नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में लॉकडाउन के मद्देनजर पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो रही है.
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन होने के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय ने अहम फैसला लिया.
वीडियो स्क्रीन लगाई गई
इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के कोर्ट रूम में सुनवाई के लिए एक वीडियो स्क्रीन लगाई गई. सीजेआईअरविंद बोबडे ने कहा कि वकील अब अपने ऑफिस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बहस कर सकेंगे.
सारे वकीलों को मंगलवार शाम पांच बजे तक सारी फाइलें ऑफिस से निकालने के लिए कहा गया है.
चीफ जस्टिस ने कहा है कि जल्द ही सारे वीडियो लिंक के बारे में बताया जाएगा. इस पर एक अहम बैठक भी होगी. कल (मंगलवार) शाम पांच बजे के बाद कोई भी चैंबर खुला नहीं रहेगा.
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई होगी. न्यायालय ने कहा है कि वकीलों को दिए जाने वाले सभी प्रॉक्सिमिटी कार्ड रद्द किए जाएंगे, जिससे उन्हें शीर्ष अदालत आने से रोका जा सके.
रविवार देर शाम को जारी एक परिपत्र में उच्चतम न्यायालय ने अदालत संख्या दो, आठ और 14 के सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई रद कर दी और कहा कि बुधवार से दो न्यायाधीशों की एक पीठ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई करेगी.
वेबसाइट पर साझा की थी जानकारी
उच्चतम न्यायालय ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी कि प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की पीठ तीन मामलों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करेगी, जिसमें वकीलों से आग्रह किया गया है कि वे दूसरे कक्ष से अदालत को संबोधित करें, जबकि न्यायाधीश एक अलग कक्ष में बैठे होंगे.
वकीलों के संगठन सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीओएआरए) ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए और 31 मार्च तक दिल्ली के पूरी तरह लॉकडाउन रहने के कारण यह संकल्प लिया गया कि सदस्य चार अप्रैल तक अदालत में उपस्थित नहीं होंगे.