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कौन हैं वो शातिर जिन्होंने बदरीनाथ केदारनाथ में क्यूआर कोड से की ठगी?, मंदिर समिति की नाक के नीचे श्रद्धालुओं को लगाया चूना - क्यूआर कोड से ठगी

हमारे देश में ठग इतने शातिर हैं कि वो भगवान के भक्तों को चूना लगाने में भी पीछे नहीं रहते हैं. केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में भी ऐसा ही हुआ है. यहां किसी ने डिजिटल पेमेंट के लिए क्यूआर कोड लगा दिए. श्रद्धालुओं ने मंदिर समिति के क्यूआर कोड समझकर दान भी कर दिया. अब पता चला कि ये क्यूआर कोड तो बदरी केदार मंदिर समिति ने लगाए ही नहीं थे.

Badrinath Kedarnath Dham
केदारनाथ क्यूआर कोड ठगी
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Published : May 1, 2023, 12:42 PM IST

Updated : May 1, 2023, 3:08 PM IST

बदरीनाथ केदारनाथ में क्यूआर कोड से की ठगी?

रुद्रप्रयाग: इन दिनों केदारनाथ बदरीनाथ मंदिर समिति की कार्यप्रणाली पर भक्त और स्थानीय लोग सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं. केदारनाथ मंदिर के मुख्य प्रांगण सहित आस-पास डिजिटल पेमेंट का क्यूआर कोड लगा होने से तमाम तरह की बातें की जा रही हैं. हालांकि मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि यह क्यूआर कोड मंदिर समिति की ओर से नहीं लगाये गये थे. यह कपाट खुलने के दिन लगाये गये थे और इसमें जांच करने के आदेश दिये गये हैं. वहीं तीर्थ पुरोहित समाज ने भी क्यूआर कोड लगाये जाने पर सवाल खड़े किये हैं.

बदरीनाथ और केदानाथ में लगे थे क्यूआर कोड: दरअसल, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल तो बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले हैं. कपाट खुलने के दिन दोनों धामों में डिजिटल पेंमेंट के क्यूआर कोड के हर्डिंग लगे रहे. कई भक्त बदरी-केदार मंदिर समिति के क्यूआर कोड समझकर दान भी करते रहे. लेकिन झटका तब लगा, जब मंदिर समिति ने यह कह दिया कि यह क्यूआर कोड मंदिर समिति ने नहीं लगवाये हैं. तब तक अनेक श्रद्धालु डिजिटल पेमेंट कर चुके थे. हालांकि ये पता नहीं चल सका है कि कितने श्रद्धालुओं ने कितनी रकम क्यूआर कोड से दान की.

मंदिर समिति ने नहीं लगाए थे क्यूआर कोड: दो दिन तक यह क्यूआर कोड मंदिरों में लगे रहे. चौंकाने वाला सवाल ये है कि मंदिर समिति को इस बारे में क्यों नहीं पता चला. जबकि मंदिर समिति के लोग दोनों धामों में बड़ी संख्या में मौजूद हैं और मंदिर समिति की तमाम गतिविधियों का संचालन वहीं से करते हैं. खैर अब जिसने भी यह क्यूआर कोड लगाये थे, वह दान के नाम पर कई पैसे ले गया और भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर गया. जानकारी के मुताबिक कई भक्त इस क्यूआर कोड पर डिजिटल पेमेंट भी कर चुके हैं.

बदरी केदार मंदिर समिति की लापरवाही से श्रद्धालुओं को लगा चूना: चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि बदरी-केदार मंदिर समिति के अधीन केदारनाथ मंदिर है. इसके बावजूद मंदिर समिति को मालूम नहीं है कि केदारनाथ मंदिर के आगे क्यू आर कोड किसने लगाया है. उन्होंने कहा कि मंदिर समिति में कई तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसको लेकर मंदिर समिति को सचेत रहने की जरूरत है.
ये भी पढ़ें: बदरी-केदार में डिजिटल दान की खबरों का BKTC ने किया खंडन, दर्ज करवाई शिकायत

अजेंद्र अजय ने दी ये सफाई: वहीं बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि दोनों धामों में जो क्यूआर कोर्ड लगाये गये थे, वह मंदिर समिति ने नहीं लगाये थे और न यह मंदिर समिति के थे. कपाट खुलने के दिन यह दोनों धामों में लगे दिखे थे. मंदिर समिति के अधिकारी-कर्मचारियों ने इन क्यूआर कोड के होर्डिंग को उतार दिया है. इसमें जांच करने के आदेश के साथ ही पुलिस को भी तहरीर दी गई है.

बदरीनाथ केदारनाथ में क्यूआर कोड से की ठगी?

रुद्रप्रयाग: इन दिनों केदारनाथ बदरीनाथ मंदिर समिति की कार्यप्रणाली पर भक्त और स्थानीय लोग सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं. केदारनाथ मंदिर के मुख्य प्रांगण सहित आस-पास डिजिटल पेमेंट का क्यूआर कोड लगा होने से तमाम तरह की बातें की जा रही हैं. हालांकि मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि यह क्यूआर कोड मंदिर समिति की ओर से नहीं लगाये गये थे. यह कपाट खुलने के दिन लगाये गये थे और इसमें जांच करने के आदेश दिये गये हैं. वहीं तीर्थ पुरोहित समाज ने भी क्यूआर कोड लगाये जाने पर सवाल खड़े किये हैं.

बदरीनाथ और केदानाथ में लगे थे क्यूआर कोड: दरअसल, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल तो बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले हैं. कपाट खुलने के दिन दोनों धामों में डिजिटल पेंमेंट के क्यूआर कोड के हर्डिंग लगे रहे. कई भक्त बदरी-केदार मंदिर समिति के क्यूआर कोड समझकर दान भी करते रहे. लेकिन झटका तब लगा, जब मंदिर समिति ने यह कह दिया कि यह क्यूआर कोड मंदिर समिति ने नहीं लगवाये हैं. तब तक अनेक श्रद्धालु डिजिटल पेमेंट कर चुके थे. हालांकि ये पता नहीं चल सका है कि कितने श्रद्धालुओं ने कितनी रकम क्यूआर कोड से दान की.

मंदिर समिति ने नहीं लगाए थे क्यूआर कोड: दो दिन तक यह क्यूआर कोड मंदिरों में लगे रहे. चौंकाने वाला सवाल ये है कि मंदिर समिति को इस बारे में क्यों नहीं पता चला. जबकि मंदिर समिति के लोग दोनों धामों में बड़ी संख्या में मौजूद हैं और मंदिर समिति की तमाम गतिविधियों का संचालन वहीं से करते हैं. खैर अब जिसने भी यह क्यूआर कोड लगाये थे, वह दान के नाम पर कई पैसे ले गया और भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर गया. जानकारी के मुताबिक कई भक्त इस क्यूआर कोड पर डिजिटल पेमेंट भी कर चुके हैं.

बदरी केदार मंदिर समिति की लापरवाही से श्रद्धालुओं को लगा चूना: चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि बदरी-केदार मंदिर समिति के अधीन केदारनाथ मंदिर है. इसके बावजूद मंदिर समिति को मालूम नहीं है कि केदारनाथ मंदिर के आगे क्यू आर कोड किसने लगाया है. उन्होंने कहा कि मंदिर समिति में कई तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसको लेकर मंदिर समिति को सचेत रहने की जरूरत है.
ये भी पढ़ें: बदरी-केदार में डिजिटल दान की खबरों का BKTC ने किया खंडन, दर्ज करवाई शिकायत

अजेंद्र अजय ने दी ये सफाई: वहीं बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि दोनों धामों में जो क्यूआर कोर्ड लगाये गये थे, वह मंदिर समिति ने नहीं लगाये थे और न यह मंदिर समिति के थे. कपाट खुलने के दिन यह दोनों धामों में लगे दिखे थे. मंदिर समिति के अधिकारी-कर्मचारियों ने इन क्यूआर कोड के होर्डिंग को उतार दिया है. इसमें जांच करने के आदेश के साथ ही पुलिस को भी तहरीर दी गई है.

Last Updated : May 1, 2023, 3:08 PM IST
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