नवापुर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को यह घोषणा करने की चुनौती दी कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को बहाल करेगी.
भाजपा अध्यक्ष शाह ने महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने विशाल जनादेश से दूसरी बार सत्ता में आने के बाद पहला काम अनुच्छेद 370 को खत्म करने का किया है. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था.
शाह ने कहा, 'विशेष प्रावधानों की वजह से पाकिस्तान ने राज्य में आतंकवाद को भड़काया, जिसमें 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गये. कश्मीर का विकास रुक गया. लेकिन कांग्रेस इन प्रावधानों को खत्म करने के लिए राजी नहीं थी. वह अपने वोट बैंक के लिए चिंतित थी और उसे राष्ट्रहित की कोई चिंता नहीं थी. '
उन्होंने कहा, 'किसी भी प्रधानमंत्री ने फैसला लेने का साहस नहीं दिखाया. मोदी ने 56 इंच के सीने के साथ ऐसा किया.'
शाह ने कहा, 'राहुल गांधी कहते हैं कि महाराष्ट्र का अनुच्छेद 370 से क्या वास्ता है. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह घोषणा करें कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को लागू करेगी. अब भी विधानसभा चुनाव होने में एक दिन बचा हुआ है. देखिएगा लोग कैसा जवाब देंगे. क्या आप नहीं चाहते कि कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा हो.
शाह ने कहा कि नंदूरबार को मोदी सरकार की आदिवासी विकास नीति के तहत 115 जिलों में शामिल किया गया.
उन्होंने कहा, 'अगले पांच साल में नंदूरबार देश में अग्रणी आदिवासी जिला होगा और महाराष्ट्र नंबर वन राज्य होगा.'
शाह ने आदिवासी कल्याण के लिए राज्य सरकार और केंद्र द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों का उल्लेख किया.
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उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए स्मारक निर्माण कराने का फैसला किया. इसी तरह एकलव्य मॉडल स्कूल शुरू किया गया है.'
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आदिवासियों का इस्तेमाल केवल वोट के लिए किया और कभी उनके विकास के लिए काम नहीं किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 55 वर्षों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया. उसके विपरीत मोदी सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया.