेक्टिविटी करती है. इसका जीता जागता उदाहरण है उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड का होना है. ऑल वेदर रोड के होने की वजह से आज श्रद्धालु बदरीनाथ यात्रा एक से डेढ़ दिन में पूरी कर लेते हैं.

वहीं, चारधाम यात्रा में अगर श्रद्धालु रुकते हुए भी धामों के दर्शन करें तो लगभग 8 दिनों में आराम से आरामदायक यात्रा सफलतापूर्वक हो जाती है. ऐसे में नई सड़कों का निर्माण कुमाऊं और गढ़वाल के इन क्षेत्रों को एक नई पहचान तो देगा ही. साथ ही साथ यहां रहने वाले लोगों को भी इसका बहुत फायदा मिलेगा.

देहरादून: विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली यानी कैंची धाम में इन दिनों हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं. हर दिन दर्शन के लिए कैंची धाम पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ देखकर लगता है. शायद ही किसी मंदिर में हर रोज श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ जुटती होगी. जिसकी वजह से रोजाना नैनीताल से लेकर कैंची धाम तक लंबा जाम लग रहा है. ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सेनेटोरियम से रातीघाट तक टू लेन बाईपास रोड बनाने की बड़ी घोषणा की है.

कैंची धाम को लेकर सीएम धामी का ऐलान: कैंची धाम में लगने वाले जाम और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया है. जिससे आने वाले दिनों में कैंची धाम के श्रद्धालुओं को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा. सरकार जल्द ही भवाली सेनेटोरियम से रातीघाट तक टू लेन बाईपास रोड तैयार करने जा रही है.

कैंची धाम में हर पहुंच रहे हजारों भक्त: नैनीताल स्थित कैंची धाम की महिमा सुनकर रोजाना हजारों लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. दर्शनार्थियों में न केवल उत्तराखंड, बल्कि देश-विदेश के लोग भी शामिल है. आलम यह है कि रोजाना नैनीताल से लेकर कैंची धाम के बीच में लंबा जाम लग रहा है. गाड़ियों की संख्या इतनी अधिक हो रही है कि मंदिर की पार्किंग वाहनों के लिए काफी छोटी पड़ रही है.

फोन पर सीएम धामी ने किया संबोधित: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा तब की है, जब वह खराब मौसम की वजह से नैनीताल में क्रिकेट टूर्नामेंट में नहीं पहुंच पाए. जिसके बाद उन्होंने देहरादून से ही फोन के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा रामगढ़ से नथुवाखान और अल्मोड़ा जाने वाली सड़क को लेकर कई दिनों से सरकार मंथन कर रही थी. अब सरकार इस निर्णय पर पहुंची है कि इस पूरे सड़क निर्माण को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.

सीएम ने श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या पर जताई खुशी: सीएम धामी ने कहा अच्छी बात यह है कि उत्तराखंड के कैंची धाम में श्रद्धालुओं के आने की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा उन्हें हफ्ते दर हफ्ते हर जिले में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की जानकारी पूरे आंकड़े सहित मिलते हैं. उन्हें बेहद खुशी है कि कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. राज्य सरकार जैसे ही इस सड़क का निर्माण टू लेन बाईपास में तब्दील करके तेजी से करेगी, नैनीताल अल्मोड़ा के बीच के क्षेत्र को एक नई पहचान तो मिलेगी ही, साथ ही साथ कैंची धाम में भी इसका सबसे बड़ा असर देखने के लिए मिलेगा.
ये भी पढ़ें: Kainchi Dham Master Plan: मानसखंड प्रोजेक्ट से बदलेगी कैंची धाम की तस्वीर, 'कायाकल्प' के लिए तैयार हुआ मास्टर प्लान

मानस खंड मंदिर माला मिशन: बता दें कि राज्य सरकार इस योजना को भी मानस खंड मंदिर माला मिशन से जोड़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा हमने कैंची धाम में पार्किंग और सौंदर्यीकरण के लिए पहले ही पूरा रोडमैप तैयार कर लिया था, लेकिन सड़क का चौड़ीकरण संभव नहीं था. इसलिए एक नई टूलेन सड़क का निर्माण के लिए प्रशासन को कहा गया था. साथ ही जल्द से जल्द प्रशासन को रिपोर्ट देने को कहा गया था.

जल्द शुरू होगा सड़क निर्माण: मुख्यमंत्री ने कहा रिपोर्ट उनको मिल गई है. अगर केंद्र सरकार की सहायता इसमें मिलती है तो बहुत अच्छा रहेगा. नहीं तो राज्य सरकार इस निर्माण को जल्द ही शुरू करने जा रही है. इस सड़क के निर्माण से लगभग 17 गांव और उनमें पड़ने वाले छोटे-बड़े मंदिरों को भी एक नई पहचान मिलेगी. चारधाम के लिए भी इस मार्ग पर विचार हो रहा है.

चारधाम यात्रा के लिए नई सड़क पर विचार: इसके साथ ही राज्य सरकार चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को लिए एक नई सड़क तैयार करवाने का विचार कर रही है. हालांकि, यह विचार तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान परवान चढ़ा था. जिसमें दिल्ली और मुरादाबाद से आने वाले श्रद्धालुओं कोटद्वार से होते हुए पौड़ी-खिर्सू-धूमाकोट से सीधे श्रीनगर धारी देवी मंदिर के पास पहुंचेंगे. इस मार्ग से अगर चारधाम यात्रा की भीड़ आती है तो, यहां के क्षेत्र को खासकर बड़ा फायदा मिलेगा. इस पूरे क्षेत्र को एक नई पहचान भी मिलेगी.

रोड कनेक्टिविटी से होगा क्षेत्र का विकास: इस सड़क के आसपास प्राचीन और वर्षों से स्थापित कई बड़े और छोटे मंदिर हैं. जब चारधाम यात्रा पर श्रद्धालु आएंगे तो राज्य सरकार चाहेगी कि श्रद्धालु इन मंदिरों के भी दर्शन करें. लिहाजा इस वैकल्पिक चारधाम यात्रा मार्ग पर भी राज्य सरकार विचार कर रही है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि किसी भी क्षेत्र के विकास और उन्नति के लिए सबसे बड़ा काम रोड कनेक्टिविटी करती है. इसका जीता जागता उदाहरण है उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड का होना है. ऑल वेदर रोड के होने की वजह से आज श्रद्धालु बदरीनाथ यात्रा एक से डेढ़ दिन में पूरी कर लेते हैं.

वहीं, चारधाम यात्रा में अगर श्रद्धालु रुकते हुए भी धामों के दर्शन करें तो लगभग 8 दिनों में आराम से आरामदायक यात्रा सफलतापूर्वक हो जाती है. ऐसे में नई सड़कों का निर्माण कुमाऊं और गढ़वाल के इन क्षेत्रों को एक नई पहचान तो देगा ही. साथ ही साथ यहां रहने वाले लोगों को भी इसका बहुत फायदा मिलेगा.

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