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बिकरु कांडः विकास के साथियों ने फर्जी दस्तावेजों से हासिल किए थे हथियारों के लाइसेंस

कानपुर के बहुचर्चित बिकरु कांड में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि कुख्यात आरोपी विकास दुबे के नौ साथियों ने फर्जी आईडी पर हथियारों के लाइसेंस प्राप्त किए थे.

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Published : Nov 20, 2020, 8:33 AM IST

Updated : Nov 20, 2020, 11:51 AM IST

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कानपुर: बिकरु कांड की जांच कर रही एसआईटी की तीन सदस्यीय टीम ने बड़ा खुलासा किया है. टीम ने बिकरु कांड में लिप्त आरोपियों के असलहा और मोबाइल नंबर की जांच की. जांच के दौरान एसआईटी टीम ने पाया कि बिकरु कांड में मृतक कुख्यात अपराधी विकास दुबे के नौ साथियों ने फर्जी आईडी पर हथियारों के लाइसेंस प्राप्त किए थे.

एसआईटी टीम ने कार्रवाई के लिए भेजी पुलिसकर्मियों की सूची
बिकरु कांड को लेकर एसआईटी ने कार्रवाई के लिए प्रशासनिक अधिकारियों व राजस्व कर्मियों के बाद अब पुलिसकर्मियों की सूची जिला व पुलिस प्रशासन के पास भेजी गई है. इसमें सिपाही से इंस्पेक्टर तक शामिल हैं. एसआईटी टीम ने 14 को पुलिसकर्मियों के खिलाफ दंड की संस्तुति की गई है. जबकि 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ पहले एडीजी जोन कानपुर और लखनऊ जांच कराएंगे. इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.

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कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों की फाइल फोटो.
ये हैं कार्रवाई के तीन चरण -पहले चरण में जांच के दौरान दोषी पाए गए पूर्व एसएसपी अनंतदेव निलंबित किए गए. दूसरे चरण में 19 प्रशासनिक अफसरों व आठ राजस्व कर्मियों के खिलाफ शासन ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की. अब तृतीय चरण में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के 37 पुलिसकर्मियों की लिस्ट आई है. इसमें आठ को कठोर दंड तो छह को लघु दंड की संस्तुति की गई है.जबकि 23 पुलिसकर्मियों पर जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी.

जानें पूरा मामला
बिकरु गांव में पुलिस टीम एक मामले में 2 जुलाई को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी. पुलिस द्वारा दबिश देने की सूचना विकास दुबे को पहले ही मिल गई थी. इसके बाद बिकरु गांव में दो जुलाई की रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिसकर्मियों को गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं एसटीएफ ने विकास दुबे को 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था. शासन ने 11 जुलाई को एसआइटी गठित कर जांच सौंपी थी.

कानपुर: बिकरु कांड की जांच कर रही एसआईटी की तीन सदस्यीय टीम ने बड़ा खुलासा किया है. टीम ने बिकरु कांड में लिप्त आरोपियों के असलहा और मोबाइल नंबर की जांच की. जांच के दौरान एसआईटी टीम ने पाया कि बिकरु कांड में मृतक कुख्यात अपराधी विकास दुबे के नौ साथियों ने फर्जी आईडी पर हथियारों के लाइसेंस प्राप्त किए थे.

एसआईटी टीम ने कार्रवाई के लिए भेजी पुलिसकर्मियों की सूची
बिकरु कांड को लेकर एसआईटी ने कार्रवाई के लिए प्रशासनिक अधिकारियों व राजस्व कर्मियों के बाद अब पुलिसकर्मियों की सूची जिला व पुलिस प्रशासन के पास भेजी गई है. इसमें सिपाही से इंस्पेक्टर तक शामिल हैं. एसआईटी टीम ने 14 को पुलिसकर्मियों के खिलाफ दंड की संस्तुति की गई है. जबकि 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ पहले एडीजी जोन कानपुर और लखनऊ जांच कराएंगे. इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.

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कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों की फाइल फोटो.
ये हैं कार्रवाई के तीन चरण -पहले चरण में जांच के दौरान दोषी पाए गए पूर्व एसएसपी अनंतदेव निलंबित किए गए. दूसरे चरण में 19 प्रशासनिक अफसरों व आठ राजस्व कर्मियों के खिलाफ शासन ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की. अब तृतीय चरण में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के 37 पुलिसकर्मियों की लिस्ट आई है. इसमें आठ को कठोर दंड तो छह को लघु दंड की संस्तुति की गई है.जबकि 23 पुलिसकर्मियों पर जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी.

जानें पूरा मामला
बिकरु गांव में पुलिस टीम एक मामले में 2 जुलाई को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी. पुलिस द्वारा दबिश देने की सूचना विकास दुबे को पहले ही मिल गई थी. इसके बाद बिकरु गांव में दो जुलाई की रात कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिसकर्मियों को गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं एसटीएफ ने विकास दुबे को 10 जुलाई को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था. शासन ने 11 जुलाई को एसआइटी गठित कर जांच सौंपी थी.

Last Updated : Nov 20, 2020, 11:51 AM IST
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