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सरकार ने व्हाट्सएप से मांगी रिपोर्ट, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की आशंका

व्हाट्सएप ने कहा है कि इजराइली स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिये जासूसी कर रही है और इसका शिकार कुछ भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हुए हैं. इस सिलसिले में केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप से रिपोर्ट मांगी है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
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Published : Oct 31, 2019, 6:34 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 6:48 PM IST

नई दिल्ली : फेसबुक के स्वामित्व वाली कम्पनी व्हाट्सएप ने कहा है कि इजराइली स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं.

इस बीच, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने इजराइली स्पाईवेयर (जासूसी साफ्टवेयर) के मुद्दे पर व्हाट्सएप से जवाब मांगा है. व्हाट्सएप से अपना जवाब चार नवम्बर तक देने को कहा गया है.

व्हाट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है. यह इजराइली कम्पनी है, जो निगरानी करने का काम करती है. समझा जाता है कि इसी कम्पनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये कुछ इकाइयों के जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किये हैं.

इन इकाइयों का नाम नहीं बताया गया है, लेकिन कहा गया है कि जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं, वे चार महाद्वीपों में फैले हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं.

हालांकि, व्हाट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किये गये हैं.

व्हाट्सएप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया या वे कौन लोग हैं. कम्पनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला, जिसमें उसकी वीडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिये प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया.

व्हाट्सएप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हाट्सएप संदेश के जरिये इसकी जानकारी दी है. कम्पनी को लगता है कि ये व्यक्ति इस मालवेयर से प्रभावित हुए हैं.

हालांकि कम्पनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बतायी है, लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा, 'इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय प्रयोगकर्ता भी शामिल हैं.'

वैश्विक स्तर पर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या डेढ़ अरब है. भारत में करीब 40 करोड़ लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं.

व्हाट्सएप ने मंगलवार को कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में इजराइल की साइबर इंटेलिजेंस कम्पनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है.

हालांकि, एनएसओ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह लाइसेंसधारी सरकारी खुफिया और विधि प्रवर्तन एजेंसियों को प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराती है, जिससे ये एजेंसियां आतंकवाद और गंभीर अपराध से संबंधित मामलों में लड़ सकें. हमारी प्रौद्योगिकी का डिजाइन या लाइसेंस मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए नहीं है.

इस बीच, आईटी मंत्रालय ने इस मुद्दे पर व्हाट्सएप से सोमवार चार नवम्बर तक जवाब देने को कहा है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने इस बारे में व्हाट्सएप को पत्र लिखकर अपना जवाब देने को कहा है. व्हाट्सएप से इन आरोपों पर विस्तृत जवाब देने और बताने को कहा गया है कि इससे भारतीय प्रयोगकर्ता किस हद तक प्रभावित हुए हैं.

व्हाट्सएप ने कहा कि दुनियाभर में करीब 1,400 स्मार्टफोन को निशाना बनाने का प्रयास किया है. इनमें भारत भी शामिल है.

व्हाट्सएप ने कहा, 'उसका मानना है कि समाज के करीब 100 सदस्यों को इसका निशाना बनाने का प्रयास किया गया. यह संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि और प्रभावित लोग सामने आ रहे हैं.'

व्हाट्सएप प्रमुख विल कैथकार्ट ने 'वाशिंगटन पोस्ट' में 'ओप-एड' में लिखा है, 'ऐसे उपकरण जो हमारी निजी जीवन की निगरानी कर सकते हैं, उनका दुरुपयोग हो रहा है. इस तरह की प्रौद्योगिकी का गैर जिम्मेदार सरकारों और कम्पनियों के पास पहुंचना हम सभी के लिए जोखिम पैदा करता है.'

(पीटीआई इनपुट)

नई दिल्ली : फेसबुक के स्वामित्व वाली कम्पनी व्हाट्सएप ने कहा है कि इजराइली स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं.

इस बीच, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने इजराइली स्पाईवेयर (जासूसी साफ्टवेयर) के मुद्दे पर व्हाट्सएप से जवाब मांगा है. व्हाट्सएप से अपना जवाब चार नवम्बर तक देने को कहा गया है.

व्हाट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है. यह इजराइली कम्पनी है, जो निगरानी करने का काम करती है. समझा जाता है कि इसी कम्पनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये कुछ इकाइयों के जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किये हैं.

इन इकाइयों का नाम नहीं बताया गया है, लेकिन कहा गया है कि जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं, वे चार महाद्वीपों में फैले हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं.

हालांकि, व्हाट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किये गये हैं.

व्हाट्सएप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया या वे कौन लोग हैं. कम्पनी ने कहा कि मई में उसे एक ऐसे साइबर हमले का पता चला, जिसमें उसकी वीडियो कॉलिंग प्रणाली के जरिये प्रयोगकर्ताओं को मालवेयर भेजा गया.

व्हाट्सएप ने कहा कि उसने करीब 1,400 प्रयोगकर्ताओं को विशेष व्हाट्सएप संदेश के जरिये इसकी जानकारी दी है. कम्पनी को लगता है कि ये व्यक्ति इस मालवेयर से प्रभावित हुए हैं.

हालांकि कम्पनी ने भारत में इस स्पाईवेयर हमले से प्रभावित लोगों की संख्या नहीं बतायी है, लेकिन उसके प्रवक्ता ने कहा, 'इस सप्ताह हमने जिन लोगों से संपर्क किया है उनमें भारतीय प्रयोगकर्ता भी शामिल हैं.'

वैश्विक स्तर पर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वालों की संख्या डेढ़ अरब है. भारत में करीब 40 करोड़ लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं.

व्हाट्सएप ने मंगलवार को कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में इजराइल की साइबर इंटेलिजेंस कम्पनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है.

हालांकि, एनएसओ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह लाइसेंसधारी सरकारी खुफिया और विधि प्रवर्तन एजेंसियों को प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराती है, जिससे ये एजेंसियां आतंकवाद और गंभीर अपराध से संबंधित मामलों में लड़ सकें. हमारी प्रौद्योगिकी का डिजाइन या लाइसेंस मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए नहीं है.

इस बीच, आईटी मंत्रालय ने इस मुद्दे पर व्हाट्सएप से सोमवार चार नवम्बर तक जवाब देने को कहा है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने इस बारे में व्हाट्सएप को पत्र लिखकर अपना जवाब देने को कहा है. व्हाट्सएप से इन आरोपों पर विस्तृत जवाब देने और बताने को कहा गया है कि इससे भारतीय प्रयोगकर्ता किस हद तक प्रभावित हुए हैं.

व्हाट्सएप ने कहा कि दुनियाभर में करीब 1,400 स्मार्टफोन को निशाना बनाने का प्रयास किया है. इनमें भारत भी शामिल है.

व्हाट्सएप ने कहा, 'उसका मानना है कि समाज के करीब 100 सदस्यों को इसका निशाना बनाने का प्रयास किया गया. यह संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि और प्रभावित लोग सामने आ रहे हैं.'

व्हाट्सएप प्रमुख विल कैथकार्ट ने 'वाशिंगटन पोस्ट' में 'ओप-एड' में लिखा है, 'ऐसे उपकरण जो हमारी निजी जीवन की निगरानी कर सकते हैं, उनका दुरुपयोग हो रहा है. इस तरह की प्रौद्योगिकी का गैर जिम्मेदार सरकारों और कम्पनियों के पास पहुंचना हम सभी के लिए जोखिम पैदा करता है.'

(पीटीआई इनपुट)

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.NEWDELHI DEL49
BIZ-WHATSAPP-IT MINISTRY
IT Ministry seeks WhatsApp's response on spyware issue; gives time till Nov 4 to reply
New Delhi, Oct 31 (PTI) The IT Ministry on Thursday sought a detailed response from WhatsApp on the issue of an Israeli spyware that was allegedly used to target
Indian journalists and human rights activists through its platform.
WhatsApp has been asked to submit its reply by November 4.          
The ministry has written to WhatsApp seeking its response on the matter, a senior government official told PTI.
On Thursday, Facebook-owned WhatsApp said Indian journalists and human rights activists were among those globally spied upon by unnamed entities using an Israeli sypware Peagasus.
         WhatsApp said it was suing NSO Group, an Israeli surveillance firm, that is reportedly behind the technology that helped unnamed entities' spies to hack into phones of roughly 1,400 users.
         These users span across four continents and included diplomats, political dissidents, journalists and senior government officials.
         However, it did not say on whose behest the phones of journalists and activists across the world were targeted. PTI MBI
RAM
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NNNN
Last Updated : Oct 31, 2019, 6:48 PM IST
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