देहरादून (उत्तराखंड): राजधानी देहरादून हो, हरिद्वार हो, उधम सिंह नगर, मसूरी हो या भारत चीन सीमा पर स्थित जिले चमोली और उत्तरकाशी हों. अखबारों के पन्ने, न्यूज़ चैनल की हेडलाइन अगर किन्हीं खबरों से पटी हुई हैं, तो वह है लव जिहाद और एक विशेष "समुदाय" जैसे इन शब्दों से. मंत्री हो, विधायक हो, विपक्ष हो, पक्ष हो अगर कोई किसी मुद्दे पर बात कर रहा है तो वह है लव जिहाद. आखिरकार उत्तराखंड जैसे धार्मिक राज्य को हो क्या गया है? जानकार तो मान रहे हैं कि एक के बाद एक बाहर आती सूचनाओं की वजह से यह हालात उत्पन्न हो रहे हैं.
उत्तरकाशी के पुरोला में क्या हुआ: उत्तराखंड में लव जिहाद का मामला पहले इक्का-दुक्का, महीने 2 महीने या 4 महीने में आया करते थे. लेकिन जिस दिन से राज्य सरकार ने अवैध मजारों के खिलाफ हमला बोला है, मानो पूरा सिस्टम और पूरा का पूरा राजनीतिक तंत्र अब लव जिहाद की भी माला जपने लगा है. आलम यह है कि लगातार ऐसे लोग पकड़े जा रहे हैं जो पहाड़ में कुछ समय काम करते हैं और उसके बाद वहां की लड़कियों को अपने साथ गांव से कहीं दूर ले जाते हैं.
हालांकि अमूमन मामलों में स्थानीय लोगों की सतर्कता या पुलिस की चौकसी के चलते वह लोग पहले ही पकड़े गए हैं. लेकिन एक के बाद एक घटनाओं ने उत्तरकाशी के पुरोला और चमोली के कुछ क्षेत्रों में बवाल जरूर करवाया हुआ है. पुलिस इन दोनों ही जिलों में बेहद सतर्कता बरत रही है. एक के बाद एक हो रही घटनाओं के बाद पुलिस को भी यह डर है कि कहीं यह विरोध आंदोलन दूसरी जगहों पर ना पहुंच जाए.
ये भी पढ़ें: पुरोला में हिंदू लड़की भगाने का मामला, भड़वाड़ी में व्यापारियों ने निकाली विशाल रैली
दुकानें बंद, लोगों से अपील: सबसे अधिक अगर बवाल कहीं हो रहा है तो वह है उत्तरकाशी के पुरोला गांव के कुछ हिस्सों में. यहां पर एक उबेद खान नाम का व्यक्ति अपने साथी जितेंद्र सैनी के साथ एक नाबालिक लड़की को अपने साथ भगा ले जा रहा था. तभी कुछ स्थानीय लोगों को उन पर शक हुआ और उन्हें रोक लिया गया. बाद में दोनों से पूछताछ की गई और नाम पूछे गए तो यह मामला खुला की लड़की को विकासनगर लेकर जाने वाले थे.
दुकानों पर लगाए पोस्टर: जैसे ही इस घटना की खबर उत्तरकाशी के पुरोला चिन्यालीसौड़ ओर डूंडा के क्षेत्र में पहुंची, वैसे ही वहां के व्यापारियों और हिंदू संगठनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. आलम यह हुआ कि दिन निकलते ही सैकड़ों लोगों की तादाद में लोग विरोध के लिए इकट्ठा हो गए. लोगों ने विशेष समुदाय के संस्थानों के बाहर पोस्टर लगा दिए और उन्हें जल्द से जल्द यहां से जाने के लिए कहा गया. हालांकि पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए कुछ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की. बावजूद इसके विशेष समुदाय के लोगों ने 7 जून को कुछ दुकानें खाली करनी शुरू भी कर दीं.
पुलिस की कड़ी मौजूदगी में इस बाजार में कुछ दुकानदारों ने यहां से जाना उचित समझा. एसपी रघुवंशी कह रही हैं कि किसी भी तरह का सौहार्द खराब होने नहीं दिया जाएगा. हमने यहां पर पुलिस बल को भी तैनात किया हुआ है. रही बात सत्यापन की तो पुलिस लगातार सत्यापन करती है. अभी सत्यापन में दोबारा से तेजी लाई जाएगी. आपको बता दें फिलहाल इस क्षेत्र में पीएसी तैनात है.
उत्तरकाशी में एक और मामला: उत्तरकाशी के पुरोला में मुस्लिम युवक व उसके साथी द्वारा नाबालिग लड़की को भगाने के प्रयास का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि ऐसी ही एक और घटना सामने आ गई. अब उत्तरकाशी जिले के आराकोट में सेब के बगीचों में काम करने वाली नेपाली मूल की महिला ने पुलिस को तहरीर दी है. महिला ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले मुस्लिम युवक नवाब खान पर उनकी बेटियों को भगाने का प्रयास करने का आरोप जड़ा है. महिला का आरोप है कि नवाब खान और उनकी नाबालिग बेटियों की दोस्ती पबजी खेलने के समय हुई.
पबजी खेलते-खेलते नाबालिग लड़कियों को जाल में फंसाया: नेपाल मूल की महिला ने आराकोट पुलिस चौकी में तहरीर सौंपी है. तहरीर में बताया गया है कि मुजफ्फरनगर निवासी नवाब खान, महिला की दो बेटियों से गुड्डू बनकर फोन पर अश्लील बातें करता था. ये लोग दो साल से पबजी और दूसरे ऑनलाइन गेम खेल रहे थे. गेम खेलने के दौरान ही उनकी जान-पहचान हुई. नवाब खान खुद को हिंदू बताकर महिला की नाबालिग बेटियों से बात करता था. नवाब खान का दुस्साहस इतना बढ़ गया था कि गुरुवार को नेपाली महिला के निवास स्थल आराकोट पहुंच गया. नवाब खान महिला की नाबालिग बेटियों को अपने साथ ले जाने की फिराक में था. वो अपने मकसद में कामयाब भी हो जाता, लेकिन इसी बीच स्थानीय लोगों ने तीनों को पकड़ लिया.
ये भी पढ़ें: नवाब बना गुड्डू, PUBG से नाबालिग बहनों को फंसाया, फिर अश्लील चैट वायरल करने की दी धमकी, भगाने की कोशिश में पकड़ा गया
गौचर में भी सामने आया मामला: अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि पहाड़ में ही एक और मामले ने जन्म ले लिया. भगवान बदरी विशाल की नगरी वाले चमोली जिले के गौचर में सोमवार को ऐसी ही एक घटना घटी जो उत्तरकाशी से मिलती जुलती थी. यहां पर कर्णप्रयाग गौचर के पास एक नाबालिग लड़की का एक युवक के साथ गौचर आना हुआ. बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति भी गौचर में एक होटल किराए पर लेना चाह रहा था.
शक होने पर होटल मालिक ने पुलिस बुलाई: होटल मालिक को उन पर शक हो गया. उसने पास की पुलिस चौकी पर फोन करके पुलिसकर्मियों को बुला लिया. पूछताछ में यह बात निकल कर सामने आई कि नाबालिग लड़की रुद्रप्रयाग के पास की ही रहने वाली थी. असलम नाम का युवक मेरठ का रहने वाला था. उसके साथ एक और साथी था जिसका नाम मलिक उर्फ नितिन था. बाद में पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. नाबालिग लड़की को उसके घर भेज दिया गया.
हरिद्वार में हुई पुनरावृत्ति: 2 दिन से गोचर और आसपास के क्षेत्रों में भी इसी तरह के हालात बने हुए हैं. हालांकि पुलिस की सख्ती के बाद सड़कों पर तो कोई नहीं आया लेकिन पुलिस अधिकारी को यह जानकारी मिल रही है कि इस तरह के हालात जिलों और राज्यों के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. इसी महीने महीने में ही इसी तरह की घटना धर्मनगरी हरिद्वार में भी हुई. यहां पर भी दिल्ली का युवक नाम बदलकर रह रहा था.
इस युवक ने ज्वालापुर क्षेत्र की एक युवती के साथ पहले दोस्ती की. फिर उसके साथ दुष्कर्म किया. बताया जा रहा है कि जब युवती प्रेग्नेंट हो गई तो उसको अबॉर्शन के लिए दबाव देने लगा. जबरदस्ती करने लगा, लेकिन युवती ने यह पूरा माजरा अपने भाई को बता दिया. भाई ने जब जानकारी हासिल की तो सभी के होश फाख्ता हो गए. समीर नाम का युवक दिल्ली का रहने वाला था. वो कई बार बहला-फुसलाकर युवती के साथ दुष्कर्म कर चुका था. भाई की तहरीर पर ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया है. युवक को गिरफ्तार भी कर लिया है. उत्तराखंड में लगातार घट रही इन घटनाओं से राज्य की अन्य उपलब्धियां योजनाएं और अच्छे काम फिलहाल कहीं खो से गए हैं और इन घटनाओं की चर्चा ज्यादा हो रही है.
देहरादून के जोहड़ी गांव में खंभे से बांधा: देहरादून के जोहड़ी गांव से गुरुवार को ही ऐसा मामला सामने आया है. यहां शौकीन नाम के एक मुस्लिम युवक ने एक लड़की से छेड़छाड़ कर दी. जिससे गुस्साए लोगों ने युवक को पकड़ कर खंभे से बांधा. नाराज लोगों ने फोन करके पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने भी तत्काल कार्रवाई की. आरोपी शौकीन को को पॉक्सो एक्ट की धाराओं में पाबंद करके जेल भेज दिया.
शौकीन जिस लड़की से छेड़छाड़ और बदतमीजी कर रहा था वो बिहार की रहने वाली बताई जा रही है. ये लड़की अपने रिश्तेदारों से मिलने जोहड़ी गांव में हुई आई थी. आरोप है कि जब वो कुछ साथी लड़कियों के साथ बाजार जा रही थी तो इसी दौरान शौकीन ने अश्लील कमेंट किए. शौकीन पर छेड़छाड़ करने का आरोप भी है. मना करने के बाद भी जब शौकीन बाज नहीं आया तो लड़कियों ने शोर मचाया और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे. नाराज लोगों ने शौकीन को पकड़ कर खंभे से बांधा और पुलिस बुला ली.
ये भी पढ़ें: देहरादून में मुस्लिम लड़के ने नाबालिग लड़की को छेड़ा, लोगों ने खंभे से बांधा फिर किया पुलिस के हवाले
डोईवाला से भी आई थी एक ऐसी ही कहानी: हाल ही के कुछ दिनों में या यह कहें कि अप्रैल महीने में भी राजधानी देहरादून और हरिद्वार के बीच डोईवाला में एक ऐसा ही मामला सामने आया था. यहां पर धर्मांतरण को लेकर खूब हल्ला हुआ. यहां पर अपने बच्चों के साथ रहने वाली महिला कबाड़ बेचने का काम करती थी. जब वह प्रेग्नेंट थी तब उसके पति की कैंसर से मौत हो गई. उसी वक्त गांव वालों और कुछ लोगों ने उसका सहारा बनकर उसकी सहायता की. इसी बीच नईम नाम का एक व्यक्ति उसकी देखरेख करने लगा. हिंदू संगठनों ने धर्म परिवर्तन के आरोप लगाए. खूब हल्ला भी हुआ, लेकिन सुशीला से नूरजहां बनी महिला अपने बच्चों के साथ बेहद खुश थी. उसने पुलिस में भी सभी बातें बता कर परिवार के साथ रहना उचित समझा. सुशीला उर्फ नूरजहां बच्चों के साथ रह रही है. उसका कहना है कि वह खुश है. जिसने कठिन परिस्थितियों में उनका साथ दिया वो भगवान की तरह है.
कुमाऊं में लगाए "सर तन से जुदा" के नारे: बात सिर्फ गढ़वाल मंडल तक ही सीमित नहीं है. कुमाऊं के इलाकों में भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि उधम सिंह नगर के काशीपुर से जो मामला सामने आया वह थोड़ा इससे अलग था. बीते चुनाव में गगन कांबोज नाम का एक व्यक्ति बसपा से चुनाव लड़ा था. इसी 31 मई 2023 को कुछ लोगों ने पोस्ट डाल कर धमकाया जिसमें जिहादी शब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा गया था कि सर तन से जुदा. जैसे ही यह पोस्ट सामने आई, वैसे ही गगन कांबोज ने इसकी शिकायत संबंधित थाने को दी. थाने ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत मुकदमा दर्ज कर लिया. गगन को अंदेशा है कि उनके और उनके भाई के खिलाफ कुछ लोग इस तरह की नारेबाजी कर रहे हैं.
एसपी ने क्या कहा: एसपी अभय सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले ही अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर गगन कांबोज द्वारा एक पोस्ट डाली गई थी. इससे नाराज होकर एक समुदाय विशेष ने उनके खिलाफ इस तरह के पोस्ट और आपत्तिजनक सामग्री सोशल मीडिया पर डाली है. इस मामले में सौहार्द ना बिगड़े और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो, इसके लिए 153a 504 506 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस की साइबर सेल को निर्देशित किया गया है कि वह इस पूरे मामले की जांच करे. अभय सिंह कहते हैं कि किसी भी हालत में शांति और आपसी सद्भाव को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा.
इसलिए कोर्ट में टिक नहीं पाते ऐसे मामले: ऐसे मामलों में अमूमन होता क्या है, इस बारे में हमने वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया से जानना चाहा. अरुण भदौरिया कहते हैं कि अधिकतर मामलों में यह होता है कि कोई लड़की किसी विशेष समुदाय के लड़के के साथ अगर पकड़ी जाती है, तो परिवार का व्यक्ति शायद चुप रहे या उसे पता भी ना हो. लेकिन बाहर उसका बहुत हल्ला हो जाता है. ऐसे में हिंदू संगठन और दूसरे लोग आकर पुलिस में तहरीर देते हैं.
मामले की गंभीरता और माहौल को देखकर पुलिस शिकायत दर्ज कर लेती है. जांच करके आरोपी को जेल भी भेज देती है. लेकिन इसके बाद जो होता है वह शायद किसी को ना पता हो. दरअसल होता यह है कि किसी भी मामले में कोई अन्य तीसरा व्यक्ति मुकदमा दर्ज करवा तो सकता है, लेकिन कोर्ट में वह ज्यादा देर तक या ज्यादा दिनों तक चलता नहीं है. या तो कुछ मामले खारिज हो जाते हैं. या फिर पुलिसिया कार्रवाई धरासाई हो जाती है. कई मामलों में कंप्रोमाइज भी होता है. इसीलिए ऐसे मामलों में शिकायत परिवार या पीड़ित को खुद ही करनी होती है. लेकिन अमूमन मामलों में हम देखते हैं कि संगठन ही आगे आकर बढ़-चढ़कर मुकदमा दर्ज करवाते हैं.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के पुरोला में हिंदू लड़की भगाने के मामले में बढ़ा तनाव, हालात पर काबू के लिए PAC तैनात
सीएम बोले राज्य में गड़बड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी: आपको बता दें कि उत्तराखंड में अब तक धर्मांतरण के लगभग 13 मुकदमे दर्ज हो गए हैं. सबसे अधिक मुकदमे देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में दर्ज किए गए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कह रहे हैं कि जो भी कुछ उनकी पुलिस को दिख रहा है और जो भी कुछ हो रहा है सब को बड़ी बारीकी से देखा जा रहा है. जो भी गलत होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई से कोई पीछे नहीं हटेगा. ना ही सरकार और ना ही पुलिस. हम उत्तराखंड को किसी भी आग में नहीं डाल सकते हैं. इसलिए सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.